रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्वतंत्रता दिवस के दिन राज्य स्तरीय समारोह से घोषणा की है कि रायपुर में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू किया जाएगा। जल्द ही इसकी शुरुआत होगी। इसका मतलब ये होगा कि कमिश्नरी सिस्टम लागू होते ही रायपुर में एसपी का रोल खत्म हो जाएगा। इसके अलावा मजिस्ट्रेट पॉवर भी पुलिस के पास होगा। यानी कि अब तक जो पॉवर कलेक्टर के पास होता था, अब वो पुलिस के पास होगा। रायपुर में पुलिस कमिश्नर की घोषणा के पीछे मुख्यमंत्री के सचिव और आईपीएस राहुल भगत के साथ डीजीपी अरुण देव गौतम की भूमिका अहम मानी जा रही है।
पिछले करीब डेढ़ वर्ष से प्रदेश में विष्णु देव साय सरकार बनने के बाद से यह कयास लगाया जा रहा था कि रायपुर में जल्द ही पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू होगा। पूरा सिस्टम कब से लागू होने की उम्मीद थी, लेकिन यह चर्चा थी कि रायपुर में पुलिस कमिश्नरी के खिलाफ आईएएस लॉबी थी, इस वजह से इसे लागू नहीं किया गया। लेकिन, पिछले कुछ महीनों में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति रायपुर में बिगड़ी है, जिसकी वजह से अब पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू करने की सहमति बन गई है।
जानकारी के अनुसार आईजी स्तर के अफसर को रायपुर में पुलिस कमिश्नर बनाया जाएगा। इसके अलावा क्राइम, लॉ एंड ऑर्डर और सिटी के लिए तीन एडिशनल पुलिस कमिश्नर बनाए जाएंगे, जो एसएसपी स्तर के अफसर होंगे।
रजत महोत्सव का आज से शुभांरभ
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के 25 गौरवशाली वर्षों की विकास यात्रा को ‘छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव’ के रूप में मना रहे हैं। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के शुभारंभ की घोषणा की। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस मौके पर हम विकसित भारत-विकसित छत्तीसगढ़ का संकल्प लें। छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता श्रद्धेय अटल जी के सुशासन का दृढ़ संकल्प हमें शक्ति देता है। हम निश्चित ही जन-जन की सहभागिता से विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लक्ष्य को साकार करेंगे। गोस्वामी तुलसीदास जी का कथन ‘रामकाजु कीन्हें बिनु मोहि कहां बिश्राम’ हमारा आदर्श वाक्य है और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के अंत्योदय के सिद्धांत हमारे पथप्रदर्शक हैं।
स्वतंत्रता संग्राम के नायकों को किया याद
मुख्यमंत्री ने देश की आजादी की लड़ाई में स्वर्णिम अक्षरों में लिखे गये परलकोट विद्रोह के नायकों का पुण्य स्मरण करते हुए कहा कि इस वर्ष परलकोट विद्रोह के 200 वर्ष पूरे हो गए हैं। आज भी शहीद गेंदसिंह की वीरता के किस्से प्रदेश की जनता उतने ही गौरव भाव से सुन रही है। भूखे और उत्पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने के लिए शहीद वीरनारायण सिंह की लड़ाई को कौन भूल सकता है। उन्होंने रायपुर सिपाही विद्रोह के नायक हनुमान सिंह का भी इस अवसर पर स्मरण किया। उन्होंने कहा कि भूमकाल विद्रोह के माध्यम से वीर गुंडाधुर ने अपनी मातृभूमि के लिए जिस अद्भुत शौर्य का प्रदर्शन किया, वो इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है। शहीद यादव राव, वेंकट राव, धुरवा राव, डेबरी धुर, आयतु माहरा सहित हमारे अनेक जनजातीय नायकों का बलिदान देशभक्ति की अद्भुत मिसाल है।
मार्च 2026 तक देश को आतंकवाद से मुक्त करने का संकल्प
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के इस गौरवशाली दिन हम अपने सुरक्षाबलों के जवानों का अभिनंदन करते हैं, जिन्होंने नक्सलियों को उनके ठिकानों में घुसकर मात दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह जी के नेतृत्व में हम मार्च 2026 तक देश को माओवादी आतंक से मुक्त करने के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले 20 महीनों में हमारे जवानों ने 450 माओवादियों को न्यूट्रलाइज और 1578 को गिरफ्तार किया है। हमारे जवानों ने माओवादियों के शीर्ष नेताओं बसवराजू और सुधाकर को न्यूट्रलाइज करने में सफलता पायी। राज्य सरकार की आकर्षक आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर 1589 माओवादी हथियार छोड़ चुके हैं। इनके पुनर्वास, कौशल विकास और रोजगार की व्यवस्था की गई है।