लेंस डेस्क। trump tariff: अमेरिका द्वारा भारतीय सामानों पर लगाए जाने वाले अतिरिक्त 25% टैरिफ की समय सीमा आज रात खत्म हो रही है, इसी के साथ 50% टैरिफ भी लागू हो जाएगा। मंगलवार को अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने भारत को सूचित किया कि रूस-यूक्रेन युद्ध में संघर्षविराम की बातचीत रुकने के बाद टैरिफ को 50% तक बढ़ाने की योजना है।
नोटिस के अनुसार 27 अगस्त को रात 12:01 बजे से भारतीय सामानों पर यह बढ़ा हुआ शुल्क लागू होगा। वहीं पीएम मोदी ने मंगलवार को ही देशवासियों को स्वदेशी अपनाने का संदेश दिया।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद को “राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा” बताया है। उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने हाल ही में कहा कि ट्रंप ने भारत पर “आर्थिक दबाव” के लिए “द्वितीयक टैरिफ” का उपयोग किया है ताकि रूस की तेल अर्थव्यवस्था को कमजोर किया जा सके।
पीएम मोदी ने क्या कहा
अहमदाबाद में मारुति सुजुकी की पहली बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी) ई-विटारा को लॉन्च करते हुए पीएम मोदी ने भविष्य की तकनीकों पर ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कहा, “हमारा ध्यान भविष्य की उद्योगों पर होगा। सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। ऑटो उद्योग के लिए दुर्लभ खनिजों की कमी को दूर करने के लिए हमने राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन शुरू किया है, जिसके तहत देश में खनिजों की खोज के लिए कई अभियान चलाए जाएंगे।”
पीएम मोदी ने स्वदेशी को हर भारतीय का जीवन मंत्र बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, “निवेश कोई भी करे, लेकिन मेहनत भारतीयों की होनी चाहिए।” मारुति सुजुकी के गुजरात के हंसलपुर संयंत्र में ई-विटारा लॉन्च के बाद मोदी ने कहा कि भारत में बने इलेक्ट्रिक वाहन 100 देशों में निर्यात होंगे। उन्होंने लोगों से स्वदेशी उत्पाद खरीदने का आग्रह करते हुए कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ ने वैश्विक और स्थानीय निर्माताओं के लिए अनुकूल माहौल बनाया है।
किन क्षेत्रों पर पड़ेगा असर
ट्रंप के इस टैरिफ का सबसे ज्यादा प्रभाव झींगा, कपड़ा, चमड़ा, रत्न और आभूषण जैसे श्रम आधारित निर्यात क्षेत्रों पर होगा। आंकड़ों के मुताबिक, भारत के 86.5 अरब डॉलर के अमेरिकी निर्यात में से करीब 66% हिस्सा प्रभावित होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि वित्त वर्ष 2025-26 में निर्यात घटकर 49.6 अरब डॉलर तक रह सकता है। निर्यातकों में इस “प्रतिबंधात्मक” शुल्क को लेकर चिंता है, क्योंकि इससे भारतीय सामान अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा से बाहर हो सकते हैं। बांग्लादेश, वियतनाम, श्रीलंका, कंबोडिया और इंडोनेशिया जैसे देशों को कम शुल्क के कारण फायदा होगा। कपड़ा उद्योग के एक अधिकारी ने कहा कि 30-31% शुल्क का अंतर भारतीय कपड़ा उद्योग के लिए भरपाई करना मुश्किल है।
चमड़ा और जूता उद्योग के प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी है कि भारत-अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर स्पष्टता न मिलने तक कंपनियों को उत्पादन और कर्मचारियों की संख्या घटानी पड़ सकती है। रत्न और आभूषण क्षेत्र के निर्यातकों ने भी कहा कि अमेरिका उनका सबसे बड़ा बाजार है, और इस टैरिफ से नौकरियों में कटौती होगी।
कुछ भारतीय कंपनियों ने बढ़े हुए टैरिफ से बचने के लिए पहले ही अमेरिका को माल भेज दिया है। जुलाई के व्यापार आंकड़ों में यह दिखता है, जहां भारत का अमेरिका को निर्यात 19.94% बढ़कर 8.01 अरब डॉलर और आयात 13.78% बढ़कर 4.55 अरब डॉलर रहा।