रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब 22 सौ वर्ग फीट से कम की कृषि भूमि (Agricultural Land) की रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता विधेयक 2025 पारित होने के बाद छत्तीसगढ़ पंजीयन के महानिरीक्षक ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। महानिरीक्षक की तरफ से प्रदेश के सभी जिलों के पंजीयक और उप पंजीयक को इस संबंध में निर्देश दिए हैं।
जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता विधेयक 2025 में हुए संशोधन के तहत प्रदेश में शहर हो या ग्रामीण क्षेत्र, 5 डिसिमल यानी 2200 वर्गफीट से कम की कृषि भूमि की रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी। रमन सिंह सरकार के समय भी ये नियम था, लेकिन कांग्रेस सरकार बनने के बाद इसे खत्म कर दिया गया था।
छत्तीसगढ़ में राजस्व से जुड़े कई सुधारों वाला छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता विधेयक 2025 विधानसभा के मानसून सत्र में पारित हो गया। इस विधेयक के पारित होने के साथ प्रदेश में अवैध प्लॉटिंग पर बहुत हद तक रोक लगने का रास्ता साफ हो गया है।
इस विधेयक के तहत प्रदेश में शहर हो या ग्रामीण क्षेत्र, 5 डिसिमल यानी 2200 वर्गफीट से कम की कृषि भूमि की रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी। रमन सिंह सरकार के समय भी ये नियम था, लेकिन कांग्रेस सरकार बनने के बाद इसे खत्म कर दिया गया था। अब दोबारा इसे लागू कर दिया गया है।
भू राजस्व संहिता में जियो रेफ्रेस्ड मैप का भी प्रावधान कर दिया गया है। इससे डिजिटल मैप को कानूनी वैधता मिल जाएगी। इसके अलावा नए संशोधन के जरिए भू स्वामी को अब जीवन काल में कभी भी उत्तराधिकारी का नाम जोड़ सकेंगे। भू स्वामी की आकस्मिक मृत्यु होने पर उनके उत्तराधिकारी को स्वत नामांतरण किया जा सकेगा।
इसके अलावा बहुमंजिला प्रोजेक्ट को लेकर भी एक सुधार किया गया है। किसी अपार्टमेंट में फ्लैट लेने पर उस अपार्टमेंट प्रोजेक्ट की पूरी जमीन में फ्लैट के साइज के समानुपातिक रेशियों में जमीन का भी अधिकार मिलेगा।
इसके अलावा 2 एकड़ से उपर के छोटे टुकड़े पर अवैध बसाहट रोकने के लिए प्रावधान किया गया है। अगर ऐसे जमीन का ले आउट टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से अप्रूव कराया जाता है तो भूमि स्वत: डायवर्टेड हो जाएगी। छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के मकान अब जमीन के साथ फ्री होल्ड हो जाएंगे।