भारतीय राजनीति में यात्राओं का लंबा इतिहास रहा है। राहुल गांधी के राजनीतिक कद को मजबूत करने में भी यात्रा का काफी योगदान रहा है। कांग्रेस पार्टी के दावों के मुताबिक, राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बाद कांग्रेस को 6 राज्यों में 30 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे।
इसी सिलसिले में बिहार चुनाव को लक्ष्य में रखते हुए राहुल गांधी ने वोटर अधिकार यात्रा निकाली है। 16 दिन में 1,300 किमी चलने वाली यह यात्रा 23 जिलों और 50 विधानसभाओं से गुजरेगी।

कांग्रेस इस यात्रा के जरिए स्पष्ट संदेश दे रही है कि लोकतंत्र में आम जनता के पास सबसे बड़ा अधिकार है “वोट का अधिकार”, जिसका इस्तेमाल करके जनता सरकार चुनती है। लेकिन आज वोट चोरी के जरिए इस बुनियादी अधिकार को छीना जा रहा है। ‘वोटर अधिकार यात्रा’ जनता के वोट के अधिकार की रक्षा की लड़ाई है। वोट चोरी बंद होने तक यह लड़ाई जारी रहेगी।
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी और चुनाव आयोग मिलकर ‘वोट चोरी’ कर रहे हैं और ‘बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) वोट चोरी करने की कोशिश’ है।
सी-वोटर के हालिया सर्वेक्षण के मुताबिक बिहार के 60 फीसदी मतदाता यह मानते हैं कि राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर जो आरोप लगाए हैं, उनसे वे सहमत हैं। 67 फीसदी मतदाता मानते हैं कि इन आरोपों पर चुनाव आयोग को बेहतर तरीके से जवाब देना चाहिए था। यानी वोट चोरी के नाम से राहुल गांधी और इंडिया गठबंधन जो अभियान चला रहा है, उसका लोगों में असर हो रहा है।
सवाल पूछने का मौका भी गोदी मीडिया को दे रहे
यात्रा में शामिल स्थानीय पत्रकार विमलेंदु सिंह बताते हैं कि, “कांग्रेस पार्टी और अन्य विपक्षी पार्टी दिन भर दिल्ली की गोदी मीडिया को कोसते रहते हैं और इस यात्रा के दौरान प्रेस कांफ्रेंस में सवाल का मौका भी उन्हीं को दे रहे हैं। हर दिन वही मेनस्ट्रीम मीडिया वाले रिपोर्टर को सवाल पूछने दिया जाता है। लोकल पत्रकार बस यात्रा के पीछे-पीछे दौड़ रहे हैं। एक बार भी उनको सवाल पूछने का मौका नहीं दिया जा रहा।” इस विषय पर बिहार के कई स्थानीय पत्रकार शिकायत कर चुके हैं।
राहुल गांधी की 26 अगस्त को सुपौल जिला में रैली पहुंचेगी। सुपौल कांग्रेस का गढ़ रहा है। रैली की तैयारी में शामिल वीना पंचायत के शंभू कुमार बताते हैं कि, “हमारे इलाके में भी कुछ लोगों का नाम कटा हुआ है। जिस पर विपक्षी पार्टी सबसे ज्यादा आवाज उठा रही है। चुनाव तक इस मुद्दे का बना रहना विपक्षी पार्टी के लिए काफी जरूरी है। इस इलाके का मुख्य मुद्दा बाढ़ और पलायन है। विपक्षी पार्टी को इस पर भी आवाज उठाना चाहिए।”
बभनगामा गांव के आदित्य राज बताते हैं कि “राजद पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ता यात्रा के दौरान कुछ ज्यादा ही उत्साही प्रवृत्ति का काम करने लगते हैं। कहीं न कहीं इसका गलत असर भी होता है। यह पहली बार हो रहा है कि राजद और उनके नेता तेजस्वी कांग्रेस के पिच पर बैटिंग कर रहे हैं। तेजस्वी को गठबंधन में रहते हुए गठबंधन के मुद्दों पर चुनाव लड़ना चाहिए। अपने कार्यकर्ताओं को साइलेंट मोड में रखना चाहिए।”
कटिहार में यात्रा में शामिल हो चुके कांग्रेस के एक कार्यकर्ता नाम न बताने की शर्त पर कहते हैं कि, “राहुल गांधी सीमांचल में सभी उस मुद्दे पर बोले, जो उन्हें बोलना चाहिए। लेकिन एक बार भी घुसपैठ को लेकर उन्होंने कुछ नहीं बोला। जबकि पूरा भाजपा इसी मुद्दे पर राज्य में हिंदू मुस्लिम किया हुआ है। राहुल गांधी की यात्रा में शामिल हुए आम मुस्लिमों को उम्मीद थी कि राहुल गांधी इस मुद्दे पर कुछ ठोस बोलेंगे।”
कांग्रेस को मिलेंगी अधिक सीटें

यात्रा के जरिए राहुल गांधी स्थानीय लोगों से मिल भी रहे हैं और उनकी समस्याओं को सुनकर निराकरण करने की कोशिश भी कर रहे हैं। स्थानीय पत्रकार सृजन सन्नी के मुताबिक यात्रा के दूसरे दिन औरंगाबाद लोकसभा अंतर्गत टेकारी विधानसभा के सिमहारी गांव में गुरारू अहियापुर रोड, डाक स्थान, सियाडीह से सुरेश मांझी भंते जी के घर तक कच्ची पगडंडी को पक्का करना और नाला पर पुल बनाने की मांग थी।
