द डेस्क। भारत की 19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने आज महिलाओं की शतरंज विश्व कप का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया। दिव्या ने जॉर्जिया में सोमवार को भारत की ही कहीं अनुभवी खिलाड़ी कोनेरु हंपी को फिडे वीमंस विश्व कप के फाइनल में पराजित कर दिया। वास्तव में फाइनल मुकाबले में दोनों भारतीय दिग्गजों के बीच जबरदस्त टक्कर हुई। मुकाबला इतना जबर्दस्त था कि मैच के ड्रॉ होने पर फैसला रैपिड टाईब्रेकर से हुआ, जिसमें दिव्या को विजयी घोषित किया गया। divya deshmukh
इस जीत की साथ ही दिव्या ने ग्रैंडमास्टर बनने का गौरव भी हासिल कर लिया है। वह ग्रैंडमास्टर बनने वालीं भारत की चौथी महिला खिलाड़ी हैं।विश्व चैंपियन का खिताब जीतने पर दिव्या को इनाम के रूप में करीब 43 लाख रुपये मिलेंगे। वहीं उपविजेता हंपी को 30 लाख रुपये। दो दिसंबर, 2005 को महाराष्ट्र में जन्म लेने वाली दिव्या ने पांच साल की उम्र में ही शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। 2012 में उन्होंने अंडर-7 वर्ग की राष्ट्रीय चैम्पियनशीप जीती।