नई दिल्ली। Operation Sindoor के दौरान पाकिस्तान के बहावलपुर में आतंकी मसूद अजहर का पूरा परिवार खत्म हो गया था। यह बात जैश-ए-मोहम्मद के एक प्रमुख कमांडर मसूद इलियास ने कबूल की है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय फौज ने जैश के अड्डे पर मिसाइल से हमला किया था। चूंकि हमले के समय मसूद वहां मौजूद नहीं था, इसलिए वह बच गया था, लेकिन परिवार वाले मारे गए जिनके शव के टुकड़े मिले थे।
पाकिस्तानी मीडिया की खबरों के अनुसार, मसूद इलियास कश्मीरी ने अपने कबूलनामे में कहा कि 7 मई 2025 की रात भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर जैश और लश्कर के ठिकानों पर हवाई हमले किए थे। उनका निशाना बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय भी था, जहां मसूद अजहर अपने परिवार के साथ रहता था, लेकिन हमले में उसका पूरा परिवार खत्म हो गया।
बहावलपुर पाकिस्तान के पंजाब इलाके में है, जहां मरकज सुब्हान अल्लाह नाम की जगह पर जैश का मुख्यालय था, जो जमीन के नीचे गहराई में बनाया गया था, लेकिन भारतीय सेना की मिसाइल ने उसे तबाह कर दिया। हमले में पूरे परिवार के मारे जाने से मसूद अजहर बहुत दुखी हो गया है और अब तक उस दर्द से बाहर नहीं निकल पाया है, लेकिन उसने जैश के अड्डों को दोबारा बनवा लिया है।
जानकारी के मुताबिक, पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था, जिसमें पाकिस्तान में जैश और लश्कर के 9 ठिकाने नष्ट किए गए थे। सैटेलाइट तस्वीरों से भी साबित हुआ था कि हमले में मरकज सुब्हान अल्लाह मलबे में बदल गया था। भारतीय सेना की प्रवक्ता कर्नल सोफिया कुरैशी ने प्रेस मीटिंग में भी बताया था कि मरकज सुब्हान अल्लाह में जैश का मुख्यालय पूरी तरह बर्बाद हो गया है।
भारत का ऑपरेशन सिंदूर
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में 26 आम लोगों के मारे जाने के कुछ हफ्तों बाद, भारतीय सेनाओं ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। इसमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों को लक्ष्य बनाते हुए, पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकवादी जगहों पर एक साथ हमले किए गए।
पाकिस्तान ने बाद में माना कि हमलों से नौ ठिकाने प्रभावित हुए, जिनमें बहावलपुर, कोटली और मुरीदके जैसे इलाके शामिल हैं – ये सभी आतंकवादी गतिविधियों के मशहूर केंद्र हैं।
पाकिस्तान के 12वें सबसे बडे शहर बहावलपुर को भी निशाना बनाया गया क्योंकि यह जैश-ए-मोहम्मद का मुख्य आधार है। लाहौर से करीब 400 किमी दूर स्थित, जामिया मस्जिद सुब्हान अल्लाह में जैश-ए-मोहम्मद का कामकाजी मुख्यालय है, जिसे उस्मान-ओ-अली कैंपस के नाम से भी जाना जाता है।
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