नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) को लेकर संसद में चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब दिए जाने की विपक्ष की मांग अनसुनी की जा सकती है। संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने साफ शब्दों में कहा है कि विपक्ष प्रधानमंत्री को किसी भी मुद्दे पर जवाब देने के लिए मजबूर नहीं कर सकता। किरण रिजिजू ने स्पष्ट कहा कि हम नियम के तहत चर्चा को तैयार हैं। जैसे हम यह तय नहीं कर सकते कि विपक्ष की तरफ से कौन बोलेगा, उसी तरह विपक्ष यह तय नहीं कर सकता कि सरकार की तरफ से कौन बोलेगा?
आज संसद की कार्यवाही स्थगित होने के बाद किरण रिजिजू ने कहा कि मानसून सत्र के पहले कुछ दिनों में जो कुछ हुआ है, पूरे देश ने देखा है। इस सत्र में विपक्ष की मांग थी कि पहलगाम हमले पर चर्चा होनी चाहिए। हमने बिजनेस एडवायजरी कमेटी की बैठक में कहा कि हम इस पर चर्चा को तैयार हैं। लेकिन, विपक्ष ने पहले दिन से हांथो में तख्ती बैनर लेकर विरोध करना शुरू कर दिया।
किरण रिजिजू ने कहा कि मैं फिर से विपक्ष से बोलता हूं कि सरकार चर्चा को तैयार है। अभी तक सरकार सिर्फ एक बिल पास करा पायी है। लोग हमे संसद में इसलिए ही भेजते हैं।
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि हम सोमवार को ऑपरेशन सिन्दूर पर चर्चा करेंगे। सहमति भी बन गयी है। मैं उम्मीद करता हूं कि सोमवार से सदन सुचारू रूप से चलेगा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष पीएम को बोलने को बाध्य नहीं कर सकती है जो उस मुद्दे से जुड़ा होगा वही जवाब देगा। ऑपरेशन सिन्दूर पर चर्चा होगी।