[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
कफ सीरप तस्करी के आरोपी बाहर, अमिताभ ठाकुर सलाखों में
ऑपरेशन सिंदूर के दाग भूल भारत ने की चीनियों की आवाजाही आसान
AIIMS रायपुर को सिंगापुर में मिला ‘सर्वश्रेष्ठ पोस्टर अवॉर्ड’
डीएसपी पर शादी का झांसा देकर ठगी का आरोप लगाने वाले कारोबारी के खिलाफ जारी हुआ गिरफ्तारी वारंट
11,718 करोड़ की लागत से होगी डिजिटल जनगणना, 1 मार्च 2027 को आधी रात से होगी शुरुआत
तेलंगाना पंचायत चुनाव: कांग्रेस समर्थित उम्‍मीदवारों की भारी जीत, जानें BRS और BJP का क्‍या है हाल?
MNREGA हुई अब ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना’, जानिए कैबिनेट ने किए और क्‍या बदलाव ?
उत्तर भारत में ठंड का कहर, बर्फबारी और शीतलहर जारी, दिल्ली में ठंड और प्रदूषण की दोहरी मार
इंडिगो क्राइसिस के बाद DGCA ने लिया एक्शन, अपने ही चार इंस्पेक्टर्स को किया बर्खास्त,जानिये क्या थी वजह
ट्रैवल कारोबारी ने इंडिगो की मनमानी की धज्जियां उधेड़ी
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
देश

सलवा जुडूम : अमित शाह के समर्थन पर दो रिटायर्ड जजों का खंडन, जानिए क्‍या है 18 बनाम 56 विवाद?

अरुण पांडेय
अरुण पांडेय
Published: August 28, 2025 2:56 PM
Last updated: August 28, 2025 6:05 PM
Share
salwa judum
SHARE

नई दिल्ली। इंडिया ब्‍लॉक की ओर से उपराष्‍ट्रपति पद के उम्‍मीदवार जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी के सलवा जुडूम के फैसले पर गृहमंत्री अमित शाह की आलोचना का समर्थन 56 रिटायर्ड जजों ने किया है। लेकिन अब इन्‍हीं  56 रिटायर्ड जजों में से दो का कहना है कि अमित शाह के लिए समर्थन वाले बयान पर उनके दस्‍तख्‍त ही नहीं हैं। आपको बता दें कि इससे पहले 18 अन्‍य पूर्व जज अमित शाह के बयान की आलोचना करते हुए बी सुदर्शन रेड्डी के समर्थन की अपील जारी कर चुके हैं।

वरिष्‍ठ पत्रकार और द वायर के संस्‍थापक सिद्धार्थ वरदराजन ने इसकी पुष्टि करते हुए पोस्‍ट किया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के समर्थन में 56 रिटायर्ड जजों द्वारा कथित तौर पर हस्ताक्षरित एक बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। जस्टिस एस. रवींद्रन, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज, जिन्होंने कहा कि उनकी सहमति के बिना उनका नाम इस बयान में शामिल किया गया।

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुरेश कैथ ने भी दिल्ली में जस्टिस एस. मुरलीधर की पुस्तक लॉन्च के दौरान बताया कि उन्होंने किसी भी बयान पर हस्ताक्षर नहीं किए और उन्हें नहीं पता कि उनका नाम इस सूची में कैसे आया। इस घटना ने कथित बयान की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए हैं और इसे लेकर चर्चा तेज हो गई है।

क्‍या है मामला

26 अगस्त को 56 सेवानिवृत्त जजों के एक समूह ने 18 अन्य पूर्व जजों के संयुक्त बयान का जवाब दिया, जिन्होंने विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी का केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की आलोचना के खिलाफ बचाव किया था। इन 56 जजों ने कहा कि ऐसे बयान “न्यायिक स्वतंत्रता की आड़ में राजनीतिक पक्षपात को छिपाने की कोशिश” हैं।

उनका कहना था, “यह एक बार-बार दोहराया जाने वाला तरीका बन गया है, जहां हर बड़े राजनीतिक घटनाक्रम पर एक ही पक्ष से बयान आते हैं। ये बयान न्यायिक स्वतंत्रता के नाम पर राजनीतिक पक्षधरता को छिपाने की कोशिश करते हैं। इससे उस संस्थान को नुकसान पहुंचता है, जिसकी हमने कभी सेवा की, क्योंकि यह जजों को राजनीतिक हस्तियों के रूप में पेश करता है। इससे न्यायिक पद की गरिमा, निष्पक्षता और सम्मान कम होता है।” इस समूह में पांच पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज भी शामिल थे।

