रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार नवा रायपुर में शहीद वीर नारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के पास छत्तीसगढ स्टेट क्रिकेट संघ (CSCS) को एकेडमी के लिए जमीन देगी। संघ को नवा रायपुर के सेक्टर 3 में परसदा में एकेडमी की स्थापना के लिए 7.96 एकड़ भूमि आबंटित किए जाने के प्रस्ताव को कैबिनेट (CG Cabinet) की स्वीकृति मिल गई है। बुधवार को मंत्रालय में कैबिनेट की बैठक में इस पर फैसला लिया गया है। इसके साथ ही इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम के पास संघ की अपनी एकेडमी हो सकेगी, जिससे खिलाड़ियों को तैयार किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई बैठक में संघ को भूमि आबंटित किए जाने का प्रस्ताव रखा गया। इस प्रस्ताव पर यह कहकर स्वीकृति दी गई, कि संघ की बड़ी एकेडमी खुलने से छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों की प्रतिभा को और निखारने में मदद मिलेगी।
कैबिनेट की बैठक में 4 प्रस्ताव रखे गए। इसमें क्रिकेट अकादमी के लिए जमीन के अलावा जिला खनिज न्यास (DMF), अवैघ रेत उत्खनन को रोकने नया नियम बनाने और कृषि भूमि के बाजार मूल्य दरों को नए सिरे से निर्धारत करने के संबंध में फैसले लिए गए।
DMF की न्यूनतम 70 फीसदी राशि उच्च प्राथमिकता पर होंगे खर्च
डीएमएफ को लेकर लिए गए फैसले के तहत कैबिनेट ने भारत सरकार के खान मंत्रालय के नए दिशा निर्देशों और प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (PMKKKY)-2024 के संशोधित गाइड लाइंस के अनुसार छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम, 2015 में संशोधन करने का निर्णय लिया गया है। इससे डीएमएफ की न्यूनतम 70 प्रतिशत राशि उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्र जैसे पेयजल आपूर्ति, पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, महिला एवं बाल कल्याण, वृद्ध एवं निःशक्तजन के कल्याण के लिए खर्च करने होंगे।
अवैध रेत खनन रोकने 2019 और 2023 के नियम निरस्त
रेत खनन से जुड़े मामले में कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत (उत्खनन एवं व्यवसाय) नियम 2019 और छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत उत्खनन एवं व्यवसाय (अनुसूचित क्षेत्र हेतु) नियम 2023 को निरस्त करते हुए छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत (उत्खनन एवं व्यवसाय) नियम-2025 लागू करने की हरी झंडी दे दी है। इससे रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। इससे आम जनता को उचित दरों पर रेत उपलब्ध हो सकेगी। नए नियमों में रेत खदान आवंटन की प्रक्रिया इलेक्ट्रॉनिक नीलामी के जरिए की जाएगी। इससे राजस्व में भी वृद्धि होगी।
अब कृषि भूमि का वैल्यूएशन हेक्टेयर में
इसके अलावा भूूमि अधिग्रहण के दौरान मुआवजा में गड़बड़ियों को रोकने के लिए कृषि भूमि का वैल्यूएशन हेक्टेयर में करने का फैसला कैबिनेट ने लिया है। भारतमाला प्रोजेक्ट और बिलासपुर के अरपा भैंसाझार प्रोजेक्ट के लिए भू अधिग्रहण के दौरान मुआवजा घोटाला सामने आने के बाद यह निर्णय लिया गया है। कैबिनेट ने वाणिज्य कर पंजीयन विभाग से मिले प्रस्ताव के बाद फैसला लिया है। इसके तहत ग्रामीण कृषि भूमि के बाजार मूल्य का वैल्यूएशन के लिए 500 वर्गमीटर तक के भू-खण्ड की दर को समाप्त करते हुए सम्पूर्ण रकबा की गणना हेक्टेयर दर से की जाएगी। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र की परिवर्तित भूमि का मूल्यांकन सिंचित भूमि के ढाई गुना करने के प्रावधान को विलोपित करने के साथ ही शहरी सीमा से लगे ग्रामों की भूमियों और निवेश क्षेत्र की भूमियों के लिए वर्गमीटर में दरों का निर्धारण किया जाएगा।