द लेंस डेस्क। मालदीव का अपना सरकारी दौरा खत्म कर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजधानी दिल्ली के बजाय तमिलानाडु के त्रिची पहुंचे। तमिलनाडु के दो दिवसीय दौरे के दौरान रविवार को प्रधानमंत्री ने 4900 करोड़ रुपये की कई परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। PM MODI TAMILNADU
प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रवास का एक सांस्कृतिक आयाम भी है। प्रधानमंत्री मोदी रविवार को प्रतिष्ठित गंगईकोंडा चोलपुरम पहुंचे। यहां उन्होंने ‘आदि तिरुवथिरई’ समारोह में हिस्सा लिया। यहां उन्होंने भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया। इसके लिए वाराणसी से गंगाजल लाया गया है। इस समारोह के दौरान वह सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम के सम्मान में एक स्मारक सिक्का भी जारी करेंगे।
शनिवार को पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था, “कल, 27 जुलाई को महान राजेंद्र चोल प्रथम के दक्षिण पूर्व एशिया के समुद्री अभियान के एक हजार वर्ष पूरे होने तथा चोल वास्तुकला के एक शानदार उदाहरण प्रतिष्ठित गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर के निर्माण के उपलक्ष्य में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। यह हमारा सौभाग्य है कि राजेंद्र चोल प्रथम के सम्मान में एक स्मारक सिक्का जारी किया जा रहा है, साथ ही आदि तिरुवथिरई उत्सव भी मनाया जा रहा है।”
उल्लेखनीय है कि राजेंद्र चोल प्रथम (1014-1044 ई.) ने अपने पिता राजराजा चोल प्रथम का स्थान लिया और चोल साम्राज्य की सीमाओं का विस्तार दक्षिण भारत से आगे बढ़कर दक्षिण-पूर्व एशिया, श्रीलंका और मालदीव तक किया। उन्हें चोल साम्राज्य के सफल समुद्री अभियान का श्रेय दिया जाता है, जिसने बंगाल की खाड़ी के पार राजनयिक और व्यापारिक संबंध स्थापित किए।
स्टालिन ने मांगे 2100 करोड़
प्रधानमंत्री मोदी के तमिलनाडु प्रवास के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने केंद्र से समग्र शिक्षा स्कीम (SSA) के रुके 2100 करोड़ रुपये जारी करने की मांग की है। तमिलनाडु के वित्त मंत्री थंगम थेन्नारासू ने शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी को इस सिलसिले में एक ज्ञापन सौंपा। इसमें स्टालिन ने स्पष्ट किया कि नई शिक्षा नीति के तीन भाषा फॉर्मूले को लेकर तमिलनाडु का दृष्टिकोण भिन्न है। उल्लेखनीय है कि स्टालिन लगातार तीन भाषा फॉर्मूले के तहत हिन्दी की अनिवार्य पढ़ाई का विरोध कर रहे हैं।