जबलपुर। भोपाल गैस त्रासदी के कचरे से जुड़े सवालों का जवाब सरकारी वैज्ञानिक दे पाने में नाकाम रहे। हाल ही में जबलपुर हाईकोर्ट में जहरीले कचरे को लेकर सुनवाई हुई। सरकारी वैज्ञानिक संस्थाओं (नीरी, सीपीसीबी और एमपीसीबी) के वैज्ञानिक कोर्ट में जज श्रीधरन के सवालों का जवाब नहीं दे पाए। कोर्ट ने सरकार को भोपाल के जहरीले कचरे और भस्म को सुरक्षित स्थान पर लैंडफिल करने की योजना पेश करने का आदेश दिया।
भोपाल गैस पीड़ित संघर्ष सहयोग समिति की संयोजक साधना कार्णिक के अनुसार सुनवाई के दौरान समिति के वकील ने कोर्ट के सामने चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने बताया कि भोपाल के यूनियन कार्बाइड परिसर में मौजूद जहरीले कचरे में लगभग एक टन मर्करी मौजूद है, जिसे सरकारी वैज्ञानिक संस्थाओं ने जानबूझकर हाईकोर्ट से छुपाया। वकील ने इस दावे के समर्थन में नीरी की 2010 की एक रिपोर्ट और यूनियन कार्बाइड के पूर्व कर्मचारी टी. आर. चौहान की किताब “भोपाल नरसंहार: एक सच्ची कहानी” से सबूत पेश किए, जिनमें इस जहरीले कचरे में भारी मात्रा में मर्करी होने की पुष्टि की गई थी।
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साधना कार्णिक ने बताया कि नीरी और सीपीसीबी ने कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की और दावा किया कि कचरे में मर्करी की मात्रा न के बराबर है। हालांकि, समिति के वकील ने इन दावों को खारिज करते हुए कोर्ट का ध्यान सरकारी संस्थाओं की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने वाली कई जानकारियों की ओर दिलाया। वकील ने बताया कि नीरी ने 1992 में यूनियन कार्बाइड से पैसे लेकर काम किया था। इसके अलावा नीरी और सीएसआईआर के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में सीबीआई जांच चल रही है, जिसमें नीरी के पांच वैज्ञानिकों और पूर्व निदेशक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है।
समिति ने कोर्ट से मांग की कि इस जहरीले कचरे के लिए जिम्मेदार कंपनी डाउ केमिकल पर भारी जुर्माना लगाया जाए और कचरे की भस्म को सुरक्षित रूप से अमेरिका भेजने का आदेश दिया जाए। इसके साथ ही समिति ने यह भी मांग की कि मामले की निष्पक्ष जांच के लिए स्वतंत्र वैज्ञानिकों की एक समिति गठित की जाए।
यह मामला भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों और पीथमपुर की जनता के लिए बेहद संवेदनशील है। समिति ने कोर्ट के इस आदेश को एक महत्वपूर्ण कदम बताया और उम्मीद जताई कि सरकार जल्द ही इस जहरीले कचरे के सुरक्षित निपटान के लिए प्रभावी कदम उठाएगी। साथ ही, उन्होंने जनता से इस मुद्दे पर एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद करने की अपील भी की।