[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
चैतन्य बघेल को कोर्ट ने भेजा वापस जेल, 14 दिन की न्यायिक रिमांड
रिजिजू ने कहा: राहुल के दावे अतार्किक, गैर-जिम्मेदाराना
फिर निकला गलवान का जिन्न, कांग्रेस ने दागे आठ सवाल
प्रेमचंद किनके?
बिहार : जनसभा, पदयात्रा और मुलाकातों से माहौल बनाएंगे राहुल, 10 अगस्‍त को सासाराम से यात्रा का आगाज
ब्रेकिंग : भूपेश की हॉफ बिजली बिल योजना को साय सरकार का करंट, छत्तीसगढ़ में नहीं मिलेगी 200 यूनिट बिजली फ्री
बिना कोर्ट की अनुमति के गिरफ्तारी का तर्क देते रहे सिब्बल, भूपेश को नहीं मिली अग्रिम जमानत
‘धान कटनी आंदोलन’ से शिबू सोरेन बन गए दिशोम गुरु
खुफिया विफलता और चीनी उपकरणों की मदद से पाकिस्तान ने लड़ाकू विमान मार गिराया, ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बड़ा दावा
लिवर, यकृत और हिंदी में एमबीबीएस की फ्लॉप पढ़ाई
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.

Home » राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट की सलाह: सोशल मीडिया की जगह संसद में उठाएं मुद्दे, दी गई अंतरिम राहत

देश

राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट की सलाह: सोशल मीडिया की जगह संसद में उठाएं मुद्दे, दी गई अंतरिम राहत

Awesh Tiwari
Last updated: August 4, 2025 2:21 pm
Awesh Tiwari
Share
Supreme Court advice to Rahul Gandhi
SHARE

नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि मामले में कार्यवाही पर रोक लगा दी। यह मामला 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के संदर्भ में भारतीय सेना के बारे में उनकी टिप्पणी को लेकर दर्ज किया गया था। हालांकि अंतरिम राहत प्रदान की गई, लेकिन सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ए.जी. मसीह की पीठ ने गांधी की टिप्पणी पर मौखिक रूप से असहमति जताई।

राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि यदि विपक्षी नेता मुद्दे नहीं उठा सकता, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा। सिंघवी ने कहा, “यदि वह प्रेस में छपी बातें नहीं कह सकता, तो वह विपक्ष का नेता नहीं हो सकता।” इस पर न्यायमूर्ति दत्ता ने पूछा, “आपको जो कहना है, वह संसद में क्यों नहीं कहते? सोशल मीडिया पर ऐसी बातें क्यों?”

गांधी की टिप्पणियों पर असहमति जताते हुए न्यायमूर्ति दत्ता ने कहा, “डॉ. सिंघवी, आपको कैसे पता कि 2000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर चीन ने कब्जा कर लिया? क्या आप वहां थे? क्या आपके पास कोई विश्वसनीय सबूत है? बिना सबूत के ऐसे बयान क्यों दे रहे हैं? यदि आप सच्चे भारतीय होते, तो ऐसा नहीं कहते।” इसके जवाब में सिंघवी ने कहा, “यह भी संभव है कि एक सच्चा भारतीय यह कहे कि हमारे 20 सैनिकों को पीटा गया और मारा गया, जो चिंता का विषय है।”

न्यायमूर्ति दत्ता ने पूछा, “जब संघर्ष होता है, तो क्या दोनों पक्षों में हताहत होना असामान्य है?” सिंघवी ने कहा कि गांधी केवल उचित जानकारी के दमन पर चिंता जता रहे थे। लेकिन न्यायमूर्ति दत्ता ने कहा कि मुद्दे उठाने के लिए संसद जैसा उचित मंच मौजूद है। सिंघवी ने स्वीकार किया कि याचिकाकर्ता अपनी टिप्पणियों को बेहतर ढंग से व्यक्त कर सकते थे। उन्होंने कहा कि यह शिकायत केवल सवाल उठाने के लिए गांधी को परेशान करने का प्रयास है, जो एक विपक्षी नेता का कर्तव्य है।

