रायपुर। जापान के ओसाका में आयोजित वर्ल्ड एक्सपो 2025 के पहले दिन ही छत्तीसगढ़ पैवेलियन आकर्षण का केंद्र बन गया। एक्सपो के उद्घाटन के दिन 22 हजार से अधिक दर्शकों ने यहां पहुंचकर छत्तीसगढ़ की विरासत, उद्योग और पर्यटन की अनूठी झलक देखी।
भारत सरकार के इंडियन ट्रेड प्रमोशन ऑर्गेनाइजेशन (ITPO) के 24 से 30 अगस्त तक भारत पैवेलियन में छत्तीसगढ़ भी भागीदार है। आज इस पैवेलियन का शुभारंभ हुआ।
इस एक्सपो में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जापान प्रवास के दौरान टोक्यो से ओसाका तक की यात्रा बुलेट ट्रेन से की। यह बुलेट ट्रेन विश्व भर में हाई-स्पीड रेल में सबसे मशहूर है।

पवेलियन में छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक समृद्धि, औद्योगिक शक्ति और पर्यटन की संभावनाओं को दर्शाया गया है। यह वैश्विक दर्शकों को छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा और भविष्य की संभावनाओं से अवगत कराता है।
पैवेलियन में छत्तीसगढ़ की धरती की सुंदरता और धरोहर को प्रमुखता से प्रस्तुत किया गया है। नवा रायपुर, देश का पहला ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी, जिसे निवेश और औद्योगिक प्रगति के लिए तैयार किया गया है।
छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक पहचान चित्रकोट जलप्रपात ने भी सबका ध्यान खींचा। भारत का सबसे चौड़ा जलप्रपात होने के कारण इसे ‘भारत का नियाग्रा’ कहा जाता है।
इतिहास और आस्था की झलक देने वाला सिरपुर पैवेलियन में प्रमुख रूप से प्रदर्शित है। यह 8वीं शताब्दी से जुड़ा भारत का एक विशाल बौद्ध स्थल है, जो छत्तीसगढ़ की गहरी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का परिचायक है।
भारत और जापान की सांस्कृतिक विरासत के इस जुड़ाव में, छत्तीसगढ़ बुद्ध के विचारों और शिक्षाओं से प्रेरित होकर शांति, समावेश और सतत विकास के साझा मूल्यों को आगे बढ़ाता है।
पैवेलियन में छत्तीसगढ़ की रणनीतिक भौगोलिक स्थिति पर विशेष बल दिया गया। राज्य की केंद्रीय स्थिति और मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट नेटवर्क उसे देश के भीतर सबसे बड़ा लॉजिस्टिक हब बनाते हैं।
विनिर्माण, वस्त्र, आईटी/आईटीईएस, इलेक्ट्रॉनिक्स और ग्रामोद्योग जैसे क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ की तेजी से हो रही प्रगति को भी यहां प्रदर्शित किया गया है। यह वैश्विक निवेशकों के लिए राज्य को निवेश-तैयार गंतव्य के रूप में स्थापित करता है।
छत्तीसगढ़ की पहचान उसकी लोककला और हस्तशिल्प में भी झलकती है। पैवेलियन में बस्तर की ढोकरा कला – 4,000 वर्ष पुरानी जीआई टैग प्राप्त धातु शिल्प—अपने अनगढ़ सौंदर्य और मौलिकता से सबको आकर्षित कर रही है।
इसी तरह, कोसा सिल्क, जिसे छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक आत्मा कहा जाता है, पैवेलियन का मुख्य आकर्षण बना। यह अपनी प्राकृतिक चमक, मजबूती और आकर्षण के लिए विख्यात है और राज्य के वनों में पाए जाने वाले एंथरेया मायलिट्टा रेशमकीट से तैयार किया जाता है।
कोसा से बनी कलात्मक इंस्टॉलेशन छत्तीसगढ़ की आत्मा को व्यक्त करती है—जहां आध्यात्मिकता, प्रकृति और विकास का संतुलन साफ दिखाई देता है।
वर्ल्ड एक्सपो 2025 में छत्तीसगढ़ पैवेलियन की शानदार शुरुआत और रिकॉर्डतोड़ दर्शक संख्या ने आने वाले सप्ताह की दिशा तय कर दी है। यह पैवेलियन न केवल सांस्कृतिक विविधता का उत्सव है, बल्कि छत्तीसगढ़ को सतत औद्योगिक प्रगति और वैश्विक निवेश अवसरों के उभरते केंद्र के रूप में स्थापित करता है।
टोक्यो में बस्तर के सितारे से मिले सीएम
मुख्यमंत्री साय टोक्यो प्रवास के दौरान बस्तर के सितारे अविनाश तिवारी मुलाकात हुई। बस्तर के निवासी और नवोदय विद्यालय बारसूर के पूर्व छात्र अविनाश जापान की प्रतिष्ठित बॉयज एंड मॉरिस इंटरनेशनल कंपनी में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में डायरेक्टर हैं। सीएम ने इस मुलाकात के बाद कहा, ‘यह मुलाकात मेरे लिए अत्यंत विशेष और गर्व से भरी रही। अविनाश जी ने बड़े उत्साह के साथ अपनी प्रेरक यात्रा साझा की और छत्तीसगढ़ में उद्योग निवेश को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा भी हुई। प्रदेश का यह सपूत आज विश्व पटल पर बस्तर के साथ ही पूरे छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर रहा है।’
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