भुवनेश्वर। नक्सलियों ने आज सुबह एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया। चक्रधरपुर रेल मंडल के बिमलगढ़ रेलखंड में नक्सली हमले में एक रेल कर्मचारी की जान चली गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से जख्मी हो गया। यह घटना ओडिशा-झारखंड सीमा पर चाईबासा जिले में उस वक्त हुई, जब दो रेलकर्मी, एतवा ओराम (58) और बुधराम मुंडा, ट्रैक की जांच कर रहे थे। तभी नक्सलियों द्वारा रखा गया विस्फोटक जोरदार धमाके के साथ फट गया।
भाकपा माओवादी नक्सलियों ने चक्रधरपुर रेल मंडल के ओडिशा क्षेत्र में करमपदा-रंगरा रेलखंड पर रेलवे ट्रैक को निशाना बनाया। सुबह हुए इस विस्फोट में रेलवे ट्रैक को नुकसान पहुंचा, जिससे इस मार्ग पर ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह बंद हो गया। नक्सलियों ने ट्रैक पर एक बैनर भी लगाया था। रेलवे और पुलिस टीमें मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गई हैं और क्षतिग्रस्त ट्रैक को ठीक करने का काम शुरू हो गया है।
यह हमला ओडिशा-झारखंड सीमा पर करमपदा-रंगरा रेलखंड पर हुआ, जो चक्रधरपुर रेल मंडल का हिस्सा है। इस घटना से हावड़ा-मुंबई रेल मार्ग पर ट्रेनों की आवाजाही रुक गई, जिसके चलते कई यात्री स्टेशनों पर फंसे हुए हैं। रेलवे ने सुरक्षा के लिए ट्रेनों का परिचालन तुरंत रोक दिया, जिससे यात्री और मालगाड़ियों पर असर पड़ा।
पुलिस के अनुसार, सुंदरगढ़ जिले में ओडिशा-झारखंड सीमा के पास रेलवे ट्रैक पर हुए इस आईईडी विस्फोट में रेल कर्मचारी एतवा ओराम की मौत हो गई, जो रेलवे में की-मैन के पद पर कार्यरत थे। विस्फोट स्थल पर माओवादी पोस्टर मिले, जिससे पुलिस को नक्सलियों की संलिप्तता का शक है।
बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने पहले ही इलाके में लाल बैनर लगाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी और सुबह एक और विस्फोट कर ट्रैक को उड़ा दिया। इसके बावजूद आरपीएफ ने ट्रैक की पूरी जांच नहीं की और कर्मचारियों को पेट्रोलिंग के लिए भेज दिया। इस लापरवाही पर रेलवे प्रशासन की आलोचना हो रही है। दक्षिण पूर्व रेलवे मेंस कांग्रेस के शशि मिश्रा ने इसे गंभीर चूक बताते हुए कर्मचारियों की सुरक्षा की मांग की है। पहले भी 2023 में गोइलकेरा-पोसोइता खंड पर ऐसा हमला हो चुका है। रेलवे अधिकारी आदित्य चौधरी ने मीडिया को बताया कि ट्रैक को जल्द बहाल करने का काम जारी है। यह घटना नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियों को फिर से रेखांकित करती है।