लेंस डेस्क। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में धराली गांव और आसपास के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य जोर-शोर से चल रहे हैं। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई सड़कों के क्षतिग्रस्त होने के कारण हवाई मार्ग के जरिए राहत कार्य किए जा रहे हैं। हालांकि, खराब मौसम इस कार्य में बाधा डाल रहा है। उत्तरकाशी में शुक्रवार देर शाम तेज बारिश शुरू हो गई, जिसके चलते हेलीकॉप्टर से चल रहे बचाव अभियान को रोकना पड़ा।
मौसम विभाग ने शुक्रवार को अगले तीन दिनों तक जिले में बारिश, आंधी और बिजली गिरने की संभावना जताई है। 8 से 10 अगस्त तक मध्यम से भारी बारिश हो सकती है, जबकि 11 अगस्त के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।

बचाव कार्यों के तहत धराली और हर्षिल से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। सुबह 11 बजे तक 113 लोगों को मातली हेलीपैड पर लाया गया, जहां से उन्हें उनके गंतव्य तक भेजा जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मातली हेलीपैड का दौरा कर राहत कार्यों का जायजा लिया। एसडीआरएफ के आईजी अरुण मोहन जोशी ने गंगोत्री पहुंचकर बचाव कार्यों की रणनीति की समीक्षा की और प्रभावित लोगों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को समझा। उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी फंसे हुए लोगों को चरणबद्ध तरीके से हेलीकॉप्टर के जरिए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा।
एयरलिफ्ट कर लाई गईं पोकलैंड मशीनें
धराली में भारी बारिश और भूस्खलन से क्षतिग्रस्त सड़कों को ठीक करने के लिए भारतीय वायुसेना की मदद ली जा रही है। चीन सीमा से पोकलैंड मशीनों को चिनूक हेलीकॉप्टर के जरिए एयरलिफ्ट किया जा रहा है। सीमा सुरक्षा बल के जवान दिन-रात सड़कों को ठीक करने में जुटे हैं, लेकिन बार-बार हो रहे भूस्खलन से चुनौतियां बढ़ रही हैं। एक चिनूक हेलीकॉप्टर, जो जेनरेटर लेकर जा रहा था, खराब मौसम के कारण चिन्यालीसौड़ में उतरना पड़ा, क्योंकि तेज हवाओं से उसका संतुलन बिगड़ रहा था।
धराली में बादल फटने की घटना के बाद एसडीआरएफ ने राहत कार्यों के साथ-साथ इसका कारण जानने के लिए भी जांच शुरू की है। गुरुवार को आईजी जोशी के निर्देश पर एक टीम 3500 मीटर की ऊंचाई पर झंडा बुग्याल पहुंची, जहां से बादल फटने की घटना शुरू हुई थी। ड्रोन की मदद से इलाके का सर्वेक्षण किया गया, जिसमें कोई झील या जमा हुआ पानी नहीं मिला, जिससे निकट भविष्य में ऐसी घटना की आशंका कम है।
केंद्र की टीम करेगी दौरा
अगले सप्ताह केंद्रीय अंतर-मंत्रालयी टीम उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगी। यह टीम नुकसान का आकलन करेगी और राहत कार्यों की रणनीति तैयार करेगी। साथ ही, भागीरथी में बन रही झील से पानी निकासी की निगरानी के लिए सेना और राज्य की संयुक्त टीम काम करेगी। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने गुरुवार को उत्तराखंड के अधिकारियों के साथ राहत कार्यों की समीक्षा की। एनडीएमए के विभागाध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार हर संभव सहायता प्रदान करेगी और पुनर्निर्माण के लिए आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जाएगी।