करीब 100 परिवारों को पीने के लिए एक हैंडपंप की मांग थी और जिस जमीन पर वे लोग रह रहे हैं उस जमीन का परवाना नहीं था। राहुल गांधी ने पूरी मांग का संज्ञान लिया। कटिहार में मखाना किसानों के साथ मिलकर मखाना व्यवसाय के बारे में जाना और उनकी परेशानी के लिए सरकार से मांग भी की है।
राजनीति, विदेश नीति एवं अन्य मुद्दों पर लिखने वाले साकिब बताते हैं कि, “राहुल और तेजस्वी की वोटर अधिकार यात्रा पर विश्लेषक फर्जी नैरेटिव बना रहे हैं कि यात्रा से कुछ नहीं होगा SIR इतना बड़ा मुद्दा नहीं है। यात्रा के दौरान राहुल तेजस्वी हर सभा में मंच से सिर्फ बार-बार SIR जाप करते हैं और आगे बढ़ जाते हैं।
पब्लिक आउटरीच जरूरी था और वह हो रहा है। प्राइमरी बात यह है कि आप लोगों के बीच जा रहे हैं। किस मुद्दे को लेकर जा रहे हैं वह सेकंडरी है। हर भाषण में शुरुआत बेशक SIR से होती है लेकिन उसके बाद बाकी मुद्दों पर भी बात होती है। पढ़ाई, दवाई, कमाई, सिंचाई और कार्रवाई की बात होती है। वृद्धावस्था पेंशन, 200 यूनिट फ्री बिजली, दिव्यांग पेंशन, माई बहिन सम्मान योजना, पेपर लीक, राज्य में उद्योग लगाने के विजन पर बात होती है।”
बीएनएमयू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर प्रकाश झा बताते हैं कि ,”इस पूरी यात्रा का काफी असर देखने को मिल रहा है। खासकर सभी पार्टी के योगदान के माध्यम से। कुल मिलाकर बात ये है कि कांग्रेस पिछली बार से ज्यादा मजबूत है। इससे गठबंधन में कांग्रेस को सम्मानजनक सीटें आवंटित होंगी।”
बिहार के वरिष्ठ पत्रकार संतोष सिंह लिखते हैं कि, “भाजपा के द्वारा बांग्लादेशी मुसलमानों का नैरेटिव चल नहीं रहा है वहीं राहुल तेजस्वी दलित पिछड़ों का वोट काटने को लेकर जो यात्रा कर रहे हैं अगर नैरेटिव सेट हो गया तो फिर 2025 का विधानसभा चुनाव पलट जाए तो कोई बड़ी बात नहीं होगी।”
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की दीवानगी बिहार के जनता के बीच काफी, लेकिन….
राजनीतिक एवं अन्य मुद्दों पर लिखने वाले विजय अक्षित बताते हैं कि, “यात्रा में दीपांकर भट्टाचार्य को अन्य सहयोगी पार्टी के नेताओं से अधिक महत्व देना चाहिए, जो उन्हें नहीं मिल रहा है। सीपीआई के तमाम संगठन ने मिलकर पिछले बिहार चुनाव में 19 सीट जीती हैं। 7% कुल वोट लाया। आज तक इसका MLA कहीं भागा नहीं। बिहार में आरजेडी कांग्रेस के बाद कम्युनिस्ट पार्टी बहुत मजबूत है। दीपांकर भट्टाचार्य की पार्टी की पकड़ पूरे बिहार में इतनी है कि 60-70 सीटों पर उलट-पुलट कर दे।”

राहुल गांधी के साथ यात्रा कर रहे पत्रकार सूरज तिवारी बताते हैं कि, “यात्रा में काफी भीड़ आ रही है। बिहार में कांग्रेस और राहुल गांधी का कद बढ़ रहा है। वहीं छोटे और क्षेत्रीय नेताओं को आम लोगों से मिलना चाहिए। वह नहीं हो पा रहा है। अधिकांश नेता गाड़ी से बाहर नहीं निकल रहे हैं।”
औरंगाबाद के प्रिंस सिंह पॉकेट एफएम में लेखक हैं। वह भी इस यात्रा को देखने के लिए गए। वह बताते हैं कि, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की दीवानगी बिहार के जनता के बीच काफी है। लेकिन बिहार के जनता के बीच 90 के दशक का डर का नैरेटिव आज भी बना हुआ है।
दरअसल, राजद के अति उत्साहित कार्यकर्ता कई बार जाने-अनजाने अपनी हरकतों से अराजकता के संकेत दे जाते हैं। तेजस्वी यादव अब तक इस नैरेटिव को नहीं तोड़ पाए हैं।
राहुल गांधी को ‘जननायक’ कहने पर विवाद
जहां एक तरफ विपक्षी पार्टी के द्वारा यात्रा को सफल बनाने का पुरजोर कोशिश की जा रही है, वहीं सत्ताधारी पार्टी इसको कमजोर करने की कोशिश भी कर रही है। वोटर अधिकार यात्रा के दौरान बिहार के सासाराम में कांग्रेस पार्टी के द्वारा एक पोस्टर जारी किया गया था। जिस पर लिखा था कि ‘सासाराम में जननायक का स्वागत’ साथ में राहुल गांधी की तस्वीर थी।
इस पूरे वाकये के बाद जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर उन पर भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर के अपमान का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि, “राहुल गांधी के समर्थक उन्हें जननायक क्यों कहते हैं, जननायक की उपाधि तो कर्पूरी ठाकुर की है। SIR तो बहाना है, भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर को निबटाना है। मैं लालू प्रसाद जी और तेजस्वी से पूछना चाहता हूं, आपने जननायक कर्पूरी ठाकुर का अपमान बर्दाश्त कैसे कर लिया?”
