रायपुर। छत्तीसगढ़ में महादेव सट्टा केस में फंसे महादेव बुक के प्रमोटर्स सौरभ चंद्राकर (Saurabh Chandrakar) ने गैर जमानती वारंट रद्द करने के लिए कोर्ट में अर्जी दी है। सौरभ की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा है कि अगर गैर जमानती वारंट कोर्ट कैंसल कर देती है तो सौरभ को तीन महीने में वे कोर्ट में पेश कर देंगे।
इस पर ईडी के वकील ने आपत्ति की और कहा कि अगर वे बिना किसी शर्त के कोर्ट में पेश होते हैं तो विचार किया जा सकता है, लेकिन किसी भी तरह की शर्त स्वीकार नहीं की जाएगी। इस मामले में ईडी कोर्ट आगे फैसला सुनाएगा।
महादेव बुक मामले में सौरभ और उसके सार्थी प्रमोटर रवि उप्पल को मास्टर माइंड बताया गया था। दोनों के खिलाफ दर्जनों एफआईआर दर्ज हैं, जिसके आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच चल रही है। भारत की अलग-अलग एजेंसियां भी जांच कर रही हैं।
इन दोनों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है। इतना ही नहीं कोर्ट की तरफ से पिछले दिनों गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था, जिसे रद्द करने रायपुर की ईडी कोर्ट में सुनवाई हुई।
ईडी के वकील सौरभ पांडे ने thelens.in को बताया कि पिछले दिनों सौरभ की तरफ से छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में भी इस संबंध में याचिका लगाई गई थी। तब ऑफर दिया गया था, कि वे अगर कोर्ट में पेश होते हैं तो वारंट कैंसल कर दिया जाएगा। इस ऑफर को सौरभ चंद्राकर के वकील ने मानने से इंकार कर दिया तो हाई कोर्ट ने गैर जमानती वारंट कैंसल करने से इंकार कर दिया था।
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