दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में किरंदुल स्थित एनएमडीसी के प्लांट में आग लगने से हड़कंप मच गया है। NMDC के प्लांट में कन्वेयर बेल्ट में आग लगी है। वार्ड नंबर 12 फाइन ओर कैंप के नजदीक कन्वेयर बेल्ट में भीषण आग लगी है। मौके पर पहुंची दमकल की गाड़ियां आग बुझाने का प्रयास कर रही हैं। आग लगने के कारणों का खुलासा नहीं हो सका है। आग लगने की वजह से प्रोडक्शन रुका हुआ है। करोड़ों के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। प्लांट की मशीनरी सिक्योरिटी टीम सुबह तक प्रोडक्शन शुरू करने की कोशिशों में जुटी हुई है। बड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया है।
आग इतनी भयानक है कुछ ही देर मेंl लगभग 200 मीटर से अधिक बेल्ट में आग लग गई है। शुरू में करीब 50 मीटर बेल्ट ही आग की जद में थी, लेकिन देखते ही देखते आग फैली और करीब 200 मीटर तक आग फैल गई। आग लगने के कारणों का खुलासा नहीं हो सका, लेकिन शॉर्ट सर्किट की आशंका जताई जा रही है।
जानकारी के अनुसार, जिस कन्वेयर बेल्ट में आग लगी है, उन्हीं कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से लौह अयस्क को पहाड़ों से नीचे लाया जाता है। इस आगजनी से NMDC का प्रोडक्शन फिलहाल रुका हुआ है, जिससे करोड़ों के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। जल्द ही प्रोडक्शन फिर से शुरू करने की कोशिश चल रही है।
घटना स्थल पार NMDC की तीन दमकल गाड़ी पहुंची है। किरंदुल पुलिस और CISF के जवान घटना स्थल में पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे है। शुरुआती जांच में पुलिस ने नक्सल घटना से इंकार किया है। शॉट सर्किट या रबरों के घिसाई से चिंगारी निकलने से आग लगने की बात सामने आ रही है।
फिलहाल इस आगजनी में किसी तरह के जान का नुकसान नहीं हुआ है। खबर आ रही है कि कन्वेयर बेल्ट का सिस्टम ऑटोमेटिक काम करता है, जिसकी वजह से आग लगने वाली जगह पर कोई नहीं था।
किरंदुल प्लांट में पहले भी आगजनी की घटनाएं हुई है। कई बार शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगती है तो कई बार खबर आती है कि नक्सलियों ने अपनी दहशत फैलाने के लिए प्लांट में आगजनी की हो।
क्या होता है कन्वेयर बेल्ट?
कन्वेयर बेल्ट ज्यादातर प्लांट और उद्योगों में इस्तेमाल होती है जो किसी भी सामान को एक जगह से दूसरे जगह ले जाने का काम करती है। कन्वेयर बेल्ट का उपयोग खनन उद्योग में बेहद अहम होता है, जहां वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने की आवश्यकता होती है। कन्वेयर बेल्ट रबर के होते हैं। इसी बेल्ट की मदद से बैलाडीला की पहाड़ी से लौह अयस्क किरंदुल प्लांट तक पहुंचता है। यह बेल्ट मैनुअल लेबर सिस्टम की आवश्यकता को कम करने के साथ ही सुरक्षित होता है। इसमें ज्यादा से ज्यादा सामान कम समय में एक जगह से दूसरे जगह पर पहुंचाया जाता है।
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