नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
यह खबर चौंकाने वाली मगर सच है। कर्नाटक के बांदीपुर टाइगर रिजर्व के बफर ज़ोन में स्थित बोम्मालापुरा गांव के गुस्साए ग्रामीणों ने मंगलवार को कर्नाटक वन विभाग के दस कर्मचारियों को एक बाघ को पकड़ने के लिए बनाए गए बाड़े में धकेल दिया।
घंटों तक उन्हें जबरन पिंजरे में बंद रखा गया। ग्रामीण विभाग द्वारा बाघ को न पकड़ पाने से नाराज़ थे और वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद ही उन्होंने कर्मचारियों को छोड़ा।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एमएन शशिधर ने कहा है कि एक वन अधिकारी की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया और पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया।
बाघ को पहले गंगप्पा नाम के एक स्थानीय किसान के खेत में देखा गया था। चामराजनगर जिले के गुंडलुपेट तालुका के इस इलाके में कई मवेशियों के मारे जाने की खबरें आई थीं और ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों पर अपर्याप्त कार्रवाई का आरोप लगाया था। एक स्थानीय किसान ने कहा, “हमने बार-बार शिकायत की है, लेकिन कोई तलाशी अभियान नहीं चलाया गया। सिर्फ़ पिंजरा लगाना ही काफ़ी नहीं है।”
मंगलवार को जब ग्रामीणों ने एक और बाघ देखे जाने की सूचना दी, तो स्थिति और बिगड़ गई। वन अधिकारियों की ओर से देरी से कार्रवाई से नाराज़ ग्रामीणों ने 10 सदस्यीय वन टीम के पहुंचने पर उनसे भिड़ गए और उन्हें पिंजरे में बंद कर दिया।
किसानों ने अब वन विभाग के कार्यालय का घेराव करने की धमकी दी है। रैयत संघ के नेता होन्नूर प्रकाश ने चेतावनी दी है कि अगर वन विभाग बाघ को पकड़ने में नाकाम रहा, तो वे उनके कार्यालय में घुस जाएंगे।
चामराजनगर जिले में जहां दो बाघ अभयारण्य और एक वन्यजीव अभयारण्य है, मानव-पशु संघर्ष हाल के वर्षों में बढ़ रहा है। जुलाई में स्थानीय किसानों ने माले महादेश्वर हिल्स वन्यजीव अभयारण्य में एक बाघिन और उसके चार शावकों को जहर दे दिया क्योंकि उस बाघिन ने एक किसान के मवेशी को मार डाला था।
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