देश के सर्वोच्च संवैधानिक न्यायालय की कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को ‘सच्चे भारतीय’ के बारे में दी गई नसीहत ने राष्ट्रवाद को लेकर एक नई बहस खड़ी कर दी है और यह सवाल भी खड़ा कर दिया है कि क्या ‘सच्चे भारतीय’ जैसी कोई परिभाषा तय भी की जा सकती है? सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस दीपंकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने 2022 में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान सेना तथा चीन के भारत की जमीन पर जमीन कब्जा करने से संबंधित टिप्पणी के मामले में राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि के मामले में स्थगन तो दिया, लेकिन इसके साथ ही कांग्रेस नेता से कहा कि अगर आप सच्चे भारतीय हैं, तो आपको ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए। पीठ ने राहुल गांधी को नसीहत दी कि आप विपक्ष के नेता हैं, आप मीडिया या सोशल मीडिया के बजाय संसद में यह मुद्दा क्यों नहीं उठाते। इसमें तो दो राय नहीं हो सकती कि ऐसे मुद्दे संसद के भीतर उठने ही चाहिए, लेकिन संसद की मौजूदा स्थिति सबके सामने है। विपक्ष बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण का मुद्दा सदन में उठाना चाहता है, लेकिन न तो लोकसभा के अध्यक्ष और न ही राज्यसभा के उपसभापति इसके लिए तैयार हैं। ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के समय भी हालत यह थी कि प्रधानमंत्री ने जवाब देना भी जरूरी नहीं समझा। दूसरी ओर सदन के बाहर ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी का किस तरह राजनीतिक लाभ उठाया जा रहा है, वह क्या किसी से छिपा है? इसके साथ ही यह भी साफ है कि सदन में किन मुद्दों पर चर्चा होगी यह संसद में तय होगा, अदालत में नहीं। दूसरी ओर यह भी याद किया जाना चाहिए कि न्यायपालिका ने न्यायिक नियुक्तियों में कार्यपालिका और विधायिका के हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं किया है। दरअसल मामला हमारी संवैधानिक संस्थाओं की स्वायत्तता और स्वतंत्रता का है। वास्तव में सुप्रीम कोर्ट के लोकसभा में विपक्ष के नेता को सच्चा भारतीय बनने की नसीहत देने से अभूतपूर्व स्थिति पैदा हो गई है। नागरिकता तो संवैधानिक रूप से एक परिभाषित शब्द है, लेकिन सच्चे भारतीय को कैसे परिभाषित किया जाएगा? वास्तविकता यही है कि संविधान निर्माताओं ने भी इसे किसी परिभाषा में सीमित नहीं किया है। दरअसल सच्चा भारतीय शब्द राष्ट्रवाद के करीब का शब्द लगता है, जिसकी अपनी एक वैचारिकी है और कवि गुरु रवींद्रनाथ टैगोर ने तो पिछली सदी में ही राष्ट्रवाद की संकीर्णताओं की शिनाख्त कर ली थी। आज तो शायद टैगोर को राष्ट्रवाद की आलोचना करने की वजह से कठघरे में खड़ा कर दिया जाता, जिन्होंने कहा था, देशप्रेम हमारा आखिरी आध्यात्मिक सहारा नहीं हो सकता, मेरी शरणस्थली मानवता है।
सच्चा भारतीय कौन

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!
Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
Popular Posts
छत्तीसगढ़ के कुम्हारी टोल प्लाजा का मुद्दा पहुंचा मंत्री गडकरी के पास, पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने दिया पत्र
रायपुर। रायपुर और दुर्ग जिले की सीमा पर स्थित कुम्हारी टोल प्लाजा का मामला परिवहन…
By
Lens News
जीबीएस से भारत में 19 मौतें
हेल्थ डेस्क। गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) इस समय भारत में पैर पसारता नजर आ रहा है…