[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
SSC परीक्षाओं में गड़बड़ी के खिलाफ अभ्यर्थियों का रामलीला मैदान में जोरदार प्रदर्शन, 44 गिरफ्तार
दिग्विजय के बयान पर कमलनाथ का जवाब, कहा – ज्योतिरादित्य की गलतफहमी में गिरी सरकार
अगर आप मनोविज्ञान या हेल्थ सर्विसेज में ऑनलाइन पढ़ने को सोच रहे हैं तो रुकिए
ओसाका के वर्ल्ड एक्सपो के पहले दिन 22 हजार लोगों ने देखा छत्तीसगढ़ पैवेलियन
नफरत की राजनीति के विरोधी रहे हैं बी. सान्याल
भागलपुर में 75 सालों से रह रही दो पाकिस्तानी महिलाएं भी वोटर, SIR में खुलासा होते ही हड़कंप
ग्रेटर नोएडा निक्की केस में अब पति का पुलिस एनकाउंटर, निक्की के पिता ने कहा था ‘चला दें बुलडोजर’
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की जल्द आएंगे भारत, राजदूत ने कहा – तारीख पर चल रही बात
दहेज के चलते बेटे के सामने ही पत्नी को जिंदा जलाया, पति हिरासत में
DRDO ने स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम का किया सफल परीक्षण
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
देश

अगर आप मनोविज्ञान या हेल्थ सर्विसेज में ऑनलाइन पढ़ने को सोच रहे हैं तो रुकिए

आवेश तिवारी
Last updated: August 24, 2025 10:39 pm
आवेश तिवारी
Share
UGC
SHARE

नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने उच्च शिक्षण संस्थानों पर मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा (ओडीएल) या ऑनलाइन माध्यम से मनोविज्ञान, स्वास्थ्य सेवा और पोषण से संबंधित पाठ्यक्रम चलाने पर रोक लगा दी है। यह नया निर्देश जुलाई-अगस्त 2025 के शैक्षणिक सत्र से लागू होगा।

अधिकारियों के अनुसार, यह कदम व्यावसायिक शिक्षा में गुणवत्ता बनाए रखने के लिए उठाया गया है। मनोविज्ञान, पोषण, सूक्ष्म जीव विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी, नैदानिक ​​पोषण, आहार विज्ञान और खाद्य विज्ञान के कार्यक्रम प्रतिबंध के दायरे में आते हैं, क्योंकि ये राष्ट्रीय संबद्ध और स्वास्थ्य सेवा व्यवसाय आयोग (एनसीएएचपी) अधिनियम, 2021 के अंतर्गत आते हैं।

आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि 2025 सत्र और उसके बाद के लिए ओडीएल या ऑनलाइन मोड के माध्यम से इन कार्यक्रमों की पेशकश करने के लिए उच्च शिक्षा संस्थानों को पहले से दी गई किसी भी मान्यता को वापस ले लिया जाएगा।

यूजीसी सचिव मनीष जोशी ने इस फैसले के दायरे की व्याख्या की। उन्होंने कहा, ‘किसी भी उच्च शिक्षण संस्थान (एचईआई) को शैक्षणिक सत्र जुलाई-अगस्त, 2025 और उसके बाद से, ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन मोड के तहत विशेषज्ञता के रूप में मनोविज्ञान सहित एनसीएएचपी अधिनियम, 2021 में शामिल किसी भी संबद्ध और स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम की पेशकश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जुलाई-अगस्त 2025 और उसके बाद के शैक्षणिक सत्र के लिए ऐसे कार्यक्रमों की पेशकश करने के लिए एचईआई को पहले से दी गई कोई भी मान्यता यूजीसी द्वारा वापस ले ली जाएगी।’

ऐसे मामलों में जहां डिग्री कार्यक्रमों में कई विशेषज्ञताएं शामिल होती हैं, जैसे कि कला स्नातक की डिग्री जिसमें विषयों का संयोजन होता है, केवल एनसीएएचपी अधिनियम के तहत सूचीबद्ध विशेषज्ञताएं ही हटाई जाएंगी।

