नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने इंदौर के कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े विवादास्पद कार्टून के मामले में बड़ी राहत दी है। अदालत ने उनके सोशल मीडिया पर जारी माफीनामे को स्वीकार करते हुए सशर्त अग्रिम जमानत दी है। कोर्ट ने मालवीय को निर्देश दिया है कि वे पुलिस जांच में पूरा सहयोग करें, नहीं तो जमानत रद्द हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मालवीय ने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर माफी मांगी है और हलफनामा दाखिल करने पर सहमति जताई है। इसके आधार पर अदालत ने 15 जुलाई को दी गई गिरफ्तारी से अंतरिम राहत को स्थायी कर दिया। जमानत की शर्त यह है कि मालवीय को जांच में सहयोग करना होगा। अगर वे ऐसा नहीं करते, तो मध्य प्रदेश पुलिस को सुप्रीम कोर्ट में जमानत रद्द करने की मांग करने का अधिकार होगा।
इससे पहले 19 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने मालवीय को सोशल मीडिया पर माफी मांगने की अनुमति दी थी, जिसके बाद उन्होंने माफी मांग ली। बता दें कि मई में इंदौर पुलिस ने वकील और आरएसएस कार्यकर्ता विनय जोशी की शिकायत पर मालवीय के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
जोशी ने दावा किया था कि मालवीय ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री डालकर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत किया और सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाया। मालवीय के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया कि उनके मुवक्किल ने केवल एक कार्टून पोस्ट किया था। अन्य उपयोगकर्ताओं द्वारा उस पर की गई टिप्पणियों की जिम्मेदारी उन पर नहीं डाली जा सकती। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने कहा कि सभी सबूत जुटाने के बाद ही समन जारी होगा।
यह भी देखें: पीएम मोदी और RSS से जुड़ा कार्टून हटाने पर हेमंत मालवीय सहमत