लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) ने गुरुवार को कौशांबी की चायल विधानसभा सीट से विधायक पूजा पाल को पार्टी से निष्कासित कर दिया। यह कार्रवाई उनके द्वारा उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करने और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण की गई। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पूजा पाल को तत्काल प्रभाव से पार्टी से हटाने का फैसला लेते हुए लेटर जारी कर दिया है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा के हालिया सत्र में पूजा पाल ने योगी सरकार की कानून व्यवस्था और जीरो टॉलरेंस नीति की सराहना की थी। उन्होंने ‘विजन डॉक्यूमेंट 2047’ पर चर्चा के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके पति राजू पाल की हत्या के मामले में न्याय दिलाया और माफिया जैसे अपराधियों को सजा दी। इस बयान को सपा ने पार्टी विरोधी माना और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की।
योगी की तारीफ में क्या कहा था
उत्तर प्रदेश विधानसभा में ‘विजन डॉक्यूमेंट 2047’ पर हुई चर्चा के दौरान पूजा पाल ने कहा, “सभी जानते हैं कि मैंने अपने पति को खोया है। उनकी हत्या कैसे और किन लोगों ने की, यह किसी से छिपा नहीं है। मैं मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करती हूं, जिन्होंने मुझे इंसाफ दिलाया। जब कोई मेरी बात सुनने को तैयार नहीं था, तब उन्होंने मेरी मदद की। प्रयागराज में मेरे जैसी कई महिलाओं को न्याय दिलाने और अपराधियों को सजा देने का काम मुख्यमंत्री ने किया।”
पूजा ने आगे कहा, “मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति ने अतीक अहमद जैसे अपराधियों का खात्मा किया। आज पूरा प्रदेश उनके नेतृत्व पर भरोसा करता है। मेरे पति के हत्यारे अतीक अहमद को सजा दिलाने में मुख्यमंत्री ने अहम भूमिका निभाई।”
उन्होंने यह भी कहा, “मैं उनकी जीरो टॉलरेंस नीति का पूर्ण समर्थन करती हूं। जब मैंने देखा कि कोई भी अतीक जैसे अपराधियों के खिलाफ खड़ा होने को तैयार नहीं था, तब मैंने आवाज उठाई। उस समय जब मैं इस संघर्ष में थकने लगी थी, तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुझे न्याय दिलाने में साथ दिया।”
राज्यसभा चुनाव में भी कर चुकी हैं बगावत
यह पहली बार नहीं है जब पूजा पाल ने सपा के खिलाफ बगावत की हो। इससे पहले 2024 में हुए राज्यसभा चुनाव में पूजा पाल ने पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर क्रॉस वोटिंग की थी। इस घटना ने सपा नेतृत्व को नाराज किया था। इसके अलावा फूलपुर उपचुनाव में पूजा पाल ने खुलकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी दीपक पटेल के लिए प्रचार किया था। उनकी यह गतिविधियां सपा के लिए असहज स्थिति पैदा करने वाली थीं।
पार्टी ने अपने बयान में कहा कि पूजा पाल को कई बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन उन्होंने अपनी गतिविधियां बंद नहीं कीं। सपा ने इसे गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए उन्हें पार्टी से निकाल दिया और सभी पदों से हटा दिया। साथ ही, उन्हें पार्टी के किसी भी कार्यक्रम या बैठक में शामिल होने से मना कर दिया गया।
पूजा पाल का सियासी सफर
पूजा पाल का सियासी सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा है। उनके पति राजू पाल, जो इलाहाबाद पश्चिमी से बसपा विधायक थे, उनकी 2005 में हत्या कर दी गई थी। इसके बाद पूजा ने राजनीति में कदम रखा। 2005 के उपचुनाव में वे बसपा के टिकट पर लड़ीं, लेकिन हार गईं। 2007 और 2012 में उन्होंने इलाहाबाद पश्चिमी सीट से जीत हासिल की। 2017 में वे भाजपा के सिद्धार्थनाथ सिंह से हार गईं। 2022 में सपा के टिकट पर चायल सीट से जीतकर वे विधायक बनीं। हाल के वर्षों में पूजा पाल के भाजपा के साथ नजदीकियां बढ़ने की खबरें सामने आ रही थीं। कुछ समय पहले उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें भी थीं, जिसे उन्होंने तब खारिज किया था।