[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
उत्तर भारत में ठंड का कहर, बर्फबारी और शीतलहर जारी, दिल्ली में ठंड और प्रदूषण की दोहरी मार
इंडिगो क्राइसिस के बाद DGCA ने लिया एक्शन, अपने ही चार इंस्पेक्टर्स को किया बर्खास्त,जानिये क्या थी वजह
ट्रैवल कारोबारी ने इंडिगो की मनमानी की धज्जियां उधेड़ी
287 ड्रोन मार गिराने का रूस का दावा, यूक्रेन कहा- हमने रक्षात्मक कार्रवाई की
छत्तीसगढ़ सरकार को हाई कोर्ट के नोटिस के बाद NEET PG मेडिकल काउंसलिंग स्थगित
विवेकानंद विद्यापीठ में मां सारदा देवी जयंती समारोह कल से
मुखर्जी संग जिन्ना की तस्‍वीर पोस्‍ट कर आजाद का BJP-RSS पर हमला
धान खरीदी में अव्यवस्था के खिलाफ बस्तर के आदिवासी किसान सड़क पर
विश्व असमानता रिपोर्ट 2026: भारत की राष्ट्रीय आय का 58% हिस्सा सबसे अमीर 10% लोगों के पास
लोकसभा में जोरदार हंगामा, विपक्ष का वॉकआउट, राहुल गांधी ने अमित शाह को दे दी चुनौती
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
लेंस संपादकीय

गई भैंस पानी में!

Editorial Board
Editorial Board
Published: July 23, 2025 9:52 PM
Last updated: July 23, 2025 9:52 PM
Share
Cloning of forest buffalo
SHARE

छत्तीसगढ़ से एक दिलचस्प मामला सामने आया है, जब 11 साल बाद पता चला कि वन महकमा जिस पौधे को आम समझ कर सींच रहा था वह अमरूद निकला! दरअसल हुआ यूं कि राज्य के राजकीय पशु वनभैंसा की घटती संख्या को लेकर वन महकमे ने उनकी संख्या बढ़ाने के लिए अनूठा प्रयोग किया। इसके लिए उसने हरियाणा के करनाल स्थित एनडीआरआई (नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट) के साथ मिलकर वन भैंसा की क्लोनिंग की पहल की। इसके लिए आशा नाम की एक मादा वनभैंसा के सोमेटिक सेल कल्चर से दिल्ली के बूचड़खाने के एक देसी भैंसा से क्लोनिंग करवाई। इस तरह क्लोनिंग से तैयार बछिया को नाम दिया गया दीप आशा। 2014 में दीप आशा के तैयार होने पर वन महकमे ने अपनी पीठ ठोंकते हुए बड़े जोर-शोर से दावा किया कि दुनिया में पहली बार वन भैंसा की क्लोनिंग करने में कामयाबी मिली है। चार साल बाद दीप आशा को बकायदा राज्य की राजधानी रायपुर के नजदीक स्थित जंगल सफारी में एक खास बाड़े में रखा गया। बिलकुल सरकारी ढर्रे की तरह सब कुछ गोपनीय रखा गया और खास बाड़े में कैद दीप आशा को सिर्फ मंत्रियों और अफसरों को देखने की इजाजत थी। लेकिन दीप आशा ने तब वन महकमे की आशाओं पर पानी फेर दिया जब हाल ही में सीसीएमबी (सेंटर फॉर सेल्यूलर एंड मॉलिक्युलर बॉयोलॉजी) हैदराबाद और वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट, देहरादून की रिपोर्ट्स से पता चला कि क्लोनिंग से तैयार जिस दीपआशा को वनभैंसा समझा जा रहा था, दरअसल वह हरियाणा सहित उत्तर भारत में पाई जाने वाली मुर्रा प्रजाति की भैंस है, जिसे ‘काला सोना’ तक कहा जाता है। खोट दीप आशा में नहीं, बल्कि सरकारी अमले की नीयत में है। हैरत नहीं, इसका खुलासा भी कुछ वन्यजीव प्रेमियों की कोशिशों से हो सका है। चिंता की बात यह नहीं है कि एक प्रयास विफल हो गया, ऐसा तो वैज्ञानिक प्रयासों में होता ही है और हर नाकामी कुछ सीख देती है। असल में जिस तरह से इस पूरे मामले को दबाने की कोशिश की गई वह इस दुर्लभ वन्य जीव के प्रति वन महकमे सहित सरकारी अमले की संवेदनहीनता को दिखाता है।

TAGGED:ChhattisgarhEditorial
Previous Article Ajeet Rai फिल्म समीक्षक अजीत राय का निधन
Next Article A nuanced and defiant position
Lens poster

Popular Posts

निरंजन दास को EOW ने कोर्ट में किया पेश, कारोबारी नितेश पुरोहित और यश पुरोहित भी गिरफ्तार

रायपुर। सुप्रीम कोर्ट से गिरफ्तारी से राहत वाली याचिका खारिज होने के बाद राज्य आर्थिक…

By दानिश अनवर

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में आज तीसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, बादल फटने से मची भारी तबाही

लेंस डेस्क। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चसोटी गांव में 14 अगस्त बादल फटने से…

By पूनम ऋतु सेन

युद्ध की अर्थव्यवस्था, नतीजा सिर्फ बदहाली

दस मई की शाम को जब एकाएक अमेरिका के राष्ट्रपति का एक ट्वीट वायरल हुआ…

By Editorial Board

You Might Also Like

Navi Mumbai International Airport
लेंस संपादकीय

नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्टः जरूरत और मेहरबानियां

By Editorial Board
छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में तीन नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों को ₹1077 करोड़ की मंजूरी

By पूनम ऋतु सेन
Arrest of a Nun in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में 2 ननों की गिरफ्तारी पर देश की सियायत गर्म, जेल में दोनों से मिलने के बाद INDIA का दल CM से मिला

By दानिश अनवर
English

Af-pak no more!

By The Lens Desk

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?