[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
डीएसपी पर शादी का झांसा देकर ठगी का आरोप लगाने वाले कारोबारी के खिलाफ जारी हुआ गिरफ्तारी वारंट
11,718 करोड़ की लागत से होगी डिजिटल जनगणना, 1 मार्च 2027 को आधी रात से होगी शुरुआत
तेलंगाना पंचायत चुनाव: कांग्रेस समर्थित उम्‍मीदवारों की भारी जीत, जानें BRS और BJP का क्‍या है हाल?
MNREGA हुई अब ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना’, जानिए कैबिनेट ने किए और क्‍या बदलाव ?
उत्तर भारत में ठंड का कहर, बर्फबारी और शीतलहर जारी, दिल्ली में ठंड और प्रदूषण की दोहरी मार
इंडिगो क्राइसिस के बाद DGCA ने लिया एक्शन, अपने ही चार इंस्पेक्टर्स को किया बर्खास्त,जानिये क्या थी वजह
ट्रैवल कारोबारी ने इंडिगो की मनमानी की धज्जियां उधेड़ी
287 ड्रोन मार गिराने का रूस का दावा, यूक्रेन कहा- हमने रक्षात्मक कार्रवाई की
रायपुर के होटल कारोबारी ने DSP पर लगाए गंभीर आरोप, DSP ने बताया षड्यंत्र
छत्तीसगढ़ सरकार को हाई कोर्ट के नोटिस के बाद NEET PG मेडिकल काउंसलिंग स्थगित
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
छत्तीसगढ़

जिस पहाड़ी में कालीदास ने रची मेघदूत, उस पहाड़ी में क्यों पड़ रहीं दरारें?

दानिश अनवर
दानिश अनवर
Byदानिश अनवर
Journalist
दानिश अनवर, द लेंस में जर्नलिस्‍ट के तौर पर काम कर रहे हैं। उन्हें पत्रकारिता में करीब 13 वर्षों का अनुभव है। 2022 से दैनिक भास्‍कर...
Follow:
- Journalist
Published: September 2, 2025 6:29 PM
Last updated: September 3, 2025 12:38 PM
Share
Parsa Kente Coal Mines
SHARE

रायपुर। मध्य भारत के धार्मिक महत्व वाले रामगढ़ की पहाड़ी में दरारें पड़ने लगी हैं। यह वही पहाड़ी है जिसे न केवल आदिवासी आस्था और सरगुजा का धार्मिक केंद्र माना जाता है, बल्कि पुरातात्विक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय दृष्टि से भी अहम है। यह वही पहाड़ी है जिसे राम व सीता का निवास भी माना जाता है। इसी पहाड़ी में कालीदास ने मेघदूत की रचना की थी।  

इस पहाड़ी की इन दिनों राजनीतिक गलियारे में चर्चा तेज है। पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को रामगढ़ की पहाड़ी को लेकर एक पत्र लिखा है। टीएस सिंह देव ने सरगुजा केे रामगढ़ पहाड़ी के संरक्षण को लेकर पत्र लिखा है।

स्थानीय लोग दावा कर रहे हैं कि खनन की वजह से पहाड़ी में दरारें पड़ रही हैं। इसका असर ऐतिहासिक महत्व वाले राम सीता मंदिर पर भी पड़ रहा है।

मंगलवार को सिंह देव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाया कि रामगढ़ पहाड़ी का धार्मिक महत्व है और खनन गतिविधियों के कारण पहाड़ी और मंदिर में दरारें आ रही हैं। टीएस सिंह देव ने कहा कि मुख्यमंत्री को 6 पन्नों का तथ्यात्मक पत्र लिखकर उन्होंने सरगुजा की धार्मिक व सांस्कृतिक धरोहर रामगढ़ पर्वत को बचाने की गुहार लगाई है।

पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि परसा-केंते कोल ब्लॉक एक्सटेंशन की खुदाई से रामगढ़ की पहाड़ी इस धरोहर पर संकट मंडरा रहा है। श्रीराम के वनवास काल से जुड़ा यह महत्वपूर्ण स्थल है और इसे हर हाल में बचाना जरूरी है।

पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि हाल ही में वन मंडला अधिकारी (DFO) ने परसा क्षेत्र में खनन प्रक्रिया की अनुमति देने वाला एक पत्र जारी किया। परसा क्षेत्र को लेकर दो NOC जारी की है, जो गलत जानकारी देकर जारी की गई है।

सिंहदेव ने डीएफओ की रिपोर्ट में उल्लेखित निर्देशांकों पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ‘NOC में जानकारी दी गई है कि पहाड़ी और मंदिर 11 किमी दूर है लेकिन अगर निर्देशांकों को देखें तो दूरी 10 किमी से कम है। ऐसे में साफ है कि NOC देने के लिए गलत जानकारी दी गई है।

उन्होंने कहा कि लोगों ने चिंता व्यक्त की है कि यदि खनन प्रक्रिया आगे बढ़ी, तो यह धार्मिक स्थल को और अधिक नुकसान पहुंचेगा। सिंहदेव ने आगे बताया कि कांग्रेस शासन के दौरान विधानसभा में खनन के आगे विस्तार को रोकने का प्रस्ताव पारित किया गया था।

इस मुद्दे को एनजीटी के समक्ष उठाया गया था और ट्रिब्यूनल ने वन्यजीव संस्थान भारत के समक्ष जाने का निर्देश दिया। इसके अलावा इसे ‘नो गो क्षेत्र’ घोषित करने की सिफारिश भी की थी। सिंहदेव ने कहा कि रामगढ़ पहाड़ी के संरक्षण के लिए एक समिति का गठन किया गया है।

टीएस ने सीएम को जो पत्र लिखा कि मैं यह पत्र गहन व्यथा के साथ लिख रहा हूं, क्योंकि 26 जून 2025 को डीएफओ ने केते एक्सटेंशन कोल ब्लॉक के संबंध में प्रस्तुत स्थल निरीक्षण प्रतिवेदन में 1742.155 हेक्टेयर वन भूमि के डायवर्सन की अनुशंसा की गई है।

टीएस ने पत्र में लिखा है कि प्रतिवेदन का संंक्षिप्त अवलोकन बताता है कि इसमें कई महत्वपूर्ण तथ्यों की उपेक्षा की गई है। यदि इस खनन को स्वीकृति प्रदान की जाती है तो यह रामगढ़ पहाड़ी के अस्तित्व के लिए गंभीर खतरा होगा। डीएफओ ने सरगुजा के 10 बिंदुओं वाले प्रतिवेदन को शासकीय रिकॉर्ड के हवाले से खंडित किया है।

टीएस सिंह देव ने कहा कि स्थल निरीक्षण प्रतिवेदन में बिंदु 10 के अंतर्गत प्रश्न पूछा गया था कि क्या आवेदित क्षेत्र किसी इकोलॉजिकल सेंसेटिव क्षेत्र यानी कि राष्ट्रीय उद्यान, अभ्यारण्य, बायो स्फेयर रिजर्व, प्राकृतिक झील, आदिवासी सेटलमेंट क्षेत्र, धार्मिक स्थल की सीमा के 10 वर्ग किमी के अंतर्गत है या नहीं।

इस सवाल के जवाब में डीएफओ ने अपने पत्र में लिखा कि रामगढ़ पुरातात्विक स्थल और पर्यटन क्षेेत्र केते एक्सटेंशन कोल ब्लॉक से 11 किलाे मीटर की दूरी पर स्थित है। यह एक पुरातात्विक महत्व का धार्मिक स्थल है।

इस जवाब के साथ डीएफओ के दिए रामगढ़ के जीपीएस लोकेशन को टीएस सिंह देव ने गलत बताया।

