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लेंस संपादकीय

दहेज हत्या रोकने के लिए समाज कितना तैयार?

Editorial Board
Editorial Board
Published: August 25, 2025 8:30 PM
Last updated: August 25, 2025 8:30 PM
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nikki murder case
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ग्रेटर नोएडा के कासना क्षेत्र में शादी के करीब आठ-नौ साल बाद एक युवती निक्की को दहेज के लिए जिंदा जला देने की घटना दिल दहला देने वाली है और इसने भारतीय समाज की कई बदनुमा परतों को एक बार फिर से उघाड़ कर रख दिया है। घटना के बाद निक्की के पति विपिन, उसके भाई और मां-बाप को गिरफ्तार कर लिया गया है।

इस बीच, हिरासत से भाग रहे विपिन को पुलिस ने गोली मारकर जख्मी भी किया है और अब ये सब जेल में हैं। निक्की और उसकी बहन कंचन की शादी करीब नौ साल पहले विपिन और उसके भाई के साथ की गई थी और इन दोनों बहनों के पिता ने दहेज में महंगी कार सहित भारी-भरकम दहेज दिया था।

इसके बावजूद विपिन और उसके घर वाले न केवल निक्की पर घर से छत्तीस लाख रुपये लाने की मांग कर रहे थे, बल्कि दोनों बहनों के साथ मारपीट भी करते थे। एक और जानकारी के मुताबिक दोनों बहनें सोशल मीडिया इन्फ्लुएंशर थीं और उन्होंने पिता की मदद से ब्यूटी पार्लर भी खोला था, क्योंकि विपिन बेरोजगार था। विपिन ने दबाव डालकर ब्यूटी पार्लर बंद करवा दिया था और अभी दोनों बहनें फिर से उसे शुरू करने वाली थीं।

निक्की के परिजनों का यह भी आरोप है कि विपिन के किसी और लड़की के साथ संबंध थे और उसके परिवार वाले उसके साथ शादी करना चाहते थे। यह देश की राजधानी दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा की दो बहनों की कहानी है, जहां से देश की संसद से लेकर सर्वोच्च अदालत तक कुछ देर में पहुंचा जा सकता है!

सबसे पहले दहेज की बात करें, तो एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 2017 से 2022 के बीच देश में दहेज हत्या के 7,000 मामले दर्ज किए गए। लेकिन वास्तविकता यही है कि लाखों लड़कियों को दहेज की वजह से ससुराल में प्रताड़ना और अपमान झेलना पड़ता है और वे चुपचाप इसे सहती रहती हैं।

यह बेहद पीड़ादायक है कि आज लड़कियां पढ़-लिख कर अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं, लेकिन पितृसत्तात्मक समाज आज भी उन्हें स्वीकार नहीं कर पा रहा है। उनके सपनों की राह में दहेज आज भी रोड़ा है। निक्की और कंचन के साथ भी मारपीट होती रही, लेकिन वे सहती रहीं और अंततः निक्की की जान चली गई।

दरअसल यह सच्चाई है कि ससुराल में उत्पीड़न और प्रताड़ना के बावजूद अनेक लड़कियां तलाक जैसे विकल्प पर विचार नहीं कर पातीं, क्योंकि समाज भी इसके लिए तैयार नहीं है। इसके साथ ही पिता के घर लौट आने के विकल्प भी सीमित हैं और इसके पीछे भी सामाजिक-आर्थिक कारण जिम्मेदार हैं।

यह दुखद है कि शादी को एक ऐसे उद्यम में बदल दिया गया है, जिसके जरिये ससुराल पक्ष अपनी आर्थिक हैसियत बदल डालना चाहता है। क्या इसके पीछे खर्चीली शादियां भी जिम्मेदार नहीं हैं, जिसकी होड़ मची हुई है? बेशक, इस मामले की जांच से निक्की की हत्या की असली वजह पता चलेगी, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि उसके गुनहगारों को सख्त से सख्त सजा मिले।

TAGGED:EditorialGreater NoidaKasnaNikki murder case
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