मुकेश चंद्रकार को लोकजतन सम्मान
रायपुर। जाने-माने पत्रकार और लेखक उर्मिलेश ने आज यहां कहा कि “मुख्यधारा का मीडिया देश में झूठ की सबसे बड़ी मशीन है।” वह यहां प्रेस क्लब में बस्तर के दिवंगत युवा दिवंगत पत्रकार मुकेश चंद्रकार के सम्मान समारोह और शैलेंद्र शैली की स्मृति व्याख्यान माला में बोल रहे थे।
लोकतांत्रिक भारत में पत्रकारिता चुनौती विषय पर अपने विशेष व्याख्यान में उर्मिलेश ने विस्तार से देश के संविधान निर्माण और संविधान सभा की बहस पर चर्चा की और कहा कि हमारी आजादी की लड़ाई हमारे देश के चरित्र को निर्धारित करती है। उन्होंने कहा कि यह तय था कि जो देश बनेगा यह लोकतांत्रिक सेकुलर सोशलिस्ट मुल्क बनेगा। यह बात हमारी आजादी की लड़ाई के विमर्श में शामिल थी। जो लोग आज सेकुलर और सोशलिस्ट शब्द पर एतराज कर रहे हैं, वे ऐसे लोग हैं जिनकी आजादी के आंदोलन में कोई भूमिका नहीं थी। ये लोग देश को पुरातन युग में ले जाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यधारा का मीडिया आज झूठ बोल रहा है और उन लोगों की भाषा बोल रहा है जो लोग यह फैला रहे हैं कि इंदिरा गांधी के संविधान में संशोधन करने से पहले सेकुलर और सोशलिस्ट शब्द संविधान का हिस्सा नहीं थे। उर्मिलेश ने संविधान सभा की ऐतिहासिक बहस का जिक्र करते हुए बताया कि आंबेडकर ने कहा था पूरा संविधान ही सेकुलर है, इस शब्द की अलग से क्या जरूरत।
उन्होंने आज की पत्रकारिता की हालत को लेकर चिंता जताई और सवाल किया कि यह देखा जाना चाहिए कि लोकतांत्रिक भारत आज कितना लोकतांत्रिक है।
इससे पहले बस्तर के बीजापुर के दिवंगत पत्रकार मुकेश चंद्राकर को मरणोपरांत लोकजतन सम्मान 2025 से सम्मानित किया। मुकेश की परिवार की ओर यह सम्मान बीजापुर की चर्चित कवयित्री पूनम वासम ने ग्रहण किया। उल्लेखनीय है कि इसी साल पहली जनवरी को जांबाज पत्रकार मुकेश की एक ठेकेदार और उसके साथियों ने भ्रष्टाचार से संबंधित उनकी एक रिपोर्ट से नाराज़ होकर उनकी हत्या कर दी थी।
इस मौके पर विशेष अतिथि के रूप में मौजूद कनक तिवारी ने भी आज की पत्रकारिता को लेकर चिंता जताई और देश के संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों की चर्चा की। श्री तिवारी ने बिहार में चुनाव आयोग के मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण को लेकर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम ने जमीन पर जाकर इस मुहिम की गड़बड़ियों को बेनकाब किया है। श्री तिवारी ने कहा कि इस मामले में अजीत अंजुम के खिलाफ एफआईआर किया जाना कानून गलत है। उन पर एफआईआर का कोई मामला बनता ही नहीं।
वरिष्ठ पत्रकार दिवाकर मुक्तिबोध ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कार्यक्रम में बादल सरोज ने लोकजतन पुरस्कार और शैलेंद्र शैली व्याखान माला के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में रायपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर भी मौजूद थे।