रायपुर। छत्तीसगढ़ के धमतरी ज़िले के क्रिश्चियन अस्पताल में हुई तोड़फोड़ और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार की घटना ने चिकित्सा समुदाय में गहरी नाराजगी पैदा की है। एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेअर प्रोवाइडर्स ऑफ इंडिया (AHPI) के छत्तीसगढ़ चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने इस घटना को निंदनीय और चिकित्सा सेवा के लिए हानिकारक बताया है। उन्होंने कहा कि 115 वर्ष पुराना यह अस्पताल आदिवासी क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा प्रदान करने का प्रतीक रहा है, लेकिन इसे धार्मिक रंग देकर निशाना बनाना समाज के लिए शर्मनाक है।
डॉ. गुप्ता ने ये भी कहा कि चिकित्सा पेशा मानव सेवा के लिए समर्पित है जहां डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी बिना किसी भेदभाव के मरीजों का इलाज करते हैं। इस तरह की हिंसक घटनाएं चिकित्सा समुदाय के मनोबल को तोड़ती हैं साथ ही मरीजों के लिए सुरक्षित माहौल को भी प्रभावित करती हैं। उन्होंने समाज से अपील की कि ऐसी असामाजिक गतिविधियों के खिलाफ एकजुट होकर चिकित्सा बिरादरी का साथ देना चाहिए। उन्होंने सरकार और जिला प्रशासन से मांग की है कि अस्पताल परिसर में कार्यरत डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए ताकि मरीजों को भयमुक्त इलाज मिल सके। साथ ही इस घटना के दोषियों के खिलाफ चिकित्सा परिसर हिंसा अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाए। डॉ. गुप्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि इलाज में कोई कमी महसूस होती है तो इसके लिए कानूनी मंच उपलब्ध हैं लेकिन हिंसा और तोड़फोड़ किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है।