नई दिल्ली। GST COUNCIL: जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक शुरू हो गयी है, कर ढांचे में सुधार के लिए बड़े बदलावों पर लग सकती है मुहर। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी GST दरों के प्रस्तावों और सुधारों पर चर्चा होगी।
केंद्र सरकार टैक्स के मौजूदा स्ट्रक्चर को सरल करने के लिए दो स्लैब 5% और 18% लागू करने का प्रस्ताव ला रही है। वहीं, लग्जरी आइटम्स 40% के दायरे में आएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कहा था कि आने वाले दिनों में हम व्यापारियों को दीवाली का तोहफा देने जा रहे हैं ।
उन्होंने कहा था कि जीएसटी रिफॉर्म के बाद काफी चीजों पर टैक्स कम हो जाएगा. इसी बीच अब वो घड़ी आ गई है, जब व्यापारियों और किसानों का ये इंतजार खत्म होने वाला है। 5 सितम्बर मध्य रात्रि से नयी GST दरें लागू हों सकतीं हैं । एमएसएमई और मध्यम वर्ग को ध्यान में रखकर फैसला लिया जा सकता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में बुधवार को जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में ‘अगली पीढ़ी के जीएसटी’ सुधारों पर चर्चा शुरू हुई। विपक्ष शासित राज्यों ने मांग की है कि जीएसटी पुनर्गठन लागू होने के बाद राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई की जाए।
वहीं आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री पय्यावुला केशव ने कहा कि उनका राज्य केंद्र के जीएसटी दर प्रस्तावों का समर्थन करता है। केशव ने बैठक से पहले पत्रकारों से कहा, “गठबंधन सहयोगी के तौर पर हम केंद्र के जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने के प्रस्ताव का समर्थन करते हैं। यह आम जनता के हित में है।”
बुधवार सुबह परिषद की बैठक से पहले आठ विपक्षी शासित राज्य—हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल ने अपनी रणनीति तय करने के लिए बैठक की और कर दरों में बदलाव को मंजूरी देने के लिए राजस्व सुरक्षा की मांग दोहराई।
झारखंड के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने बताया कि केंद्र के जीएसटी दर सुधार लागू होने पर उनके राज्य को 2,000 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा। उन्होंने विपक्षी राज्यों की बैठक के बाद कहा, “अगर केंद्र हमारे नुकसान की भरपाई पर सहमत होता है, तो हमें परिषद के एजेंडे को मंजूरी देने में कोई दिक्कत नहीं होगी। मुझे नहीं लगता कि यह मामला मतदान तक जाएगा, क्योंकि संघीय ढांचे में राज्यों के राजस्व नुकसान की भरपाई करना केंद्र का दायित्व है।”
अगले दो दिनों तक परिषद जीएसटी स्लैब को घटाकर केवल दो दरें 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत—करने पर विचार करेगी, साथ ही 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत स्लैब को खत्म करने पर बात होगी। इसके अलावा, तंबाकू और अति-विलासिता वाली वस्तुओं जैसी कुछ खास चीजों पर 40 प्रतिशत का विशेष कर लगाने का प्रस्ताव भी सामने रखा गया है।
केंद्र द्वारा पेश और राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह द्वारा जांचे गए कर दर परिवर्तन के प्रस्ताव के मुताबिक, 12 प्रतिशत स्लैब में आने वाली 99 प्रतिशत वस्तुएं, जैसे मक्खन, फलों का रस और सूखे मेवे, अब 5 प्रतिशत की कम दर में शामिल होंगी। इसी तरह, एसी, टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन जैसी इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं और सीमेंट जैसी अन्य चीजों समेत 90 प्रतिशत वस्तुएं 28 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत की दर में आएंगी।
मौजूदा जीएसटी ढांचे में, 18 प्रतिशत स्लैब का जीएसटी संग्रह में सबसे बड़ा हिस्सा, यानी 65 प्रतिशत, है। 5 प्रतिशत स्लैब का योगदान 7 प्रतिशत है, जबकि 28 प्रतिशत की उच्चतम कर दर से 11 प्रतिशत और 12 प्रतिशत स्लैब से केवल 5 प्रतिशत राजस्व मिलता है।