टीएस ने आगे बताया कि वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, देहरादून ने एनजीटी के आदेश के तहत पूरे हसदेव अरण्य कोलफील्ड को लेकर जो बायोडायवर्सिटी असेसमेंट स्टडी ने रिपोर्ट दी, उसमें भी साफ जिक्र किया गया था कि वर्तमान में संचालित परसा ईस्ट केते बासेन कोल ब्लॉक के अतिरिक्त हसदेव अरण्य कोल फील्ड के अन्य क्षेत्रों को नो गो एरिया घोषित कर खनन पर रोक लगाने की अनुशंसा की है।

यह भी पढ़े : अडानी को लेकर भूपेश के आरोपों पर भाजपा ने किन दस्तावेजों के साथ कांग्रेस पर किया पलटवार?

TAGGED:Top_News
Byदानिश अनवर
Journalist
Follow:
दानिश अनवर, द लेंस में जर्नलिस्‍ट के तौर पर काम कर रहे हैं। उन्हें पत्रकारिता में करीब 13 वर्षों का अनुभव है। 2022 से दैनिक भास्‍कर में इन्‍वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग टीम में सीनियर रिपोर्टर के तौर पर काम किया है। इस दौरान स्‍पेशल इन्‍वेस्टिगेशन खबरें लिखीं। दैनिक भास्‍कर से पहले नवभारत, नईदुनिया, पत्रिका अखबार में 10 साल काम किया। इन सभी अखबारों में दानिश अनवर ने विभिन्न विषयों जैसे- क्राइम, पॉलिटिकल, एजुकेशन, स्‍पोर्ट्स, कल्‍चरल और स्‍पेशल इन्‍वेस्टिगेशन स्‍टोरीज कवर की हैं। दानिश को प्रिंट का अच्‍छा अनुभव है। वह सेंट्रल इंडिया के कई शहरों में काम कर चुके हैं।
Previous Article EC notice to Pawan Khera दो वोटर आईडी मामले में पवन खेड़ा को चुनाव आयोग का नोटिस
Next Article maraatha aarakshan aandolan मराठा आरक्षण आंदोलन: जरांगे का ऐलान-‘सरकारी आदेश लाइए, खत्म कर देंगे आंदोलन, उड़ाएंगे गुलाल’
Lens poster

Popular Posts

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा प्रो. खान की गिरफ्तारी का मामला, मल्लिकार्जुन खड़गे का बीजेपी पर हमला

नई दिल्‍ली। ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित सोशल मीडिया पोस्ट लिखने के बाद गिरफ्तार हुए अशोका…

By Lens News Network

दिल्‍ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्‍ता, संघ के प्रस्‍ताव पर बीजेपी की मुहर, कल 12.35 बजे शपथ, प्रदेश की चौथी म‍हिला मुख्‍यमंत्री

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए रेखा गुप्ता के नाम का ऐलान हो…

By The Lens Desk

नक्सलियों को 7 वर्षों से ड्रोन की सप्लाई और ट्रेनिंग देने वाला डबल एजेंट गिरफ्तार

नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA ने एक ऐसे व्यक्ति की गिरफ्तारी की है जो…

By आवेश तिवारी

You Might Also Like

Hindenburg Research allegations
देश

SEBI की जांच में अडानी को मिली क्‍लीन चिट, हिंडनबर्ग रिसर्च ने लगाए थे आरोप

By Lens News Network
MAN KI BAAT
देश

‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने योग, लोकतंत्र और प्रगति पर दिया जोर

By The Lens Desk
Carregutta encounter
छत्तीसगढ़

मुठभेड़ तो हुई, माओवादी मारे भी गए, पर जानकारी क्यों नहीं?  

By Lens News
Congress leader shot
छत्तीसगढ़

पिस्टल जमा करने थाने गए कांग्रेस नेता से चली गोली

By Lens News

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?