जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर में गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई तीन लोगों की मौत पर मुआवजे को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों पांच-पांच लाख और घायलों को पचास-पचास हजार रुपए की सहायता का ऐलान किया है। जिसके बाद कांग्रेस ने बीजेपी सरकार को घेरते हुए 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग कर दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक्स पर की गई पोस्ट में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से कहा है, “दिवंगतों को 50-50 लाख का मुआवजा प्रदान करें। पूर्व में जशपुर में मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए हादसे में हमारी सरकार ने भी 50 लाख रुपये सहायता देकर दिवंगत श्रद्धालु के परिजनों को आर्थिक संबल दिया था।”
वहीं सीएम साय ने एक्स पर पोस्ट कर घटना पर दुख जताया और मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए एवं घायलों को 50-50 हजार रूपए की सहायता की घोषणा की।
आपको बता दें कि जाशपुर के बगीचा में जुर्रुदांड में इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन भी किया था। जिसमें सरकार से मुआवजे की मांग और घटना के दोषियों पर कार्रवाई की मांग की गई थी।

कैसे हुआ हादसा
यह घटना मंगलवार रात करीब 10 बजे उस समय हुई, जब जशपुर के चराईडांड बगीचा स्टेट हाइवे के पास गणेश विसर्जन के लिए जुलूस निकाला जा रहा था। एक तेज रफ्तार बोलेरो कार अचानक बेकाबू होकर भीड़ में जा घुसी और कई श्रद्धालुओं को कुचल दिया।
जाशपुर के पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह ने बताया कि गणेश विसर्जन जुलूस के दौरान एक अनियंत्रित कार ने कई लोगों को टक्कर मार दी। इस हादसे में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 22 लोग घायल हुए हैं। कार चालक को हिरासत में ले लिया गया है।
मृतकों में 19 वर्षीय अरविंद करकेट्टा, 17 वर्षीय विपिन प्रजापति और 32 वर्षीय खिरोवती यादव शामिल हैं, जिनमें एक महिला भी थी। घायलों में से कई की हालत गंभीर है और उनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। 18 घायलों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से अंबिकापुर अस्पताल भेजा गया है, जिसमें चालक भी शामिल है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि डमरू यादव नामक व्यक्ति ने भी अंबिकापुर में दम तोड़ दिया। दो अन्य घायलों की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है। ग्रामीणों ने शिकायत की है कि प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवारों तक अभी तक कोई संवेदना या सहायता नहीं पहुंची है।
उन्होंने मृतकों के परिजनों के लिए 50-50 लाख रुपये और घायलों के लिए उनकी चोटों के आधार पर 10 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद की मांग की है। साथ ही, ग्रामीणों का आरोप है कि अगर विसर्जन के दौरान पर्याप्त पुलिस व्यवस्था होती, तो शायद यह हादसा टाला जा सकता था
यह भी देखें : कांग्रेस की बैठक में रविंद्र चौबे के खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्रवाई का प्रस्ताव पास