आवेश तिवारी
नई दिल्ली। क्या 2017 में मुख्यमंत्री बनते बनते रह गए जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को 7 सितंबर को अपना वर्तमान कार्यकाल पूरा होने के बाद पदोन्नति मिलेगी और वह देश के नए उपराष्ट्रपति (Vice President of India) बनेंगे? या फिर वर्तमान उपसभापति को ही पदोन्नत कर उपराष्ट्रपति बनाया जाएगा। पूर्व उपराष्ट्रपति धनखड़ के इस्तीफे के बाद चुनाव आयोग की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि गृह मंत्रालय ने 22 जुलाई 2025 को एक अधिसूचना के जरिये भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की सूचना दी है। इसमें कहा गया कि हमने उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 से संबंधित तैयारियां शुरू कर दी हैं। लेकिन जो सबसे बड़ा सवाल खड़ा है वो यह है कि नया उपराष्ट्रपति कौन होगा?
कौन कौन है रेस में ?
राजनीतिक हलकों में जिन नामों को लेकर चर्चा हो रही है उनमें वन नेशन वन इलेक्शन के समर्थक पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और केरल के बाद अब बिहार के राज्यपाल बने आरिफ मुहम्मद खान का नाम तो है ही साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी नाम लिया जा रहा है। कोई भी निश्चित रूप से नहीं जानता कि अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा। हालाँकि, अफ़वाहों का बाज़ार गर्म है। आइए जानते हैं संभावित उम्मीदवारों को
मनोज सिन्हा : मनोज सिन्हा, जिन्हें कभी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के लिए माना जा रहा था, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाते हैं। अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर के सबसे अशांत दौर में राज्य को संभालने के लिए उनकी कई बार प्रशंसा की गई है। मनोज सिंहा गृह मंत्री अमित शाह के भी नजदीक हैं। विश्लेषकों का मानना है कि उनके अच्छे काम और सत्ता केंद्र के करीबी होने के कारण उन्हें पदोन्नति मिल सकती है।
डी. वाई. चंद्रचूड़ : न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ बीजेपी के करीब माने जाते हैं। उन पर कुछ मामलों में भाजपा का पक्ष लेने और भगवा पार्टी का पक्ष लेने का आरोप लगाया गया है। प्रधानमंत्री गणेश पूजा करने उनके घर गए थे जिसकी काफी आलोचना हुई थी। चंद्रचूड़ खुलकर सरकार की कई नीतियों के समर्थन में दिखे हैं।
आरिफ मुहम्मद खान : आरिफ मोहम्मद खान, जो कभी राजीव गांधी के करीबी थे और बाद में प्रसिद्ध शाहबानो मामले पर अपनी राय के कारण दरकिनार कर दिए गए, को पदोन्नत किया जा सकता है। इससे सरकार की मुस्लिम विरोधी छवि भी सुधरेगी।
नीतीश कुमार : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अग्रणी दावेदारों में से एक के रूप में उभरे हैं। बढ़ती सत्ता विरोधी भावनाओं को भांपते हुए, भाजपा अगले साल बिहार विधानसभा चुनावों में अपने व्यक्ति को कमान सौंप सकती है। हालाँकि, मुख्य बात यह है कि न तो नीतीश कुमार, न ही आरिफ मुहम्मद खान, और न ही डीवाई चंद्रचूड़ भाजपा या आरएसएस से संबंधित हैं। जो भी जो अगर अगला उपराष्ट्रपति आरएसएस के कैडर के बाहर से आता है तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
हरिवंश नारायण सिंह : हरिवंश नारायण सिंह, जो वर्तमान में राज्यसभा के उपसभापति हैं, जनता दल यू के सदस्य हैं, उनके और भाजपा के बीच संबंध हमेशा मधुर रहे हैं। 2022 में जब जद (यू) ने बिहार में एनडीए से नाता तोड़कर महागठबंधन के साथ गठबंधन किया, तब हरिवंश के उपसभापति पद पर बने रहने को लेकर सवाल उठे। कुछ विश्लेषकों का मानना था कि यदि भाजपा कोई प्रस्ताव लाती है तो उन्हें हटाया जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और वह अपने पद पर बने रहे।