सुकमा। नक्सलियों के शहीदी सप्ताह के दौरान छत्तीसगढ़ और आंध्रप्रदेश बॉर्डर में सुकमा के जंगलों में फोर्स और नक्सलियों के बीच बड़ी मुठभेड़ चल रही है। बाॅर्डर एरिया में कुछ नक्सलियों के जमा होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद फोर्स मौके पर रवाना हुई। इस दौरान आईईडी ब्लास्ट हुआ, जिसमें दो जवान घायल हो गए। इसके बाद फोर्स और नक्सलियों में मुठभेड़ जारी है। एक ईनामी माओवादी के मारे जाने की सूचना है। सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने इस मुठभेड़ की पुष्टि की है।
जानकारी के अनुसार सुकमा के छत्तीसगढ़-आंध्रा बॉर्डर के जंगलों में सुबह से ही गोलियों की आवाज आ रही है। जिला पुलिस की डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम इस ऑपरेशन में जुटी हुई है। बड़ी संख्या में जवानों ने नक्सलियों को घेरा हुआ है। कई लोगों के घायल होने की सूचना है।
दरअसल, सुकमा में जिस इलाके में मुठभेड़ चल रही है, वहां माओवादियों की अब कोई बटालियन एक्टिव नहीं है। माओवादियों की बटालियन के ज्यादातर लोगों ने या तो सरेंडर कर दिया है, या फिर मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं। इसलिए बटालियन के बचे सदस्यों ने बीजापुर की बटालियन का रुख कर लिया है। इसके अलावा कुछ नक्सली जो सुकमा की बटालियन में शामिल थे, वे 4-5 लोगों के झुंड में ही घूम रहें हैं और इलाके में एक्टिव हैं। इसी तरह के कुछ माओवादियों के जमा होने की सूचना दी, जो बड़ी वारदात करने की तैयारी कर रहे थे।
पुलिस के मुताबिक, मुठभेड़ में फंसे नक्सली शहीदी सप्ताह में बड़ी वारदात करने की तैयारी में थे, जिसकी सूचना मिलने के बाद फोर्स वहां पहुंची। फोर्स ने नक्सलियों की साजिश नाकाम कर दी है। इस ऑपरेशन में कितने माओवादी हताहत हुए हैं और फोर्स की कैजुअलिटी का पता नहीं चला है। इलाके में अलर्ट जारी किया गया है।
हाल ही में लगातार मुठभेड़ में बड़ी संख्या में नक्सलियों के मारे जाने और फिर सरेंडर करने से एक्टिव माओवादियों में गुस्सा है। यही वजह है कि नक्सलियों ने शहीदी सप्ताह के दौरान बड़ी वारदात की प्लानिंग की हुई है। माओवादी संगठन ने बड़े स्तर पर इसकी घोषण की है, जिसके बाद फोर्स भी एक्टिव हो गई है।
माओवादियों के शहीदी सप्ताह को नाकाम करने फोर्स ने सूचना तंत्र एक्टिव कर दिया था। इस बीच बड़ी संख्या में नारायणपुर, सुकमा और बीजापुर में नक्सलियों को फोर्स ने सरेंडर कराया। साथ ही कई नक्सलियों की गिरफ्तारी भी की है।
आंध्रा में भी एंटी नक्सल ऑपरेशन तेज
छत्तीसगढ़ के अलावा आंध्रप्रदेश पुलिस ने भी एंटी नक्सल ऑपरेशन तेज कर दिया है। यही वजह है कि बस्तर में एक्टिव माओवादी दंपतियों ने आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में डीजीपी हरीश गुप्ता के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में माओवादी जोरिगे नागराजू उर्फ कमलेश शामिल है, जिसने 34 सालों से अधिक समय तक माओवादी पार्टी में काम किया है, उनकी पत्नी का नाम मेदका ज्योतिश्वरी उर्फ अरुणा है जो कि डीवीसीएम (डिविजनल कमेटी मेंबर) है। नागराजू उर्फ कमलेश वर्तमान में पूर्वी बस्तर संभागीय समिति के प्रभारी के रूप में कार्यरत था, और दंडकारण्य विशेष जोनल समिति में स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर (SZCM) के पद पर था। जिस पर छत्तीसगढ़ में 25 लाख और आंध्रप्रदेश में 20 लाख रुपये का ईनाम घोषित था। अरुणा पर 5 लाख रुपये का ईनाम घोषित था। माओवादी पार्टी की विफलताओं और सेंट्रल कमेटी की नीतियों से निराश होकर इस दंपति ने आत्मसमर्पण करने का निर्णय लिया। नक्सलियों के खिलाफ चलाये जा रहे ऑपरेशन में जवानो की टीम ने अल्लूरी सीतारामाराजू जिले में हथियारों का जखीरा जब्त किया है। इनमें कुल 18 हथियार शामिल हैं। 1 एके-47, 2 बीजीएल, 5 एसएलआर, 2 इंसास राइफल, 606 जिंदा राउंड, 37 किलोग्राम कार्डेक्स तार और अन्य सामान बरामद की गई है। आंध्रप्रदेश के डीजीपी
हरीश कुमार गुप्ता ने खुद इसकी पुष्टि की थी।