द लेंस डेस्क। गजा में हालात खराब हैं, पिछले 24 घंटों में भुखमरी का शिकार हुए 15 लोगों में कुछ बच्चों की मौत हो गयी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ गजा में दूध की भारी कमी है और अगर कहीं मिलता भी है तो एक लीटर की कीमत 100 डॉलर तक पहुंच गई है। पिछले दो महीनों में गजा में कई बच्चे और बुजुर्ग भूख और कुपोषण से दम तोड़ चुके हैं और दवाइयों की कमी से मरने वालों की संख्या और भी बढ़ गई है।
इजरायली हमले और मानवीय संकट
गजा में हालात बेहद गंभीर हैं। भूखे लोग खाने की तलाश में राहत केंद्रों पर जाते हैं लेकिन इजरायली सैनिकों की गोलीबारी में उनकी जान चली जाती है। पिछले सात हफ्तों में ऐसी घटनाओं में एक हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। 111 राहत और मानवाधिकार संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर हालात नहीं सुधरे तो आने वाले दिनों में कई हजार लोग भुखमरी का शिकार हो सकते हैं। इन संगठनों ने विश्व समुदाय से इजरायल पर दबाव बनाने और गजा में खाद्य, पानी और अन्य जरूरी सामग्रियों की आपूर्ति शुरू करने की अपील की है।
Israel-Gaza War : युद्धविराम की उलझन
संयुक्त राष्ट्र ने गजा की नारकीय स्थिति पर गहरी चिंता जताई है और इजरायली सेना द्वारा राहत केंद्रों पर हमलों की निंदा की है। संगठन का कहना है कि इन हमलों से लोगों की जिंदगी की आखिरी उम्मीद भी खत्म हो रही है। हालांकि संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत डैनी डैनन ने इन हालात के लिए हमास को जिम्मेदार ठहराया और दावा किया कि इजरायल को गलत तरीके से बदनाम किया जा रहा है। दूसरी ओर इजरायली हमलों में अब तक 59,000 से ज्यादा फलस्तीनी मारे गए हैं जिनमें ज्यादातर बच्चे और महिलाएं हैं और हाल के 21 लोगों की मौत ने इस संकट को और गहरा दिया है।
पिछले सप्ताह गजा में पांचवीं सदी के कैथोलिक चर्च पर हुए हमले में तीन लोगों की मौत हो गई थी जिसे इजरायली सेना ने गलती माना। इस बीच गजा में युद्धविराम के लिए बातचीत चल रही है लेकिन इजरायल का कहना है कि स्थायी शांति तभी संभव है जब उनकी सेना वहां पूर्ण जीत हासिल कर ले। अक्टूबर 2023 से जारी इस संघर्ष ने गजा को तबाह कर दिया है और बिना तत्काल मदद के स्थिति और खतरनाक हो सकती है।