बस्तर। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सलियों की लगाई आईईडी के ब्लास्ट होने से दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। दंतेवाड़ा के बारसूर में यह ब्लास्ट हुआ है। दोनों घायल जवान CRPF के थे। पहले उन्हें अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन फिर प्रारंभिक इलाज के बाद जवानों को रायपुर लाया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार बारसूर पल्ली मार्ग में आईईडी ब्लास्ट हुआ है। बारसूर पल्ली मार्ग के सात धार के पास सीआरपीएफ की 195वीं बटालियन के जवान एरिया डॉमिनेशन पर निकले थे। तभी एक जवान का पैर आईईडी में पड़ा और ब्लास्ट हो गया।
मालेवाही थाना क्षेत्र में 195 वाहिनी मुख्यालय से सातधार और मालेवाही के मध्य एंटी नक्सल ऑपरेशन के तहत एरिया डोमिनेशन और डिमाइनिंग के लिए टीम रवाना हुई थी। तभी सुबह साढ़े 10 बजे सातधार पुल से 800 मीटर आगे नक्सलियों के लगाए प्रेशर आईईडी के चपेट में आने से दो जवान घायल हो गए हैं।
इन्हें तत्काल प्राथमिक उपचार के लिए जिला अस्पताल दंतेवाड़ा में भर्ती किया गया है। घायलों में इंस्पेक्टर दीवान सिंह गुर्जर और आरक्षक आलम मुनेश हैं। बाद में जवानों को बेहतर उपचार हेतु एयरलिफ्ट कर रायपुर उच्च सेंटर शिफ्ट किया गया।
नाराणपुर में 16 माओवादियों ने किया सरेंडर
दंतेवाड़ा में आईईडी ब्लास्ट की घटना के बीच नारायणपुर में 16 माओवादियों ने पुलिस के सामने सरेंडर किया। ये सभी नक्सलियों के सैफ हाऊस लंका और डूंगा जैसे घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में एक्टिव थे।
सरेंडर करने वाले जनताना सरकार सदस्य, पंचायत मिलिसिया डिप्टी कमांडर, पंचायत सरकार सदस्य, पंचायत मिलिसिया सदस्य और न्याय शाखा अध्यक्ष थे, जिन्होंने मुख्य धारा में जुड़ने की शपथ ली ।
इस वर्ष 164 बड़े/छोटे कैडर के माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पित माओवादियों को प्रोत्साहन राशि 50 हजार का चेक दिया गया। इन सभी को नक्सल उन्मूलन नीति के तहत मिलने वाली सभी प्रकार की सुविधाएं दिलाई जाएंगी।
सरेंडर नक्सलियों ने इंट्रोगेशन में किया खुलासा कि शीर्ष कैडर के माओवादी लीडर्स आदिवासियों के सबसे बड़े और असली दुश्मन, समानता और न्याय के झूठे सपने दिखाकर बस्तर के लोगों गुलाम बनाते हैं।