अधिकारियों ने बताया कि यह निर्णय अप्रैल 2025 में आयोजित 24वीं दूरस्थ शिक्षा ब्यूरो कार्य समूह की बैठक की सिफारिशों के बाद लिया गया। हाल ही में यूजीसी आयोग की बैठक के दौरान प्रस्तावों को औपचारिक रूप दिया गया।

नियामक ने दूरस्थ माध्यमों से दिए जाने वाले व्यावसायिक प्रशिक्षण की प्रभावशीलता पर चिंता व्यक्त की है। आयोग ने ज़ोर देकर कहा कि व्यावहारिक शिक्षा और व्यावसायिक अनुभव की आवश्यकता वाले पाठ्यक्रमों को ऑनलाइन या दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्रभावी ढंग से नहीं पढ़ाया जा सकता।

यूजीसी ने पहले ही ओडीएल और ऑनलाइन प्रारूपों में कई व्यावसायिक और अभ्यास-आधारित पाठ्यक्रमों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

इनमें इंजीनियरिंग, चिकित्सा, दंत चिकित्सा, फार्मेसी, नर्सिंग, फिजियोथेरेपी, वास्तुकला, अनुप्रयुक्त कला, पैरामेडिकल विज्ञान, कृषि, बागवानी, होटल प्रबंधन, खानपान प्रौद्योगिकी, दृश्य कला और कानून शामिल हैं।

मनोविज्ञान, स्वास्थ्य देखभाल और पोषण संबंधी कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाकर, यूजीसी ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि सभी व्यावसायिक प्रशिक्षण में अपेक्षित शैक्षणिक कठोरता और व्यावहारिक अनुभव बना रहे।

इस निर्देश से उन हज़ारों छात्रों पर असर पड़ने की आशंका है जो पहले ऑनलाइन या दूरस्थ शिक्षा के ज़रिए इन पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने पर विचार कर रहे थे। विश्वविद्यालयों और संस्थानों को अब नवीनतम नियमों का पालन करने के लिए अपने पाठ्यक्रमों का पुनर्गठन करना होगा।

यह भी पढ़ें : रावतपुरा मेडिकल कॉलेज मान्यता केस में FIR के बाद कहां हैं रेरा अध्यक्ष संजय शुक्ला?

TAGGED:Latest_Newsugc
Previous Article Chhattisgarh Pavelion ओसाका के वर्ल्ड एक्सपो के पहले दिन 22 हजार लोगों ने देखा छत्तीसगढ़ पैवेलियन
Next Article MP Congress Politics दिग्विजय के बयान पर कमलनाथ का जवाब, कहा – ज्योतिरादित्य की गलतफहमी में गिरी सरकार

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

अपने घर को खूबसूरत बनाना चाहते हैं तो इन चीजों का रखें खास ध्यान

घर सजाना चाहते हैं पर समझ नहीं आ रहा कि क्या करें तो आपकी तलाश…

By The Lens Desk

गजा पर भीषण इजरायली हमला, बच्‍चों पर गिरे बम, 330 फिलिस्तीनियों की मौत

गाजा में इजरायल ने एक बार फिर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए हैं, जिससे…

By The Lens Desk

धर्म के नाम पर

छत्तीसगढ़ के दुर्ग में रेलवे स्टेशन पर दो कैथोलिक ननों और उनके एक साथी की…

By Editorial Board

You Might Also Like

India-Iran Joint Commission Meeting
देश

पाकिस्‍तान के हमले का सख्त जवाब देंगे, लेकिन स्थिति बढ़ाने का इरादा नहीं : एस. जयशंकर

By The Lens Desk
देश

ईद की नमाज पर क्‍यों मचा है सियासी घमासान, सड़क और छत को लेकर टकराव

By अरुण पांडेय
Chhattisgarh Mukhya Sachiv
छत्तीसगढ़

मुख्य सचिव : एक फैसला फैसला न करने का

By दानिश अनवर
Attack by Kanwariyas on CRPF Jawan
देश

मिर्जापुर में सीआरपीएफ जवान पर कांवड़ियों का हमला, सात दबोचे गए, वीडियो देखें

By अरुण पांडेय
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?