रायपुर। छत्तीसगढ़ में आज प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कार्रवाई की. रायपुर, दुर्ग, भिलाई और बिलासपुर में एक साथ कई ठिकानों पर ईडी ने छापे मारा है. पूरी कार्रवाई डीएमएफ घोटाले को लेकर हुई है। राज्य की राजधानी रायपुर, दुर्ग, भिलाई और बिलासपुर जैसे शहरों में कई जगहों पर ईडी की टीमें सक्रिय रहीं। यह कार्रवाई जिला खनिज निधि (डीएमएफ) के गलत इस्तेमाल के मामले से जुड़ी है। कुल 18 से अधिक ठिकानों पर तलाशी ली गई, जिसमें ठेकेदार, व्यापारी और मध्यस्थ शामिल हैं। धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत यह जांच चल रही है।
शिवकुमार मोदी के घर पर दबिश
भिलाई के तीन इलाके में ईडी ने सबसे ज्यादा ध्यान केंद्रित किया। यहां सौम्या चौरसिया के पति और अन्ना भूमि ग्रीनटेक प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक शिवकुमार मोदी के घर पर छापेमारी हुई। कंपनी कृषि से जुड़े सामान बनाती है, जैसे ड्रिप सिंचाई सिस्टम, कांटेदार तार, चेन लिंक बाड़, आरसीसी के खंभे, सौर ऊर्जा वाले पानी के पंप और अन्य कृषि उपकरण। 6 से ज्यादा ईडी अधिकारी मौके पर हैं, और सुरक्षा के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) तैनात है। वित्तीय गड़बड़ियों की जांच के लिए दस्तावेजों की तलाश की जा रही है।
शंकर नगर में व्यापारी विनय गर्ग के घर पर ईडी पहुंची। 8 से 10 अधिकारियों की टीम के साथ सशस्त्र बल भी मौजूद थे। अमलीडीह के लविस्टा इलाके में व्यापारी पवन पोदार के निवास पर भी छापा पड़ा। पवन पोदार कृषि सामग्री की आपूर्ति करते हैं और उनके पास ट्रैक्टर एजेंसी भी है।
डीएमएफ घोटाले का क्या है मामला?
जिला खनिज निधि (डीएमएफ) खनन कंपनियों से आने वाला पैसा है, जो खनन प्रभावित इलाकों के विकास के लिए इस्तेमाल होता है। लेकिन आरोप है कि छत्तीसगढ़ बीज निगम के जरिए इस फंड का गलत इस्तेमाल किया गया। ठेकेदारों ने कुछ अधिकारियों और राजनीतिक लोगों की मदद से सरकारी पैसे में हेराफेरी की। यह जांच छत्तीसगढ़ पुलिस की तीन एफआईआर पर आधारित है, जिसमें पैसे की बंदरबांट का इल्जाम है।
ईडी ने पहले भी इस मामले में कई छापे मारे हैं। आज की कार्रवाई से राजनीतिक और व्यापारिक हलकों में हड़कंप मच गया है। जांच जारी है, और जल्द ही और खुलासे हो सकते हैं। स्थानीय लोग इस अभियान से चिंतित हैं, क्योंकि इससे आर्थिक अपराधों पर लगाम लग सकती है।