रायपुर। शिव महापुराण कथा सुनाने वाले पंडित प्रदीप मिश्रा (Pradeep Mishra) का मैनेजमेंट संभालने वाली टीम ने उनकी राजनांदगांव में होने वाली कथा कैंसल कर दी है। फंड के अभाव में यह कथा कैंसल की गई है। जिस समिति ने इस कथा का आयोजन करने की तैयारी की थी, वह तय समय में कथा के लिए दक्षिणा का इंतजाम नहीं कर सकी। इसकी वजह से यह कथा का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। आयोजकों ने इसकी पुष्टि की है। 17 से 23 अगस्त तक राजनांदगांव के बजरंगपुर के मिनी स्टेडियम में यह कथा होनी थी।
मीडिया रिपोर्ट्स में इसका खुलासा हुआ है। कथा की रकम को लेकर आयोजकों ने बताया कि 31 लाख रुपए कथा के लिए भेजना था। लेकिन, वे सिर्फ 15 लाख ही भेज सके। 16 लाख रुपए नहीं भेज पाने की वजह से कथा कैंसल कर दी गई। राजनांदगांव के बजरंगपुर में कथा का आयोजन महिलाओं का एक समूह कराने वाला था। उन्हीं महिलाओं ने 31 लाख रुपए पेमेंट लेने की पुष्टि की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आयोजकों ने खुद इस बात की पुष्टि की है कि वे लोग समय पर पेमेंट नहीं कर पाए, जिसकी वजह से कथा कैंसल हो गई। आयोजकों ने बताया कि जिस तारीख को हमें कथा का पेमेंट करना था, उस तारीख तक हम पेमेंट नहीं भेज पाए, इसलिए कथा कैंसल कर दी गई। इसके साथ ही आयोजकों ने कहा कि अब अगली बार कथा का आयोजन कराएंगे और उसकी तैयारी अभी से शुरू कर देंगे।
प्रदीप मिश्रा ने कहा – उन्हें बदनाम करने की साजिश
कथा के लिए 31 लाख रुपए दक्षिणा लेने की बात सामने आने के बाद सोशल मीडिया में प्रदीप मिश्रा को जमकर ट्रोल किया गया। इस ट्रोलिंग के बाद भिलाई के जयंती स्टेडियम में कथा के दौरान प्रदीप मिश्रा ने इसे उन्हें बदनाम करने की साजिश बताई। प्रदीप मिश्रा ने कथा के दौरान कहा कि वे धर्मांतरण के खिलाफ लगातार बोल रहे हैं और धर्मांतरण रोकने की कोशिश कर रहे हैं, यह बात सनातन के दुश्मनों को रास नहीं आई, इसलिए उन्हें बदनाम किया जा रहा है।
अखिलेश ने धीरेंद्र शास्त्री पर अंडर टेबल पैसे लेने का लगाया था आरोप
दरअसल, इससे पहले भी कथा वाचन के लिए मोटी रकम लेने की बात सामने आ चुकी है। इससे पहले उत्तर प्रदेश के इटावा में कथावाचकों के साथ हुई बदसलूकी की घटना के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले में बीजेपी सरकार पर लगातार हमला बोला था। तब उन्होंने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को अपने निशाने पर लिया था।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अखिलेश ने धीरेंद्र शास्त्री पर कथावाचन के लिए मोटी फीस लेने और “अंडर टेबल” पैसे लेने का गंभीर आरोप लगाया, जिससे राजनैतिक हलकों में हड़कंप मच गया है। हालांकि बाद में धीरेंद्र शास्त्री ने जवाब में कहा था कि अखिलेश यादव राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं।
दरअसल, लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इटावा कांड को लेकर किसी ने अखिलेश यादव से सवाल पूछ लिया। उस सवाल के जवाब में अखिलेश यादव ने कहा, “कई कथावाचक हैं जो 50 लाख रुपये लेते हैं। किसी की हैसियत है कि धीरेंद्र शास्त्री को कथा के लिए अपने घर बुला ले? अंडर टेबल पैसा लेगा वो बाबा। आप पता करवा लीजिए, धीरेंद्र शास्त्री पैसे नहीं लेते हैं क्या? कथा बांचने की उनकी कितनी कीमत होगी?”
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