रायपुर। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के संविदा कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (15 सितंबर) और मॉप-अप दिवस (19 सितंबर) को स्थगित कर दिया गया है। स्वास्थ्य सेवाएं संचालनालय, अटल नगर, नवा रायपुर के संयुक्त संचालक ने सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (CMHO) को आदेश जारी कर इसकी जानकारी दी है। नई तारीखों की घोषणा जल्द की जाएगी। हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं, जिससे यह महत्वपूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रम रुक गया है। कर्मचारी नियमितीकरण, 27% वेतन वृद्धि, ग्रेड पे और अन्य 10 सूत्रीय मांगों को लेकर 18 अगस्त 2025 से हड़ताल पर हैं। NHM NIYAMITKARAN
संविदा कर्मचारियों का अनोखा विरोध, स्वास्थ्य सेवाओं पर संकट
छत्तीसगढ़ प्रदेश NHM कर्मचारी संघ के बैनर तले कर्मचारियों ने हड़ताल के 20वें दिन जिला मुख्यालय के बस स्टैंड पर ‘संविदासुर’ नामक पुतले का दहन कर अपनी मांगों को लेकर सरकार का ध्यान खींचा। कर्मचारियों का कहना है कि संविदा व्यवस्था उनके लिए राक्षस बन चुकी है और वे इसे खत्म करने की मांग कर रहे हैं। हड़ताल के कारण टीकाकरण, मातृ-शिशु देखभाल और अन्य स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गई हैं, जिससे मरीजों को भारी परेशानी हो रही है। कर्मचारी संघ के अध्यक्ष डॉ. अमित मिरी ने कहा कि सरकार केवल आश्वासन दे रही है, लेकिन अब वे लिखित आदेश चाहते हैं। 14,000 कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है, और 25 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है।
सरकार और कर्मचारियों में टकराव, क्या होगा समाधान?
NHM के लगभग 16,000 कर्मचारी पूरे प्रदेश के 33 जिलों में हड़ताल पर हैं। रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने आंदोलन को समर्थन दिया है, जिससे यह मुद्दा और गर्म हो गया है। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे जल सत्याग्रह और मंत्रियों के घरों का घेराव करेंगे। दूसरी ओर, स्वास्थ्य विभाग ने कर्मचारियों को काम पर लौटने का आदेश दिया है, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। केंद्र सरकार ने RTI के जवाब में कहा कि नियमितीकरण का फैसला राज्य सरकार के हाथ में है। अगर यह गतिरोध जल्द नहीं सुलझा, तो छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य व्यवस्था पर और बड़ा संकट मंडरा सकता है।