लेंस डेस्क। जम्मू-कश्मीर में लगातार बारिश और बाढ़ ने भारी नुकसान पहुंचाया है और यह संकट आज दूसरे दिन भी जारी है। कटरा में वैष्णो देवी मार्ग पर भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है। आशंका है कि यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। हादसा मंगलवार को दोपहर 3 बजे पुराने ट्रैक पर अर्धकुमारी मंदिर से कुछ दूर इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास हुआ था।
जम्मू-पुंछ-राजौरी राष्ट्रीय राजमार्ग पानी में डूब गया है, जिससे यह तालाब जैसा दिख रहा है। रेलवे ने जम्मू से चलने वाली 22 ट्रेनों को रद्द कर दिया है, जबकि 27 ट्रेनों को बीच मार्ग में ही रोक दिया गया है। इस वजह से वैष्णो देवी दर्शन के लिए गए सैकड़ों यात्री जम्मू में फंस गए हैं।

रियासी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक परमवीर सिंह ने मीडिया को बताया कि बारिश से जुड़ी विभिन्न घटनाओं में कम से कम 30 लोगों की जान गई है, जिनमें नौ श्रद्धालु शामिल हैं, जो वैष्णो देवी मार्ग पर भूस्खलन की चपेट में आ गए।
दोपहर करीब तीन बजे अर्धकुंवारी के नजदीक इंद्रप्रस्थ भोजनालय क्षेत्र में भूस्खलन हुआ, जिसके बाद यात्रा को तुरंत रोक दिया गया। हिमकोटि मार्ग मंगलवार सुबह से बंद था, और दोपहर बाद पुराना मार्ग भी बंद करना पड़ा।
बारिश ने जम्मू और कश्मीर घाटी में भारी तबाही मचाई है। नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। रावी नदी पर मोधोपुर बैराज का जलस्तर एक लाख क्यूसेक से अधिक हो गया है। चिनाब, तवी और उझ नदियां भी उफान पर हैं। निचले इलाकों से सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। जम्मू-श्रीनगर और किश्तवाड़-डोडा राजमार्गों को बंद कर दिया गया है।
मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं ठप होने से संचार व्यवस्था चरमरा गई है, जिसका असर आपातकालीन सेवाओं पर भी पड़ा है। जम्मू संभाग में सभी सरकारी और निजी स्कूल 27 अगस्त को बंद रखे गए। दसवीं व ग्यारहवीं की परीक्षाएं टाल दी गई हैं।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आपात बैठक में प्रभावित क्षेत्रों के उपायुक्तों को राहत सामग्री वितरण और कमजोर वर्गों को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। प्रशासन ने लोगों से नदियों और भूस्खलन वाले क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की है।