नई दिल्ली। हरियाणा के पानीपत की बुआना लाखु गांव में सरपंच चुनाव का परिणाम सुप्रीम कोर्ट ने बदल दिया है। ईवीएम की दोबारा गिनती में मोहित 51 वोटों से विजयी घोषित हुए जबकि पहले कुलदीप को विजेता घोषित किया गया था। हाई कोर्ट ने दोबारा गिनती से इनकार कर दिया था जिसके खिलाफ मोहित सुप्रीम कोर्ट गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने दो महीने में ही ईवीएम खुलवाकर मोहित को विजयी घोषित किया।
गौरतलब है कि दो वर्ष 10 माह पूर्व हुए सरपंच के चुनाव के परिणाम को सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों की खंडपीठ के सुनवाई हुई । इसके पहले पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने दोबारा गिनती कराने से इनकार कर दिया था, जिसके खिलाफ याची सुप्रीम कोर्ट गया।
सर्वोच्च न्यायालय ने दो महीने में ही अपनी निगरानी में ईवीएम खुलवाई और आदेश भी सुना दिया। यह अपने तरह का देश का पहला मामला बताया जा रहा है। गुरुवार को पानीपत जिले के इसराना बीडीओ कार्यालय में मोहित को बुआना लाखु के सरपंच पद की शपथ दिलाई जाएगी।
2 नवंबर 2022 को हुए ग्राम पंचायत चुनाव में एक अधिकारी की गलती से कुछ घंटे के लिए बुआना लाखू के दो सरपंच बन गए थे। पहले कुलदीप को सरपंच बनने का प्रमाणपत्र दिया गया था, लेकिन दोबारा मतगणना में मोहित को सरपंच घोषित कर दिया गया था।
दोनों को विजेता होने का प्रमाणपत्र भी दे दिया गया था। लेकिन पहले विजेता घोषित कुलदीप ने हार मानने से इनकार कर दिया। बुआना लाखु गांव में सरपंच पद के सात प्रत्याशी थे।इनमें से दो प्रत्याशियों कुलदीप और मोहित में मुकाबला था। गांव के बूथ नंबर 65, 66, 67, 68, 69 और 270 बनाए गए थे।
निर्वाचन अधिकारी से बूथ नंबर 69 पर गलती से परिणाम बदल गया। यहां मोहित को मिले वोट कुलदीप के खाते में जुड़ गए और कुलदीप के वोट मोहित के खाते में जुड़ गए। इसके बाद सभी बूथों के योग के आधार पर कुलदीप को विजयी घोषित कर दिया गया।