उन्होंने आगे कहा, “हमारे एक पूर्व सहयोगी जज ने स्वेच्छा से उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इस तरह वह विपक्ष के समर्थन से राजनीतिक क्षेत्र में उतर चुके हैं। इस फैसले के बाद उन्हें अन्य उम्मीदवारों की तरह राजनीतिक बहस में अपनी स्थिति का बचाव करना चाहिए। इसे दूसरी तरह पेश करना लोकतांत्रिक चर्चा को दबाने और न्यायिक स्वतंत्रता की आड़ में राजनीतिक सुविधा के लिए इसका दुरुपयोग करने जैसा है।”

इस बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई (जो अब राज्यसभा के मनोनीत सदस्य हैं), पी. सथासिवम, और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एके सिकरी और एमआर शाह शामिल हैं। उन्होंने अपने पूर्व सहयोगी जजों से अपील की कि वे राजनीतिक मकसद वाले बयानों में अपना नाम न दें। उन्होंने कहा, “जिन्होंने राजनीति का रास्ता चुना है, उन्हें उसी क्षेत्र में अपनी बात रखनी चाहिए। न्यायपालिका को ऐसे विवादों से अलग और ऊपर रखा जाना चाहिए।”

इससे पहले, सोमवार को 18 सेवानिवृत्त जजों के एक समूह ने अमित शाह के सुप्रीम कोर्ट के सलवा जुडूम फैसले पर की गई टिप्पणियों के खिलाफ बयान जारी किया था। उनका कहना था कि ऐसी “गलत व्याख्या” से सुप्रीम कोर्ट के जजों पर दबाव पड़ेगा और यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमजोर करेगा। यह फैसला जुलाई 2011 में जस्टिस रेड्डी और जस्टिस एसएस निज्जर ने लिखा था।

लेंस रिपोर्ट में पढ़िए : सलवा जुड़ूम का विरोध तो राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने भी किया था!

TAGGED:Amit ShahLatest_Newsretired judgesSalwa Judum
Previous Article Abusive words for PM Modi वोटर अधिकार यात्रा के मंच से पीएम मोदी के लिए अपशब्‍द पर घमासान
Next Article Fake ADG arrested टोल से बचने के लिए लगा ली नीली बत्ती, पहन ली वर्दी, बन गया फर्जी एडीजी
Lens poster

Popular Posts

भारत ने पहले वनडे में दक्षिण अफ्रीका को 17 रन से हराया, कोहली ने शतकों में सचिन का रिकॉर्ड तोड़ा

खेल डेस्क। भारत ने रविवार को रांची में खेले गए पहले वनडे में शानदार प्रदर्शन…

By The Lens Desk

भगवा झंडा हटाने को लेकर विवाद, हिन्दू संगठनों ने सीएमओ के मुंह पर पोती कालिख

दमोह। मध्यप्रदेश के दमोह में धार्मिक ध्वज हटवाने के विरोध में भाजपा और हिंदूवादी संगठनों…

By Amandeep Singh

कृष्णा नदी के किनारे बस रही है आंध्र की नई राजधानी

द लेंस डेस्क। दो राज्यों में विभाजन के ग्यारह साल बाद आंध्र प्रदेश को नई…

By Amandeep Singh

You Might Also Like

SIR
देश

SIR पर बवाल के बीच संसद में वंदेमातरम पर चर्चा तय

By आवेश तिवारी
pawan kheda press conference
देश

कांग्रेस का आरोप, संकटकाल में प्रेम चोपड़ा और परेश रावल की तरह डायलॉगबाजी कर रहे पीएम

By Lens News Network
Phalodi road accident
देश

देशभर के शिक्षकों को TET पास करना जरूरी, तभी बचेगी सर्विस और मिलेगा प्रमोशन

By दानिश अनवर
Vande Bharat Miss Route
देश

गलती तो हो गई लेकिन रास्‍ता भटक कर भी वंदे भारत ने बनाया रिकॉर्ड, तय कर डाली अब तक की सबसे लंबी दूरी

By अरुण पांडेय

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?