नई दिल्ली। क्या भाजपा आईटी सेल और उसके नेता वोट चोरी को लेकर कांग्रेस पर किए जा रहे पलटवार में भी फर्जीवाड़ा कर रहे हैं? अगर सोनिया गांधी को लेकर भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय द्वारा किए गए ट्वीट को देखें तो यही प्रतीत होता है।
दरअसल बुधवार को अमित मालवीय ने कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि सोनिया गांधी के भारत आने से पहले ही उनका नाम वोटर लिस्ट में डाल दिया गया था। अपने बयान के समर्थन में उन्होंने एक स्क्रीनशॉट भी साझा किया था। उन्होंने कहा था कि सोनिया गांधी का नाम पहली बार 1980 में मतदाता सूची में दिखाई दिया था भारतीय नागरिक बनने से तीन साल पहले और तब भी उनके पास इतालवी नागरिकता थी।
सोनिया गांधी को 1980 में बताया रजिस्टर्ड मतदाता
अमित मालवीय का कहना था कि उस समय गांधी परिवार 1-सफदरजंग रोड, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आधिकारिक निवास पर रहता था। उस समय तक उस पते पर पंजीकृत मतदाता इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, संजय गांधी और मेनका गांधी थे। 1980 में, नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र की मतदाता सूची में 1 जनवरी, 1980 को अर्हक तिथि मानकर संशोधन किया गया था। इस संशोधन के दौरान, सोनिया गांधी का नाम मतदान केंद्र 145 के क्रम संख्या 388 पर जोड़ा गया।
मालवीय के दावे का फैक्ट चेक
द लेंस ने जब इस स्क्रीनशॉट की तहकीकात की तो पता चला कि दरअसल दिल्ली को 1991 के 69 वें संविधान संशोधन के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र घोषित किया गया है। जबकि जो स्क्रीनशॉट अमित मालवीय ने साझा किया है उसे 1980 का बताया गया है। ऐसे में उक्त स्क्रीनशॉट की सत्यता संदिग्ध है।