नई दिल्ली। गुजरात के पूर्व सीएम विजय रुपाणी (Vijay Rupani) के विमान दुर्घटना में निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार में हुए खर्च को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। राजकोट में अंतिम संस्कार और उससे जुड़ी व्यवस्थाओं पर 20 लाख रुपये से ज़्यादा खर्च हुए, लेकिन भाजपा ने इन खर्चों से खुद को अलग कर लिया और दिवंगत नेता के परिवार को ही सारा खर्च वहन करने के लिए छोड़ दिया है।
परिवार के करीबी लोगों ने बताया कि विजय रूपाणी ने अपना पूरा जीवन भाजपा और समाज की सेवा को समर्पित किया था। ऐसे में उनकी अंतिम यात्रा का खर्च उठाने से पार्टी का पीछे हटना परिवार के लिए बेहद दुखद रहा। परिवार का कहना है कि उन्हें पैसों की कमी नहीं है, लेकिन पार्टी का यह रवैया इंसानियत और सम्मान के नजरिए से ठीक नहीं माना जा सकता।
रूपाणी के गृहनगर राजकोट में उनके अंतिम संस्कार के जुलूस में भारी भीड़ उमड़ी, जहां एक विशाल गुंबद, फूल और अन्य व्यवस्थाएं की गईं। शुरुआत में माना जा रहा था कि स्थानीय भाजपा इसका खर्च वहन करेगी। लेकिन जब ठेकेदार बिल लेकर पार्टी कार्यालय पहुंचे, तो उन्हें बताया गया कि भुगतान रूपाणी परिवार ही करेगा। परिवार को इस बात का एहसास तब हुआ जब भुगतान चाहने वाले उनके पास पहुंचे।
हालांकि, पार्टी ने अहमदाबाद और गांधीनगर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए, जहाँ क्षेत्रीय और सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं ने पूरी जिम्मेदारी निभाई।
शहर भाजपा अध्यक्ष माधव दवे ने इस मुद्दे पर अटकलों को खारिज करते हुए कहा, “पार्टी ने वह सब कुछ किया जो उसे करना चाहिए था, और परिवार ने भी वह सब कुछ किया जो उन्हें करना चाहिए था। यह मुद्दा चर्चा के लिए नहीं है। हमारी ओर से किसी को भी बिल के संबंध में उनके परिवार के पास नहीं भेजा गया है।”
हालाँकि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने रूपाणी के निधन के तुरंत बाद शोक संवेदना व्यक्त की थी, लेकिन अंतिम संस्कार के खर्च को लेकर हुए विवाद ने स्थानीय स्तर पर सवाल खड़े कर दिए हैं और पार्टी की राजकोट इकाई में भी नाराज़गी के संकेत हैं।
अनुशासित और प्रतिष्ठित व्यक्ति होने के नाते, परिवार के सदस्य इस विवाद पर चुप रहे हैं, लेकिन उनके करीबी पार्टीजनों के ज़रिए ये बातें सामने आई हैं।