“मेरा नाम तनु प्रिया है और मैं ब्राह्मण जाति से हूं। पांच महीने पहले मैंने राहुल मंडल से प्रेम विवाह किया था। मेरे पापा प्रेम शंकर झा ने उसे गोली मार दी। अब इस दुनिया में मेरा कोई नहीं है। मुझे हर हाल में इंसाफ चाहिए। अगर एक महीने के अंदर मुझे इंसाफ नहीं मिलता है तो मैं खुद अपने मम्मी पापा के साथ-साथ परिवार के सभी लोगों को मार डालूंगी और खुद भी मर जाऊंगी। मम्मी पापा को इस बात को लेकर परेशानी थी कि मैं ब्राह्मण होकर लोअर कास्ट लड़के से प्रेम विवाह कर लिया।” सहरसा के बनगांव की रहने वाली तनु प्रिया यह कहते हुए रोने लगती है।
सुपौल जिले के तुलापट्टी निवासी राहुल मंडल और सहरसा जिले के बनगांव निवासी तनुप्रिया झा डीएमसीएच में बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई करते थे। दोनों ने इसी साल अप्रैल में प्रेम विवाह किया था। राहुल अति पिछड़ा वर्ग से था, तो तनु जाति से सवर्ण है। यह विवाह अंतरजातीय था, जिससे तनुप्रिया के पिता नाराज थे।

पांच अगस्त, 2025 को दरभंगा मेडिकल कॉलेज में तनुप्रिया का पिता प्रेम शंकर झा काले कपड़े पहन कर मुंह पर नकाब और मास्क लगाए कॉलेज परिसर में घुसता है और बीएससी सेकंड ईयर के स्टूडेंट राहुल मंडल के सीने में गोली उतार देता है। गोली की आवाज के बाद मौके पर मौजूद छात्रों ने हत्यारे प्रेमशंकर झा को पकड़ लिया और जमकर धुनाई कर दी। हालांकि पुलिस ने किसी तरह उसे भीड़ से बचाया। इस दौरान पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा। राहुल की मौत हो गई और फिलहाल आरोपी का इलाज पटना के एक अस्पताल में चल रहा है।
अंतरजातीय विवाहों में ऑनर किलिंग की घटनाओं को देखें, तो वर्ष 2022 में देशभर में ऑनर किलिंग के कुल 18 मामले सामने आए थे, जिसमें बिहार भी शामिल था। हालांकि यहां उस साल ऑनर किलिंग का सिर्फ एक मामला दर्ज हुआ था।
प्रेम शंकर झा समाज का ‘हीरो’ है !
यह घटना मिथिलांचल के साथ ही पूरे बिहार में काफी चर्चित रही है। इस घटना के बाद जहां एक तरफ लड़की के पिता की निंदा की जा रही है, वहीं एक तबका उसे हीरो बनाने पर तुला हुआ है। यह विडंबना ही है कि सोशल मीडिया पर एक बड़ा तबका प्रेम शंकर झा के समर्थन में पोस्ट कर रहा है। बानगी देखिएः
“कोई पिता पेट काट कर अपने बच्चों का भविष्य बनाने के लिए पढ़ाई करने भेजता है। ऐसे में क्या पिता को अपने स्वाभिमान की रक्षा का भी अधिकार नहीं है। लड़की का परिवार किस परिस्थिति में जी रहा होगा, जिसकी बेटी घर छोड़ भाग गई है।”
“सुन बेटी, तुम उसी वक्त ब्राह्मण नहीं रही, जब तूने पिता के मान-सम्मान, प्रतिष्ठा के विमुख कदम बढ़ा दिया था।”
“तनु प्रिया झा के पिता ने जो किया है, उससे समाज को उनसे सबक लेना चाहिए, जिस बेटी को मां ने 9 महीने पेट में रखा, मां-बाप ने पाल पोस कर बड़ा किया, पढ़ाया लिखाया, उसका अपनी बेटी पर कोई हक नहीं। किसी को अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं करना चाहिए।”
पिछले चंद दिनों में अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हत्या के एक आरोपी का महिमामंडन किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ इस घटना पर विरोध भी जताया जा रहा हैः
“जाति के नाम पर प्यार की हत्या कर देना मानवता का सबसे बड़ा अपराध है। तनु प्रिया झा और राहुल मंडल की कहानी बताती है कि हिंदू होना काफी नहीं, जातिवाद अब भी जिंदा है।
“लड़की के पिता ने अपनी बेटी के पति को गोली से मार दिया। राहुल अब इस दुनिया में नहीं रहा। कब तक जात-पात, ऊंच-नीच, झूठी मर्यादा और तथाकथित इज्जत के नाम पर इस तरह घटना होती रहेगी?”
हत्या का मामला बना जाति का मामला

