लेंस डेस्क। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री DK Shivakumar ने आरएसएस का गीत ‘नमस्ते सदा वत्सले’ का एक हिस्सा गाकर चौंका दिया। यह घटना कहीं और नहीं गुरुवार यानी 21 अगस्त को विधानसभा में घटी। जिसके बाद इसे लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया।
बाद में खुद डी. के. शिवकुमार ने मामले पर सफाई दी और कहा कि ऐसा कुछ नहीं है जैसी चर्चाएं हो रही हैं, यह सिर्फ बताने के लिए था कि वह अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के बारे में कितना गहराई से जानते हैं।
दरअसल, यह घटना तब हुई जब शिवकुमार आरसीबी की जीत के जश्न के दौरान भगदड़ पर विधानसभा में चर्चा का जवाब दे रहे थे। विपक्ष ने डी. के. शिवकुमार, मुख्यमंत्री और गृह मंत्री से इस्तीफे की मांग की थी। इस पर शिवकुमार ने तंज कसते हुए कहा कि क्या अन्य राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश के नेताओं ने भगदड़ की जिम्मेदारी ली है?
उन्होंने कहा, ‘मुझे जवाब देना आता है, मैंने वरिष्ठ नेता डॉ. परमेश्वर के मार्गदर्शन में सीखा है, आपके (बीजेपी) अधीन नहीं।’ इस पर विपक्ष के नेता आर. अशोक ने याद दिलाया कि शिवकुमार ने पहले बताया था कि उन्होंने एक बार आरएसएस की वर्दी पहनी थी। तभी शिवकुमार ने मुस्कुराते हुए आरएसएस के गीत का पहला हिस्सा गा दिया।
बीजेपी विधायक वी. सुनील कुमार ने मजाक में कहा, ‘उम्मीद है ये पंक्तियां रिकॉर्ड से नहीं हटाई जाएंगी।’
शिवकुमार ने कहा, ‘मैं कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) का सदस्य हूं और वहां के लोग, जिसमें केएससीए सचिव भी शामिल हैं, मेरे दोस्त हैं। मैं बेंगलुरु का प्रभारी मंत्री हूं। मैं 4 जून को हवाई अड्डे और स्टेडियम गया था। मैंने कर्नाटक का झंडा भी लहराया, आरसीबी को बधाई दी और ट्रॉफी को चूमा भी। मैंने अपना काम किया।’
डी. के. शिवकुमार ने बाद में क्या कहा
पत्रकारों से बात करते हुए शिवकुमार ने कहा, ‘मैं जन्मजात कांग्रेसी हूं। मैंने सभी राजनीतिक दलों का अध्ययन किया है। मुझे पता है कि आरएसएस कर्नाटक में कैसे संस्थाएं बना रहा है। वे हर जिले में स्कूलों को अपने कब्जे में ले रहे हैं और बच्चों को अपनी विचारधारा सिखाने की कोशिश कर रहे हैं।’
उन्होंने आगे कहा, ‘एक नेता के तौर पर मुझे पता होना चाहिए कि मेरे विरोधी और दोस्त कौन हैं। मैंने आरएसएस और इसके इतिहास के बारे में जानने की कोशिश की है। राजनीतिक तौर पर हमारे बीच काफी मतभेद हैं, लेकिन बीजेपी को पता होना चाहिए कि मैंने उनके बारे में गहराई से अध्ययन किया है।’
बीजेपी में शामिल होने की अटकलों पर उन्होंने साफ कहा, ‘कोई हाथ मिलाने की बात नहीं। मैं कांग्रेसी हूं और कांग्रेस का नेतृत्व करूंगा।’