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छत्तीसगढ़

95 साल बाद बस्तर में भीषण बाढ़, हजार करोड़ से ज्यादा नुकसान का अनुमान

बप्पी राय
बप्पी राय
Byबप्पी राय
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Published: August 29, 2025 11:00 PM
Last updated: August 29, 2025 11:00 PM
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Bastar Flood
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बस्तर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के चार जिलों बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर में 95 साल बाद आई सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा ने जिंदगियां तहस-नहस कर दीं। बीते दिनों की मूसलाधार बारिश ने ऐसी तबाही मचाई कि हजारों लोग अपने घर-आशियाने खो बैठे।

प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक, चारों जिलों में करीब 1000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

तीन दिन की बारिश अब थम चुकी है, लेकिन इसके पीछे छोड़े गए बर्बादी के निशान इतने गहरे हैं कि इन्हें तुरंत ठीक करना नामुमकिन है। सबसे ज्यादा प्रभावित दंतेवाड़ा में हालात दिल दहलाने वाले हैं।

लेंस की टीम ने वहां की जमीनी हकीकत को करीब से देखा। अनुमान है कि अकेले दंतेवाड़ा में 300 करोड़ रुपये की क्षति हुई है।

रिपोर्ट के मुताबिक, घर, मकान, झोपड़ियां सब कुछ पानी की भेंट चढ़ गया है। बस्तर संभाग के दक्षिण बस्तर इलाके में ऐसी मूसलाधार बारिश पहले कभी नहीं देखी गई। न जनता तैयार थी, न प्रशासन। यह अनचाही विपदा इतनी तेजी से आई कि लोग जहां थे, वहीं फंस गए। समय रहते कोई तैयारी नहीं हो सकी।

बारिश और बाढ़ का कहर तो रुक गया, लेकिन अब शुरू हुई है एक नई जंग जिंदगी को फिर से पटरी पर लाने की। राहत सामग्री पहुंच रही है, लेकिन यह जरूरतों के सामने नाकाफी साबित हो रही है।

सबसे बड़ा संकट उन किराएदारों के सामने है, जिनका अपना कोई मकान नहीं था। राहत की सूची में उनका नाम ही नहीं। लोगों के मन में उम्मीद भी है और सरकार के खिलाफ गुस्सा भी।

दंतेवाड़ा के चूड़ी टिकरा से यह रिपोर्ट है।

इस आपदा ने कैसे जिंदगियों को उजाड़ दिया और अब लोग कैसे हिम्मत जुटाकर फिर से उठ खड़े होने की कोशिश कर रहे हैं।

दरअसल, बस्तर संभाग में बाढ़ के पीछे इंद्रावती नदी के साथ साथ गोदावरी बैक वॉटर, सबरी, दंकिनी, संकिनी, तालपेरू, कोकरल, मिलनाचल और मारकंडेय नदी में बढ़ा जल स्तर वजह बना। करीब दर्जनभर छोटे बड़े पुल टूट गए, जिसकी वजह से कई नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे में पानी ही पानी नजर आया।

एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन ने मिलकर सभी को सुरक्षित निकाला। इस बाढ़ में करीब 6 लोगों की मौत हुई है। दरभा घाटी में बाढ़ के कारण एक कार बह जाने से उसमें बैठे चार लोगों की मौत हो चुकी है।

इस बाढ़ से जगदलपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा जिले प्रभावित हैं। इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित जगदलपुर और दंतेवाड़ा हैं। फंसे ग्रामीणों को हेलीकॉप्टर और मोटर बैक से रेस्क्यू किया गया।

जगदलपुर और दंतेवाड़ा में ही करीब 200 लोगों का रेस्क्यू किया गया है।

दूसरी तरफ बाढ़ और उसमें फंसे लोगों को रेस्क्यू करने के अलावा स्थानीय प्रशासन आपदा प्रबंधन टीम के साथ नुकसान का आंकलन करने में जुटी है। अब तक करोड़ों के नुकसान का अनुमान लगाया गया है।

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