नई दिल्ली। कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की परीक्षाओं में गड़बड़ियों के आरोपों को लेकर दिल्ली सहित देश के अलग अलग शहरों में छात्रों ने प्रदर्शन किए हैं। इस प्रदर्शन में कुछ कोचिंग शिक्षकों का साथ भी छात्रों को मिला है। छात्रों और शिक्षकों का कहना है कि दिल्ली में जंतर-मंतर और सीजीओ कॉम्प्लेक्स के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने उन पर लाठियां चलाईं।
अलग अलग मीडिया खबरों के अनुसार लगभग तीन लाख उम्मीदवारों में से 55 हजार ने गड़बड़ी और प्रबंधन को लेकर शिकायतें दर्ज की हैं। अब 13 अगस्त से शुरू होने वाली एसएससी-सीजीएल परीक्षा में 30 लाख उम्मीदवार शामिल होंगे। ऐसे में यह कमजोर सिस्टम इतनी बड़ी परीक्षा को कैसे संभालेगा, यह सवाल उठ रहा है। क्योंकि छात्रों का यह भी आरोप है उनके परीक्षा केंद्र 500 किलोमीटर दूर दिए गए हैं।
बीते गुरुवार को एसएससी फेज 13 भर्ती परीक्षा में कथित अनियमितताओं और खराब प्रबंधन के खिलाफ छात्रों और कोचिंग शिक्षकों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। कर्मचारी चयन और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के कार्यालय के पास 1,000 से अधिक छात्र और शिक्षक एकत्र हुए। उनका उद्देश्य केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह से मिलकर परीक्षा से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा करना था।
वे कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) द्वारा आयोजित कंप्यूटर आधारित चयन पोस्ट चरण 13 परीक्षाओं में अनियमितताओं के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। यह परीक्षा 24 जुलाई से शुरू हुई और 1 अगस्त को समाप्त होनी थी।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्हें परीक्षा के लिए खराब गुणवत्ता वाले पेन और कागज दिए गए, पुराने कंप्यूटर, खराब माउस और दूरदराज के क्षेत्रों में स्थित परीक्षा केंद्र मिले, जहां कर्मचारी गैर-पेशेवर थे। कुछ केंद्रों के पास तेज आवाज में डीजे बज रहा था, जिससे ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो गया।
प्रदर्शनकारी इस बात से भी नाराज थे कि कई केंद्रों पर बिना सूचना के परीक्षा रद्द कर दी गई। इसके अलावा, प्रशासनिक अव्यवस्था, तकनीकी समस्याएं, खराब बुनियादी ढांचा और निरीक्षकों द्वारा उम्मीदवारों के साथ बुरा व्यवहार भी उनकी शिकायतों में शामिल था।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डीयूएसयू) के अध्यक्ष रोनक खत्री ने मीडिया को बताया “छात्र और शिक्षक 24 जुलाई से 1 अगस्त तक हुई चयन पोस्ट चरण-13 परीक्षा में आई समस्याओं को उठा रहे हैं। परीक्षा केंद्रों पर गलत व्यवहार, तकनीकी खराबी, लॉगिन में दिक्कत और स्वतः सबमिशन की समस्या थी। कई जगह बिजली कटौती और सर्वर क्रैश हुआ, और कोई बैकअप सिस्टम भी नहीं था।”
प्रदर्शनकारी इस बात से भी नाराज थे कि परीक्षा आयोजित करने का ठेका एडुक्विटी करियर टेक्नोलॉजीज को दिया गया। खत्री ने आरोप लगाया, “पिछले कुछ सालों से टीसीएस एसएससी परीक्षाएं आयोजित कर रही थी, लेकिन इस बार सबसे कम बोली लगाने के कारण एडुक्विटी को ठेका मिला। पैसे बचाने के लिए आयोग ने यह ठेका उन्हें दिया और हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ किया।”
आरोप है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया और कई को बसों में भरकर प्रदर्शन स्थल से दूर छोड़ दिया। खत्री ने कहा, “छात्र शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया और शिक्षकों व महिला छात्रों को भी हिरासत में लिया। कई लोग घायल हो गए।”
कैसे होती है परीक्षा
कर्मचारी चयन आयोग (SSC) भारत सरकार के अधीन केंद्रीय सेवाओं में उम्मीदवारों की भर्ती के लिए कार्य करता है। इसकी स्थापना 1975 में हुई थी और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। यह एक स्वतंत्र केंद्रीय संगठन के रूप में कार्य करता है।
एसएससी की जिम्मेदारी विभिन्न परीक्षाओं का आयोजन, उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन और परिणाम घोषित करना है। पहले, 2010 तक, यह केवल ग्रुप बी (गैर-राजपत्रित) और ग्रुप सी (गैर-तकनीकी) पदों के लिए परीक्षाएं आयोजित करता था।
मौजूदा समय में यह ग्रुप बी (राजपत्रित) पदों जैसे सहायक लेखा अधिकारी और सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी जैसे पदों के लिए भी भर्ती परीक्षाएं आयोजित करता है, जो लेखा और लेखा परीक्षा सेवाओं से संबंधित हैं।
पिछले कई वर्षों से टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), जो देश की प्रमुख तकनीकी कंपनियों में से एक है, इन परीक्षाओं का संचालन करती रही है। हालांकि हाल ही में सरकार ने एक केंद्रीकृत परीक्षा प्रणाली लागू की, जो पुरानी व्यवस्था की जगह ले चुकी है। लेकिन अब इस नई प्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि इसके अंतर्गत आयोजित परीक्षाओं में कई अनियमितताओं के आरोप सामने आए हैं।