नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की जान को खतरा बताते हुए उनके वकील ने पुणे की जिला अदालत में अर्जी लगा दी। इस मामले पर कांग्रेस को सफाई देनी पड़ी, जिसके बाद वकील को अर्जी वापस लेने का बयान जारी करना पड़ा।
दरअसल, सावरकर के अपमान से जुड़े एक मामले में पुणे सत्र न्यायालय में राहुल गांधी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान उनके वकीलों ने यह दावा किया। वकीलों ने कहा कि राहुल गांधी को जान का खतरा है, क्योंकि कुछ सांसदों ने पहले ही उन्हें धमकियां दी हैं। खास तौर पर बीजेपी नेता तरविंदर सिंह मारवाह द्वारा दी गई धमकी का जिक्र किया गया।
राहुल गांधी के वकील मिलिंद पवार ने अदालत को बताया कि बीजेपी नेता बिट्टू ने उन्हें “आतंकवादी” कहा, जबकि तरविंदर मारवाह ने खुलेआम धमकी दी कि अगर राहुल गांधी ने उचित व्यवहार नहीं किया, तो उनका अंजाम उनकी दादी जैसा हो सकता है।
पवार ने यह भी बताया कि इस मामले के शिकायतकर्ता सत्यकी का सावरकर और गोडसे परिवारों से करीबी रिश्ता है और वह अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं।
कांग्रेस ने क्या दी सफाई
राहुल गांधी ने पुणे कोर्ट में दाखिल किए गए उस दावे का खंडन किया है जिसमें उन्होंने खुद पर जान का खतरा बताया था। राहुल गांधी के वकील मिलिंद दत्तात्रेय पवार ने बकायदे प्रेस नोट जारी करके कहा है कि हमने बिना राहुल गांधी के अनुमति के यह बात न्यायालय में कही थी मैं न्यायालय से उस दावे को वापस लेने की दरख्वास्त करुंगा।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि राहुल गांधी के वकील ने बिना उनकी सहमति के अदालत में उनकी जान को खतरे की बात रखी। राहुल गांधी को इस बात से घोर आपत्ति है और कल उनके वकील अदालत में अपना यह वक्तव्य वापस लेंगे।
सावरकर पर राहुल के बयान
मार्च 2023 में राहुल गांधी ने लंदन में एक भाषण के दौरान कहा था कि वीडी सावरकर ने अपनी किताब में लिखा था कि उन्होंने और उनके कुछ साथियों ने एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की थी और उन्हें इस बात पर खुशी हुई थी। इस बयान के आधार पर सत्यकी सावरकर ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
3 जुलाई को पुणे की एमपी-एमएलए कोर्ट ने सत्यकी सावरकर की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी से वह किताब पेश करने की मांग की थी, जिसमें सावरकर के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी थी। जज अमोल शिंदे ने कहा कि राहुल गांधी को किताब पेश करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
17 नवंबर 2022 को महाराष्ट्र के अकोला में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने सावरकर पर टिप्पणी की थी। उन्होंने एक पत्र दिखाते हुए कहा था कि सावरकर ने अंग्रेजों को यह पत्र लिखकर खुद को उनका वफादार नौकर बताया और डर के कारण माफी मांगी थी। राहुल ने कहा कि गांधी, नेहरू और पटेल ने ऐसा नहीं किया और वे सालों तक जेल में रहे। उन्होंने यह भी कहा कि सावरकर ने इस पत्र पर हस्ताक्षर कर गांधी और पटेल को धोखा दिया और उनसे भी ऐसा करने को कहा।