रायपुर। छत्तीसगढ़ के 31 सौ करोड़ के शराब घोटाले में फंसे 29 आबकारी अधिकारियों की अग्रिम जमानत याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। सोमवार को जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की बेंच में इन आबकारी अधिकारियों की जमानत पर सुनवाई हुई, जिसके बाद दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने विभागीय अफसरों को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया।
इसके साथ ही कोर्ट ने जांच एजेंसी पर इन अफसरों को गिरफ्तार नहीं करने को लेकर टिप्पणी की, कि एक ओर एजेंसी ने जांच के दौरान आवेदकों को इस आधार पर गिरफ्तार नहीं किया है कि शुरू में उन्होंने जांच में सहयोग किया था। वहीं, दूसरी ओर, राज्य ने अग्रिम जमानत देने के आवेदनों का विरोध किया है। इनके कारणों से वह अच्छी तरह वाकिफ हैं।
इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने कहा कि आवेदनकों ने ऐसा कोई ठोस कारण नहीं प्रस्तुत किया, जो अग्रिम जमानत देने के लिए पर्याप्त मानी जा सके। इसलिए उनके अग्रिम जमानत के आवेदन अस्वीकार किए जाते हैं।
राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने अपनी एफआईआर में इन सभी को आरोपी बनाते हुए इनके खिलाफ चालान पेश किया है। इतना ही नहीं आरोपी बनाए गए तत्कालीन 29 आबकारी अधिकारियों को 20 अगस्त को ट्रायल कोर्ट में पेश होने के लिए समन जारी किया गया था, लेकिन इनमें से कोई भी पेश नहीं हुआ, जिसके बाद सभी के खिलाफ कोर्ट गिरफ्तारी वारंट जारी करेगा।
इस घोटाले में ईओडब्ल्यू ने 2019 से 2023 तक प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पदस्थ रहे आबकारी अफसरों का आरोपी बनाया था। अफसरों पर आरोप है कि उन्होंने मिलीभगत कर ओवर बिलिंग, नकली बारकोड और डमी कंपनियों के जरिए अवैध वसूली की है।