सिंघवी ने माना कि इस मुद्दे को उठाने में चूक हुई। उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय में चुनौती मुख्य रूप से शिकायतकर्ता के अधिकार क्षेत्र पर केंद्रित थी। सिंघवी ने उच्च न्यायालय के इस तर्क पर सवाल उठाया कि शिकायतकर्ता, भले ही “पीड़ित व्यक्ति” नहीं है, लेकिन “अपमानित व्यक्ति” है। अंततः पीठ इस बिंदु पर विचार करने को सहमत हुई और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती देने वाली गांधी की विशेष अनुमति याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें कार्यवाही रद्द करने से इनकार किया गया था। तीन सप्ताह के लिए अंतरिम रोक लगा दी गई।

29 मई को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गांधी की याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने मानहानि मामले और लखनऊ की एमपी-एमएलए अदालत द्वारा फरवरी 2025 में पारित समन आदेश को चुनौती दी थी।

उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने कहा कि भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में भारतीय सेना के प्रति अपमानजनक बयान देने की स्वतंत्रता शामिल नहीं है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव द्वारा दायर और लखनऊ की एक अदालत में लंबित मानहानि की शिकायत में कहा गया है कि गांधी ने 16 दिसंबर, 2022 को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कथित अपमानजनक टिप्पणी की थी। शिकायत में दावा किया गया कि 9 दिसंबर, 2022 को भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच झड़प से संबंधित गांधी की टिप्पणियों ने भारतीय सेना को बदनाम किया।

विशेष रूप से आरोप लगाया गया कि गांधी ने बार-बार अपमानजनक तरीके से कहा कि चीनी सेना अरुणाचल प्रदेश में हमारे सैनिकों की “पिटाई” कर रही है, और भारतीय प्रेस इस बारे में कोई सवाल नहीं पूछता। लखनऊ अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए, जिसमें प्रथम दृष्टया पाया गया था कि गांधी के बयान से भारतीय सेना, उससे जुड़े लोगों और उनके परिवारों का मनोबल गिरा है, गांधी ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

TAGGED:Latest_NewsRahul Gandhisupreme court
Share This Article
Email Copy Link Print
Previous Article झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन
Next Article Sudha Ramakrishnan  कांग्रेस की महिला सांसद के साथ अलसुबह चैन स्नैचिंग

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

छत्तीसगढ़ के रायपुर से नहीं जाएंगे 18 सौ पाकिस्तानी क्‍योंकि पुलिस विभाग को नहीं मिला कोई भी आदेश

रायपुर। राजधानी रायपुर में पाकिस्तान (Pakistani in India) से आए हिंदू अपने मुल्क को नहीं…

By Nitin Mishra

भारतमाला प्रोजेक्ट घोटाला: 4 आरोपी गिरफ्तार, कोर्ट ने 1 मई तक पुलिस रिमांड पर भेजा

रायपुर। छत्तीसगढ़ में भारतमाला प्रोजेक्ट (Bharatmala project scam) में हुए जमील घोटाला मामले में EOW…

By Lens News

देश भर में मॉनसून की मार, भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से आम जनजीवन बेहाल

द लेंस डेस्क। देश के हर एक कोने-कोने में मॉनसून ने दस्तक दे दी है।…

By Poonam Ritu Sen

You Might Also Like

Kedarnath Landslide
देश

केदारनाथ धाम में फिर हादसा, लैंडस्‍लाइड में दो श्रद्धालुओं की मौत, तीन घायल

By Lens News Network
harmful content
देश

सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति के लिए तय की तीन महीने की समय-सीमा, पॉकेट वीटो पर लगाम

By Poonam Ritu Sen
Impeachment on Justice Verma
देश

जस्टिस वर्मा पर लटकी महाभियोग की तलवार, निगाहें मानसून सत्र पर

By Lens News Network
CG Vidhansabha
छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ विधानसभा : अस्पताल की मशीनों का मुद्दा उठने पर मंत्री का जवाब- 161 मशीनों में 50 खराब, 11 की हो रही मरम्मत

By Nitin Mishra
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?