सितंबर 2023 के एक पोस्ट में भी कांग्रेस पार्टी के द्वारा राहुल गांधी को जननायक कहा गया है। इसके जवाब में कांग्रेस बक्सर से जुड़े शक्ति कुमार कहते हैं कि, “इस देश में कई नेताओं को जननायक कहा गया है। प्रधानमंत्री चंद्रशेखर और चौधरी देवीलाल को भी उनके पार्टी के नेता जननायक कहते थे। सुभाष चंद्र बोस को भी नेताजी कहा जाता था और मुलायम सिंह यादव को भी। इस विवाद का कोई मतलब नहीं है।”
यात्रा के दौरान भागलपुर के घंटाघर में राहुल गांधी सभा में जनता को संबोधित कर रहे थे, तभी अचानक बिजली काट दी गई। इस पर उन्होंने कटाक्ष किया, “लाइट काट देने से आवाज बंद नहीं हो सकती, यह आवाज है, अंधेरे में भी सुनाई देती है, इसलिए ये आपकी आवाज को बंद करने की कोशिश कर रहे हैं, कह रहे हैं कि आपका जो हक है आपका वोट, वो आपसे ले लेंगे।”
कुछ दिन पहले बिहार सरकार ने 125 यूनिट बिजली मुफ्त देने का वादा किया है। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर सरकार के इस वादे को लेकर काफी मजाक बनाया गया था।
इस यात्रा में सभी विपक्षी पार्टी के सम्मिलित होने से वोटर अधिकार यात्रा को समाज के हर वर्ग से समर्थन मिल रहा है। यात्रा बिहार और देशभर में भाजपा प्रायोजित धांधली के खिलाफ जन आंदोलन बन रही है। उन 8 जिलों में जो एनडीए का गढ़ है और पिछले चुनाव में एनडीए 64 में से 52 सीट जीता था जब वहां वोटर अधिकार यात्रा पहुंचेगी तब हर दिन एक नया नेता यात्रा में शामिल होगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 26 को सुपौल में प्रियंका गांधी यात्रा में शामिल होंगी और 27 को सीतामढ़ी विश्राम तक यात्रा में रहेंगी। 27 को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन दरभंगा से सीतामढ़ी तक यात्रा का हिस्सा होंगे। 29 को पश्चिमी चंपारण में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया शामिल होंगे। इसी क्षेत्र में हेमंत सोरेन, सुखविंदर सुक्खू और अखिलेश यादव भी आएंगे।
बिहार के बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने इस यात्रा पर कहा, “भारत की जनता ऐसे लोगों का साथ नहीं देती जिन्हें सुप्रीम कोर्ट और संवैधानिक संस्थाओं पर भरोसा नहीं है। बिहार की जनता जानती है कि चुनाव आयोग उनके साथ कैसे न्याय करेगा।”
राहुल गांधी इस पूरी यात्रा के दौरान कह रहे हैं, “हमारी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में लाखों लोग शामिल हो रहे हैं। बारिश हो या धूप, दोपहर हो या रात.. हर माहौल में लोग हमारे साथ आ रहे हैं। आजकल हर तरफ ‘वोट चोर-गद्दी छोड़’ का नारा गूंज रहा है। लेकिन आप टीवी खोलेंगे तो आपको कहीं भी ये नारा और यात्रा नहीं दिखाई देगी, क्योंकि ये मीडिया वाले आपके हैं ही नहीं। ये सिर्फ अरबपतियों के हैं।”