“सिर्फ सोशल मीडिया पर नहीं बल्कि समाज में इस घटना को लेकर इस तरह का नैरेटिव बनाया जा रहा है कि ऐसी घटना से गैर जातीय विवाह रुकेगा। गांव में खासकर सवर्ण इलाकों में इस घटना को लेकर राहुल के प्रति संवेदना नहीं बल्कि प्रेम शंकर झा के प्रति संवेदना है। अभी तक इस पूरी घटना पर कोई भी बड़ा नेता बयान नहीं दिया है। नहीं कोई बड़ा नेता पीड़ित के घर गया है। राजनीति में सबको जाति का ताना-बाना बना कर रखना पड़ता है।” सामाजिक कार्यकर्ता एवं पेशे से वकील कुणाल बताते है।
मिथिला इलाके के रहने वाले दीपक मंडल बताते हैं कि,” मिथिला के प्रसिद्ध यूट्यूब न्यूज़ चैनल और मेनस्ट्रीम मीडिया में इस घटना को उतनी जगह नहीं दी गई है। एक समाज इस पूरी घटना पर गौरवनित महसूस कर रहा है। किसी की हत्या को सेलिब्रेट करना और उस अपराध को बाप की नैतिकता के आधार पर जस्टिफाई करना एकदम वाहियात है।”
वहीं अखिल भारतीय धानुक महासंघ ने 13 अगस्त, 2025 को जिला पदाधिकारी को न्याय की मांग के लिए ज्ञापन सौंपा है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि, “ यदि सात दिनों के भीतर ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा और व्यापक जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा।” गौरतलब है कि लड़का धानुक जाति का था।
शासन प्रशासन क्या कर रहा?
इस मामले में छह अगस्त यानी बुधवार को दो एफआईआर दर्ज की गई। भारतीय दंड संहिता की धारा 103, 61 और 3(5) और शस्त्र अधिनियम की धारा 25(1-बी)ए, 26 और 27 के तहत मामला दर्ज किया गया। प्रेमशंकर झा, उनकी पत्नी गुंजन कुमारी, अश्विनी वत्स और अवनीश वत्स समेत चार लोगों को आरोपी बनाया गया है।
दरभंगा एसएसपी जगुनाथरड्डी जलरड्डी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, “सभी लोग मिलने आए थे। उनका बयान दर्ज करने के लिए सदर डीएसपी को कहा गया है। फिलहाल मामले का अनुसंधान चल रहा है. जांच के आधार पर दोषियों को जरूर सजा दिलाई जाएगी।”
पूरे मामले पर तनुप्रिया मीडिया से बात करते हुए बताती हैं कि ,” “हत्या के दिन राहुल बाइक के पास खड़े थे, तभी काले नकाब में बंदूक लेकर एक आदमी आया। वो मेरा पापा था। उन्होंने पूछा कि किसकी बुलेट है, राहुल ने कहा कि मेरी है, तो उन्होंने गोली मार दी और भाग गये। राहुल मेरी गोद में आकर गिर पड़े। प्रेम शंकर झा, अश्विनी वत्स, अवनीश वत्स और जो भी अज्ञात आरोपी है, सब को जल्द से जल्द सजा दिलवाएं। इन तीनों को तो फांसी की सजा मिलनी चाहिए, तभी मेरे पति को न्याय मिलेगा।”
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रेम शंकर झा के मन में इस अपराध को लेकर कोई ग्लानि नहीं है। उसने कहा कि बहुत दिनों से वह सोया नहीं था। अब जेल में चैन से सो पाऊंगा। अब लोगों के ताने नहीं सुनने पड़ेंगे।
कश्मीर में धर्म पूछ कर मारा और बिहार में जात पूछ कर
बिहार के प्रसिद्ध खान सर बताते हैं कि, “कश्मीर में धर्म पूछ कर मारा और बिहार में जात पूछ कर। मतलब बाहर वाले से खतरा है, धर्म देखकर और अंदर वाले से जात देखकर। अब समझ में आता है, अंग्रेज कैसे देश को गुलाम बना लिया था।”
भाकपा माले पार्टी से जुड़े अमित चौधरी भी पिपरा के तुलापट्टी में स्वर्गीय राहुल मंडल के यहां अपनी पार्टी कार्यकर्ता के साथ गए थे। वह विस्तार से बताते हैं कि, ” हमने राहुल के पिता गणेश मंडल,माता अनीता देवी और बहनोई अशोक मंडल से चर्चा कर घटना के बारे में विस्तार से पता किया। कथित रूप से 27 अप्रैल को लड़का और लड़की कहीं चले गए थे, जिसके बाद एक मई को लड़की पक्ष द्वारा राहुल मंडल के परिवार पर अपहरण का केस किया गया और लड़की के पक्ष के कुछ लोग तुलापट्टी भी आये थे। दो मई को लड़की ने कोर्ट में बयान देकर केस को ख़ारिज करवाया, फिर पांच मई को राहुल और तनुप्रिया ने महादेव मंदिर लखीसराय में शादी कर ली। सात मई को राहुल और तनुप्रिया ने अनुमंडल पदाधिकारी सुपौल, में शादी कर ली और पांच अगस्त को तनुप्रिया के पिता प्रेमशंकर झा ने राहुल की हत्या कर दी।”

आगे वह बताते हैं कि, “डीएमसीएच के नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसिपल गुड़िया रानी एक बेहद ब्राह्मणवादी विचारधारा की थीं, जिन्होंने राहुल के खिलाफ तनुप्रिया और उसके पिताजी को जाति के नाम पर काफी भड़काया। तनु की मां, दादी ,भाई वगैरह भी बार -बार धमकी देते रहे थे। माले इस घटनाक्रम के बाद राहुल के परिवार को न्याय दिलाने के लिए अंत तक लड़ेगी।”
पूर्व शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने कहा कि सुशासन की सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। आम लोगों की हत्या खुलेआम हो रही है और सरकार सिर्फ मूकदर्शक बनी बैठी है। ईश्वर ने कभी जाति व्यवस्था नहीं बनाई, इसे यहां के पाखंडियों ने गढ़ा है. आज भी समाज में जातिवाद का जहर गहराई तक फैला हुआ है और इसी का दंश तनुप्रिया को झेलना पड़ा है।”