Vice President Election: भारत में आज 17वें उपराष्ट्रपति के लिए मतदान हो रहा है। संसद भवन में सुबह 10 बजे से शुरू हुए इस मतदान में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद अपने वोट डाल रहे हैं। इस बार का चुनाव रोमांचक माना जा रहा है क्योंकि सत्ताधारी एनडीए और विपक्षी इंडिया गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला है। दोनों पक्ष अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं लेकिन नंबर गेम में एनडीए का पलड़ा भारी दिख रहा है।
कौन हैं उम्मीदवार?
एनडीए ने महाराष्ट्र के राज्यपाल और तमिलनाडु के वरिष्ठ बीजेपी नेता सी.पी. राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया है। दूसरी ओर इंडिया गठबंधन ने तेलंगाना से ताल्लुक रखने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा है। दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से हैं जिससे यह मुकाबला और भी खास हो गया है।
वोटिंग की प्रक्रिया
संसद भवन के वसुधा हॉल में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा। इसके बाद शाम 6 बजे से वोटों की गिनती शुरू होगी और देर शाम तक परिणाम घोषित होने की उम्मीद है। कुल 781 सांसद इस चुनाव में वोट डाल सकते हैं लेकिन कुछ पार्टियों के बहिष्कार के कारण वोटरों की संख्या 770 रह सकती है। जीत के लिए 386 वोटों की जरूरत होगी।
वोटिंग की प्रक्रिया सख्त है। सांसदों को अपने पसंदीदा उम्मीदवार के नाम के सामने सिर्फ ‘1’ या ‘2’ लिखना होगा। अगर कोई गलती हुई, तो वोट अमान्य हो सकता है। इस चुनाव में कोई व्हिप जारी नहीं होता यानी सांसद अपनी मर्जी से वोट डाल सकते हैं। इस वजह से क्रॉस वोटिंग की संभावना भी बनी हुई है।
कौन-सी पार्टियां नहीं डालेंगी वोट?
तीन प्रमुख पार्टियों ने इस चुनाव से दूरी बनाने का फैसला किया है:
बीजू जनता दल (बीजेडी): ओडिशा की यह पार्टी 7 सांसदों के साथ वोटिंग से बाहर रहेगी।
भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस): तेलंगाना की के. चंद्रशेखर राव की पार्टी के 4 सांसद वोट नहीं डालेंगे।
शिरोमणि अकाली दल (एसएडी): पंजाब में बाढ़ की स्थिति के कारण यह पार्टी भी मतदान से दूर रहेगी।
किसके पास कितना समर्थन?
संख्याबल के हिसाब से एनडीए की स्थिति मजबूत है। एनडीए के पास 429 सांसदों का समर्थन है जिसमें वाईएसआर कांग्रेस (YSRCP) का भी साथ है। वहीं, इंडिया गठबंधन के पास 324 सांसदों का समर्थन है, जिसमें AIMIM और आम आदमी पार्टी शामिल हैं। इंडिया गठबंधन को क्रॉस वोटिंग से कुछ अतिरिक्त वोट मिलने की उम्मीद है लेकिन बहुमत के लिए जरूरी 386 वोटों तक पहुंचना उनके लिए चुनौतीपूर्ण है।
चुनाव से पहले सियासी हलचल
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह सबसे पहले वोट डाला। एनडीए ने सांसदों को एकजुट करने के लिए खास रणनीति बनाई है। सांसदों को क्षेत्र के हिसाब से समूहों में बांटा गया है और प्रत्येक समूह के लिए एक वरिष्ठ मंत्री को जिम्मेदारी दी गई है।
- कांग्रेस के दिग्गज नेता मल्लिकार्जुन खरगे,सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने भी वोट डाला। इंडिया गठबंधन ने अपने सांसदों को गलतियों से बचाने के लिए मॉक ड्रिल की ताकि वोट अमान्य न हों।
- कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर सवाल उठाए। धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया था जिसके बाद यह चुनाव हो रहा है। रमेश ने कहा कि धनखड़ ने किसानों की उपेक्षा और सरकार के रवैये पर चिंता जताई थी, लेकिन उनकी चुप्पी सवाल खड़े कर रही है।
क्यों है यह चुनाव अहम?
यह चुनाव सिर्फ उपराष्ट्रपति चुनने का नहीं बल्कि एक सियासी शक्ति प्रदर्शन का मौका भी है। एनडीए न केवल जीत चाहता है, बल्कि बड़े अंतर से जीत दर्ज कर अपनी ताकत दिखाना चाहता है। दूसरी ओर, इंडिया गठबंधन क्रॉस वोटिंग के जरिए बाजी पलटने की कोशिश में है। राहुल गांधी ने सांसदों से “अंतरआत्मा की आवाज” पर वोट डालने की अपील की है।
इतिहास में उपराष्ट्रपति चुनाव
पिछले उपराष्ट्रपति चुनाव (2022) में जगदीप धनखड़ ने 528 वोटों के साथ विपक्ष की मार्गरेट अल्वा (182 वोट) को हराया था। अब तक केवल 4 बार ही उपराष्ट्रपति निर्विरोध चुने गए हैं। इस बार का मुकाबला कांटे का है क्योंकि दोनों पक्षों ने पूरी ताकत झोंक दी है।
क्या होगा नतीजा?
संख्याबल के आधार पर एनडीए के सी.पी. राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है लेकिन इंडिया गठबंधन क्रॉस वोटिंग के दम पर उलटफेर की उम्मीद कर रहा है। शाम तक परिणाम सामने आ जाएंगे और देश को अपना 17वां उपराष्ट्रपति मिल जाएगा।