नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय कानूनी सम्मेलन में जब कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के स्वागत में “हमारा राजा कैसा हो, राहुल गांधी जैसा हो” के नारे लगाए गए, तो राहुल गांधी को कहना पड़ा कि मैं राजा नहीं बनना चाहता। मैं इस प्रवृत्ति के भी खिलाफ हूं।
किसान आंदोलन में क्या हुआ था
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कृषि कानूनों के बारे में बात करते हुए बताया कि कैसे इस कानून के खिलाफ लड़ने के दौरान उन्हें धमकाने के लिए भाजपा नेता स्व. अरुण जेटली को भेजा गया था। इस मुलाकात में भाजपा नेता ने राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही थी।
जेटली पर किसान आंदोलन के दौरान धमकाने का आरोप
सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान राहुल गांधी ने कहा, ‘मुझे याद है जब मैं कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ रहा था, तो अरुण जेटली जी को मुझे धमकाने के लिए भेजा गया था। उन्होंने मुझसे कहा था, अगर तुम सरकार का विरोध करते रहे और कृषि कानूनों के खिलाफ लड़े, तो हमें तुम्हारे खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी पड़ेगी।’ राहुल गांधी ने आगे कहा, ‘मैंने उनकी तरफ देखा और कहा, मुझे नहीं लगता कि तुम्हें पता है कि तुम किससे बात कर रहे हो।’
लोकसभा और विधानसभा चुनाव में गड़बड़ी के आरोप
वोटिंग सिस्टम में गड़बड़ी की बात करते हुए राहुल ने कहा, ‘मुझे हमेशा से संदेह था कि साल 2014 से ही कुछ गड़बड़ है। मुझे गुजरात विधानसभा चुनावों में पहले से ही संदेह था।’ राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान में एक भी सीट नहीं मिलना उनके लिए बेहद आश्चर्यजनक था। उन्होंने इसको लेकर कहा, ‘जब भी हम बोलते थे, लोग कहते थे, सबूत कहां है? फिर महाराष्ट्र में कुछ हुआ। लोकसभा में हम चुनाव जीत गए। फिर चार महीने बाद हम न केवल हारे, बल्कि हमारा सफाया हो गया।’
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का दिया तर्क
महाराष्ट्र चुनाव की बात करते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा कि उनकी जांच में खुलासा हुआ कि महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा के बीच एक करोड़ नए वोटर सामने आए हैं, जिनमें से अधिकतर वोट भाजपा को मिले। राहुल गांधी ने कहा कि उनके पास इसके सबूत हैं और जब यह डेटा जारी किया जाएगा, तो जनता देखेगी कि चुनावी सिस्टम में कितना बड़ा झटका लगेगा।
उन्होंने कहा कि देश में चुनाव सिस्टम पहले ही खत्म हो चुका है। राहुल गांधी ने कहा कि देश में चुनाव प्रणाली पहले ही खत्म हो चुकी है। उन्होंने कहा कि जब यह डेटा जारी किया जाएगा, तो जनता देखेगी कि चुनावी सिस्टम में कितना बड़ा झटका लगेगा।