रायपुर। केरल की दो ननों को धर्मांतरण और मानव तस्करी के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजने के मामले में सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस और विपक्षी दलों के बाद अब भाजपा ने भी सरकार की कार्रवाई को गलत बताया है। भाजपा की केरल इकाई इस कार्रवाई को गलत बता रही है। इसके लिए केरल से भाजपा के महामंत्री भी मंगलवार को रायपुर पहुंचे। केरल के भाजपा अध्यक्ष का एक बयान आया है, जिसमें वे कह रहे हैं कि गिरफ्तार ननों का धर्मांतरण और मानव तस्करी से कोई संबंध नहीं है। इनकी गिरफ्तारी गलत है। दूसरी तरफ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) के सांसदों का दल मंगलवार को रायपुर पहुंचा और दोनों ननों से मिलने की कोशिश की। इस दल में सीपीआई (एम) की वृंदा करात भी थीं। ननों से जेल प्रशासन ने मिलने नहीं दिया। बुधवार को मिलने का समय तय हुआ है। एलडीएफ के सांसदों ने आज रायपुर में इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर भाजपा और बजरंग दल को घेरा। इससे पहले INDIA (इंडी अलाइंस) के चार सांसदों का एक दल मंगलवार को दुर्ग जाकर जेल में मिला और फिर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मिला।
इससे पहले मंगलवार को केरल भाजपा के अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने एक वीडियो जारी कर कहा है और यह भी दावा किया है कि उन्होंने केरल भाजपा के महासचिव अनूप एंटनी को छत्तीसगढ़ भेजा है और वे छत्तीसगढ़ सरकार से इस संबंध में मुलाकात करेंगे। राजीव चंद्रशेखर पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं और हाल ही में उन्हें प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया है।
आपको बता दें कि अनूप एंटनी ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा से मुलाकात की। इस बीच उन्होंने दोनों ननों के केस के संबंध में गृह मंत्री से बात की।

केरल भाजपा के अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर का वीडियो मंगलवार को कांग्रेस के ग्रुप में भी चर्चा का विषय बना रहा। गिरफ्तारी के बाद से ही छत्तीसगढ़ कांग्रेस इस कार्रवाई का विरोध कर रही है। इतना ही नहीं लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इस कार्रवाई को गलत बताया।
इसके बाद मंगलवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार ने बजरंग दल और आरएसएस के एजेंडे के तहत ननों को बिना किसी ठोस कारण के गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। ननों की गिरफ्तारी के पहले किसी प्रकार की जांच पड़ताल नहीं किया। बजरंग दल के लोग स्टेशन पर ननों के साथ मारपीट करके हुड़दंग किये और सरकार ने आनन फानन में बिना जांच के तथ्यहीन आरोपों के आधार पर ननों को गिरफ्तार कर लिया। केरल भाजपा के अध्यक्ष का उस वीडियो मैसेज के हवाले से कहा कि भाजपा के अध्यक्ष भी इस बात को मान रहे हैं कि गिरफ्तार ननों का धर्मांतरण एवं मानव तस्करी से कोई संबंध नहीं है। इनकी गिरफ्तारी गलत है।
दरअसल, दो दिन पहले दुर्ग में दो ननों को आदिवासी युवतियों को दुर्ग स्टेशन से जीआरपी पुलिस ने बजरंग दल के दबाव में पकड़ा था। तब दोनों ननों के खिलाफ धर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोपों पर एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद दोनों ननों को जेल भेज दिया गया था। इस कार्रवाई के बाद छत्तीसगढ़ से लेकर केरल और दिल्ली तक राजनीति गर्म हो गई। INDIA (इंडी अलाइंस) के 4 सांसद बेनी बेहनन, के. फ्रांसिस जॉर्ज, एन. के. प्रेमचंद्रन, सप्तगिरि उल्का और केरल के विधायक एम. जॉन जो केरल और ओड़िशा से हैं, ननों से मिलने मंगलवार को दुर्ग गए और वहां केंद्रीय जेल में दोनों ननों से मुलाकात की।
इसके अलावा लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) से सीपीआई (एम) की बृंदा करात, सांसद के राधाकृष्णन, जोश के मनी, एए रहीम, पीपी सुनीर, सीपीआई के नेता ऐनी राजा, रायपुर पहुंचे और नन से गिरफ्तार करने की कोशिश की। लेकिन, जेल प्रशासन ने उन्हें आज मिलने नहीं दिया। एलडीएफ के प्रतिनिधिमंडल को बुधवार को मिलने बुलाया गया है।
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