रायपुर। छत्तीसगढ़ में 20 अगस्त को हुए सरकार के कैबिनेट विस्तार पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। मंत्रीमंडल में 14 मंत्री रखे जाने को लेकर कांग्रेस ने चुनौती देते हुए याचिका लगाई थी। कांग्रेस के मीडिया सेल प्रभारी सुशील आनंद शुक्ला की तरफ से यह याचिका लगाई गई थी।
हाई कोर्ट के जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की सिंगल बेंच में यह सुनवाई हुई। सरकार की तरफ से पेश हुए वकील ने कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में पहले ही इस संबंध में याचिका लगाई गई है, जिस पर डबल बेंच में सुनवाई हो रही है।
इस पर कोर्ट की सिंगल बेंच ने डिवीजन बेंच में पेंडिंग जनहित याचिका के साथ सुशील शुक्ला की याचिका को कनेक्ट किया है। इसका मतलब यह हुआ है कि अब जब भी जनहित याचिका पर होगी सुनवाई तो सुशील शुक्ला की याचिका पर भी सुनवाई होगी।
14 वें मंत्री राजेश अग्रवाल की नियुक्ति को कांग्रेस ने असंवैधानिक बताते हुए याचिका लगाई थी। याचिका में राजेश अग्रवाल की नियुक्ति को रद्द करने की याचिका की मांग गई है।
छत्तीसगढ़ में हाल ही में हुए मंत्रिमंडल कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला की ओर से दाखिल याचिका में याचिकाकर्ता का तर्क है कि यह निर्णय संविधान के अनुच्छेद 164(1ए) का उल्लंघन है, क्योंकि सदन की संख्या के आधार पर मंत्रियों की अधिकतम सीमा पहले ही पूरी हो चुकी है। गौरतलब है कि इससे पहले रायपुर के समाजसेवी वासुदेव चक्रवर्ती ने भी इसी मुद्दे को लेकर जनहित याचिका दाखिल की थी।
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